मुरादाबाद/उ.प्र: Moradabad में पशुओं में लंपी स्किन डिजीज बीमारी के बढ़ते प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए पशुपालकों में जागरूकता जरूरी है।
पशुपालन विभाग के अधिकारी कर्मचारी इसे नियंत्रित करने के लिए गंभीरतापूर्वक कार्य करें। यह बातें जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने पशुपालन विभाग के माध्यम से चलाए जा रहे लंपी स्किन डिजीज नियंत्रण अभियान के तहत विभिन्न क्षेत्रों में प्रचार प्रसार के लिए कलेक्ट्रेट से एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते समय कही।
उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सहित अन्य को जागरूकता अभियान के साथ बीमार पशुओं के इलाज और टीकाकरण पर भी ध्यान देने के लिए कहा।
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Moradabad के पशुओं में तेज़ी से फैल रहा है लंपी वायरस
लंपी वायरस पशुओं में तेज़ी से फैल रहा है। जिले में अब तक लंपी वायरस के कुल 127 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 98 पशु इस बीमारी से मुक्त हो गए हैं। जबकि एक पशु की लंपी वायरस की चपेट में आने से मौत हो गई है और बाकी बचे हुए पशुओं का इलाज चल रहा है। हालांकि, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के मुताबिक, वो पहले से ही ट्रिपैनोसोमा नाम की बीमारी से ग्रसित था।
लंपी स्किन डिजीज वायरस ने उत्तर प्रदेश में पशुपालकों में डर का माहोल पैदा कर दिया है। प्रदेश भर में लंपी स्किन डिजीज वायरस से जुड़े मामले लगातार सामने आ रहे हैं। लेकिन, अच्छी बात यह है कि इस बीमारी से मरने वालों की संख्या महज एक फीसदी है।
सरकार ने इस बीमारी की रोकथाम के लिए टीकाकरण का काम शुरू कर दिया है। मुरादाबाद में भी मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में टीकाकरण तेजी से किया जा रहा है और उनके अनुसार दिए गए लक्ष्य को बहुत जल्द हासिल कर लिया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी पशुपालन विभाग ने बताया कि लंपी वायरस से सावधानी बरतने की जरूरत है। क्योंकि यह वायरल बीमारी है, जो एक शरीर से दूसरे शरीर में फैलती है। ये ठीक कोरोना वायरस की तरह फैलने वाली बीमारी है। लंपी वायरस से डरने की जरूरत नहीं है। लेकिन सावधानी बरतनी जरूरी है।
मुरादाबाद से संवाददाता फ़राज़ खान की रिपोर्ट