सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग द्वारा कांग्रेस नेता कमलनाथ के स्टार प्रचारक का छीने जाने के फैसले पर रोक लगा दी है। आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर बीते शुक्रवार को चुनाव आयोग ने कमलनाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा रद्द कर दिया था। शनिवार को कमलनाथ ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सोमवार सुबह शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगा दी।
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा था, “आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन और उन्हें (कमलनाथ को) जारी की गई सलाह की पूरी तरह से अवहेलना को लेकर आयोग मध्य प्रदेश विधानसभा के वर्तमान उपचुनावों के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का, राजनीतिक दल के नेता (स्टार प्रचारक) का दर्जा तत्काल प्रभाव से समाप्त करता है।” आयोग ने कहा था कि कमलनाथ को स्टार प्रचारक के रूप में प्राधिकारियों द्वारा कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। अब से अगर कमलनाथ द्वारा कोई चुनाव प्रचार किया जाता है तो यात्रा, ठहरने और दौरे से संबंधित पूरा खर्च उस उम्मीदवार द्वारा वहन किया जाएगा, जिसके निर्वाचन क्षेत्र में वह चुनाव प्रचार करेंगे।
आयोग ने अपने फैसले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ कमलनाथ की टिप्पणी का उल्लेख किया। कमलनाथ ने एक हालिया चुनावी कार्यक्रम में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ ‘माफिया और मिलावट खोर’ शब्दों का इस्तेमाल किया था। आयोग ने पिछले हफ्ते कमलनाथ को चुनाव प्रचार में ‘आइटम’ जैसे शब्दों का उपयोग नहीं करने को कहा था। कमलनाथ ने एक रैली में मंत्री और बीजेपी उम्मीदवार इमरती देवी पर निशाना साधने के लिए ‘आइटम’ शब्द का इस्तेमाल किया था।