NewsnowदेशMP के नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीते

MP के नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीते

चीतों को लेकर एक विमान सुबह 10 बजे ग्वालियर वायुसेना अड्डे पर उतरा। अब उन्हें हेलिकॉप्टर से कूनो नेशनल पार्क ले जाया जाएगा।

MP/ग्वालियर: दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को शनिवार सुबह मध्य प्रदेश के ग्वालियर लाया गया, जहां से उन्हें श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) में क्वारंटाइन बाड़ों में छोड़ने के लिए ले जाया जाएगा।

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भारतीय वायु सेना (आईएएफ) का एक विमान बिल्लियों को लेकर सुबह करीब 10 बजे ग्वालियर हवाई ठिकाने पर उतरा।

12 cheetahs brought from South Africa to MP

MP के राष्ट्रीय उद्यान में लाए गए चीते

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव सात नर और पांच मादा चीतों को कूनो नेशनल पार्क में उनके संगरोध बाड़ों में छोड़ देंगे।

फिर दोपहर करीब 12 बजे उन्हें वायुसेना के हेलीकॉप्टर से ग्वालियर से केएनपी भेजा जाएगा। एक विशेषज्ञ ने बताया था कि आधे घंटे (12.30 बजे) के बाद उन्हें क्वारंटीन बोमास (बाड़ों) में रखा जाएगा।

पिछले साल सितंबर में नामीबिया से आठ चीते भारत लाए गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर कूनो नेशनल पार्क में बड़ी बिल्लियों (चीता) को छोड़ा।

केंद्र द्वारा विचार किए जाने के तीन साल बाद दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों का स्थानांतरण हुआ है। दुनिया का पहला ट्रांसकॉन्टिनेंटल ट्रांसलोकेशन प्रोजेक्ट जिसका उद्देश्य देश में बड़ी बिल्लियों को फिर से लाना है।

‘प्रोजेक्ट चीता’ का उद्देश्य

12 cheetahs brought from South Africa to MP
MP के राष्ट्रीय उद्यान में लाए गए चीते

भारतीय वन्यजीव कानूनों के अनुसार, जानवरों को आयात करने से पहले एक महीने का क्वारंटाइन अनिवार्य है और देश में आने के बाद उन्हें अगले 30 दिनों के लिए आइसोलेशन में रखा जाना आवश्यक है।

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भारत में अंतिम चीता की मृत्यु वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में 1947 में हुई थी और इस प्रजाति को 1952 में विलुप्त घोषित कर दिया गया था। पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने 2009 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के तहत चीता परियोजना की शुरुआत की थी भारत में जंगली बिल्लियों को फिर से पेश करने का लक्ष्य।

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