Operation Sindoor के तहत भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा 7 मई को किए गए सटीक हमलों में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े नौ प्रमुख आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया गया।
नौ आतंकी शिविरों में से पांच पीओके में और अन्य चार पाकिस्तान में स्थित थे।

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पाकिस्तान में नष्ट किए गए शिविरों में से दो शिविर अधिक महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे न केवल प्रमुख कमांडरों के निवास के रूप में काम करते हैं, बल्कि लश्कर और जैश के लिए कट्टरपंथ और खुफिया जानकारी और हथियार संचालन पर विभिन्न प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के केंद्र के रूप में भी काम करते हैं।’
Operation Sindoor से भारत ने दुनिया को दिखाई नीति
रविवार को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, एयर ऑपरेशन के महानिदेशक, एयर मार्शल ए.के. भारती ने Operation Sindoor के विवरण का खुलासा किया कि कैसे इन दो स्थलों को निशाना बनाया गया और नष्ट किया गया, जिनमें से एक मुरीदके में लश्कर का गढ़ मरकज तैयबा और दूसरा बहावलपुर में जैश का मुख्यालय मरकज सुभान अल्लाह था।
एक विस्तृत प्रस्तुति में, एयर मार्शल ने बताया कि सटीक हमलों का कारण आतंकी शिविरों के भीतर विशिष्ट इमारतों को निशाना बनाना था, जो भारत की “किसी को हताहत न करने” की प्रतिबद्धता के अनुरूप थे।
उन्होंने मुरीदके शिविर में चार विशिष्ट इमारतों को प्रस्तुत किया, जिन्हें उस हमले के दौरान निशाना बनाया गया था, जिसके कारण लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े मुदस्सर खादियन खास की मौत हो गई थी, जो वहां मरकज तैयबा का प्रभारी था।

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उन्होंने मुरीदके शिविर में चार प्रभाव बिंदु दिखाए, जिन्हें निशाना बनाया गया था।
एयर मार्शल ने बहावलपुर में हुए नुकसान को भी दिखाया, जहां मौलाना मसूद अजहर के सबसे बड़े बहनोई, जैश-ए-मोहम्मद के हाफिज मुहम्मद जमील का ठिकाना था।
वह बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह का प्रभारी था और युवाओं को कट्टरपंथी बनाने तथा जैश-ए-मोहम्मद के लिए धन जुटाने में सक्रिय रूप से शामिल था।
सशस्त्र बलों द्वारा उपलब्ध कराए गए वीडियो और फोटो साक्ष्यों ने भारत के इस रुख को दोहराया कि वह केवल आतंकी शिविरों को निशाना बनाएगा तथा किसी भी नागरिक या सैन्य ढांचे को न्यूनतम नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
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इस बीच, महानिदेशक सैन्य अभियान लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि 22 अप्रैल के आतंकी हमलों के प्रतिशोध में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया।
घई के अनुसार, मारे गए आतंकवादियों में 1999 के इंडियन एयरलाइंस के विमान (IC-814) अपहरण और 2019 के पुलवामा आतंकी हमले में शामिल आतंकवादी शामिल थे।
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