Newsnowजीवन शैलीमहिलाओं के लिए जानलेवा है ब्रैस्ट कैंसर, जानिये इसके लक्षण और इलाज

महिलाओं के लिए जानलेवा है ब्रैस्ट कैंसर, जानिये इसके लक्षण और इलाज

भारत में महिलाओं में पाए जाने वाले कैंसरों में ब्रैस्ट कैंसर महिलाओं की मौत का सबसे बड़ा कारण है. सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर की महिलाओं में ब्रैस्ट कैंसर तेजी से बढ़ रहा है. बता दें कि, स्तनों में गांठ महसूस होना या निप्पल से किसी तरह का रिसाव होना स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षण हैं. कैंसर अगर स्टेज 3-4 में पहुँच जाए तो इलाज के तौर पर अंतिम विकल्प सर्जरी ही बचता है. इतना ही नहीं, कई बार परिस्थिति ज़्यादा बिगड़ने पर मौत का खतरा भी रहता है. लेकिन अगर सही समय पर स्तन कैंसर की पहचान कर ली जाए और इसका इलाज शुरू कर दिया जाए, तो इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है. इसलिए आइये आपको बताते हैं महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण और इलाज के बारें में.

1. ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण


अक्सर महिलाएं ब्रैस्ट में उठने वाले दर्द को नज़रंदाज़ कर लापरवाही बरतती हैं. जबकि यह दर्द कोई सामान्य दर्द नहीं बल्कि स्तन में मौजूद गांठ की वजह से उठने वाला दर्द है. ऐसा नहीं है कि हर बार गांठ में सामान्य रूप से दर्द हो, कई बार केवल छूने पर ही इस दर्द को महसूस किया जा सकता है. इसलिए अगर आपको आपके ब्रेस्ट में दर्द या गांठ महसूस हो तो डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें. बता दें कि, स्तनों में पड़ने वाली गांठ का पता लगाने के लिए मेमोग्राफी की जाती है. मैमोग्राफी से ही ब्रैस्ट कैंसर का भी पता लगाया जा सकता है और मेमोग्राफी कराने में ज्य़ादा पैसे भी नहीं लगते. विशेषज्ञों का मानना है कि 30 से 35 साल की महिला को एक बार मेमोग्राफी ज़रूर करानी चाहिए. ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण इस प्रकार हैं
ब्रेस्ट में गांठ होना
समय के साथ स्तन का आकार बढ़ना
ब्रेस्ट का असामान्य तरीके से बढ़ना
स्तनों के बगल में सूजन आना
निप्पल का लाल पड़ना या उनसे खून आना
स्तन में कोई उभार या असामान्य मोटाई लगना

2. जांच इलाज


यह आवश्यक है कि 30 साल की उम्र से प्रत्येक महिला माहवारी के बाद अपने स्तनों और इसके इर्दगिर्द होने वाले बदलावों की स्वयं जांच करे. इसके अलावा, 40 साल की उम्र से प्रत्येक महिला को साल में एक बार महिला रोग विशेषज्ञ से अपनी जांच कराकर उनके परामर्श से स्तनों का एक्सरे या मैमोग्राफी कराना चाहिए. इस एक्सरे को मैमोग्राम कहते हैं. मैमोग्राम के ज़रिये छोटे से छोटे कैंसरग्रस्त भाग का पता लगाया जा सकता है. इस स्थिति में कैंसर के इलाज में पूरे स्तन को निकालने की ज़रूरत नहीं पड़ती. इस अवस्था में पता चलने वाले स्तन कैंसर के रोगियों का 90 से 95 प्रतिशत तक सफल इलाज हो सकता है. ऑपरेशन के ज़रिये पूरे स्तन को निकालने की स्थिति केवल और केवल एडवांस्ड स्टेज में ही आती है. एक डाटा के मुताबिक़, महानगरों शहरों में रहने वाली औरतों में स्तन कैंसर के मामले अधिक देखे जाते हैं. इसलिए ये बहुत ज़रूरी है कि 40 की उम्र के बाद महिलाएं हर महीने अपने ब्रैस्ट की खुद जांच करें और कुछ भी गड़बड़ी लगने पर डॉक्टर से फ़ौरन परामर्श करें.

spot_img

Men Clothing

spot_img

सम्बंधित लेख

Our jewellery is designed to transcend trends and become heirlooms of your personal journey.spot_img
Shop now and celebrate heritage with a fresh twist! 👗🌸✨spot_img
Our collection ensures you carry confidence in every stitch.spot_img
spot_img