Lord Shiva को संहारक, पालनकर्ता और कल्याणकारी देवता के रूप में पूजा जाता है। उनके 12 ज्योतिर्लिंग भारत के विभिन्न स्थानों पर स्थित हैं, जो भक्तों के लिए विशेष आध्यात्मिक केंद्र माने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन और पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
यह भी पढ़ें: महिलाएं Hanuman ji का व्रत क्यों नहीं रखतीं? धार्मिक, पौराणिक और सामाजिक दृष्टिकोण
सामग्री की तालिका
Lord Shiva के 12 ज्योतिर्लिंग

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग (गुजरात)
📍 स्थान: सौराष्ट्र, गुजरात
🔹 यह पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है।
🔹 इसका उल्लेख शिवपुराण और ऋग्वेद में भी मिलता है।
🔹 इसे चंद्र देव (सोम) द्वारा स्थापित किया गया था, जिन्होंने शिव जी की उपासना कर श्राप से मुक्ति पाई थी।
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग (आंध्र प्रदेश)
📍 स्थान: श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश
🔹 इसे दक्षिण का कैलाश कहा जाता है।
🔹 भगवान शिव और माता पार्वती ने अपने पुत्र कार्तिकेय को मनाने के लिए यहां निवास किया था।
🔹 यह शक्ति पीठ और ज्योतिर्लिंग दोनों का संगम है।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (मध्य प्रदेश)
📍 स्थान: उज्जैन, मध्य प्रदेश
🔹 यह एकमात्र ज्योतिर्लिंग है जो दक्षिणमुखी है।
🔹 यहां भस्म आरती विश्व प्रसिद्ध है, जिसमें प्रतिदिन प्रातःकाल चिता की भस्म से भगवान शिव की पूजा होती है।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (मध्य प्रदेश)

📍 स्थान: नर्मदा नदी, मध्य प्रदेश
🔹 नर्मदा नदी के बीच स्थित ओंकार पर्वत पर स्थित है।
🔹 यहां भगवान शिव दो रूपों में पूजे जाते हैं—ओंकारेश्वर और ममलेश्वर।
🔹 यह ज्योतिर्लिंग ओम (ॐ) के आकार में स्थित है।
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग (उत्तराखंड)
📍 स्थान: उत्तराखंड
🔹 यह सबसे ऊँचाई (3,583 मीटर) पर स्थित ज्योतिर्लिंग है।
🔹 महाभारत के अनुसार, पांडवों ने यहां भगवान शिव की पूजा कर अपने पापों का प्रायश्चित किया था।
🔹 यहां की यात्रा कठिन है, लेकिन Lord Shiva के भक्तों के लिए बेहद पवित्र मानी जाती है।
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग (महाराष्ट्र)
📍 स्थान: पुणे, महाराष्ट्र
🔹 यह सह्याद्री पर्वत श्रृंखला में स्थित है।
🔹 यहां भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था।
🔹 भीमा नदी भी इसी स्थान से निकलती है।
यह भी पढ़ें: Lord Shiva का आशीर्वाद पाने के लिए शिवलिंग पर चढ़ाएं 10 चीजें
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग (उत्तर प्रदेश)
📍 स्थान: वाराणसी, उत्तर प्रदेश
🔹 यह भारत का सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिर है।
🔹 मान्यता है कि यह मंदिर स्वयं भगवान शिव के त्रिशूल पर स्थित है।
🔹 यहां मृत्यु को मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है, इसलिए इसे मोक्ष की नगरी कहा जाता है।
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग (महाराष्ट्र)

📍 स्थान: नासिक, महाराष्ट्र
🔹 यह गोदावरी नदी के तट पर स्थित है।
🔹 यहां भगवान शिव के त्रिनेत्र रूप की पूजा होती है।
🔹 इसे कालसर्प दोष निवारण के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग (झारखंड)
📍 स्थान: देवघर, झारखंड
🔹 इसे बाबा बैद्यनाथ धाम के नाम से भी जाना जाता है।
🔹 मान्यता है कि रावण ने यहां Lord Shiva को प्रसन्न करने के लिए घोर तपस्या की थी।
🔹 यहाँ श्रावण मास में कांवड़ यात्रा प्रसिद्ध है।
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (गुजरात)
📍 स्थान: द्वारका, गुजरात
🔹 इसे दारुकावन (एक प्राचीन वन) में स्थित माना जाता है।
🔹 यह शिव भक्त सुहर्षा के कठोर तप का परिणाम है।
🔹 यहां भगवान शिव ने दारुक नामक राक्षस का संहार किया था।
रामेश्वरम् ज्योतिर्लिंग (तमिलनाडु)

📍 स्थान: रामेश्वरम्, तमिलनाडु
🔹 भगवान राम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले यहां शिवलिंग की स्थापना की थी।
🔹 यहां समुद्र स्नान और 22 कुओं के जल से अभिषेक करने की परंपरा है।
🔹 इसे चार धामों में से एक माना जाता है।
यह भी पढ़ें: Lord Shiva के 6 चमत्कारी मंत्र जो दूर करेंगे हर समस्या
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग (महाराष्ट्र)
📍 स्थान: औरंगाबाद, महाराष्ट्र
🔹 इसे घृष्णेश्वर और कुशेश्वर दोनों नामों से जाना जाता है।
🔹 यह अजंता-एलोरा गुफाओं के पास स्थित है।
🔹 इस ज्योतिर्लिंग के पीछे एक भक्त महिला घृष्णा की कहानी है, जिन्होंने शिव भक्ति से अपने मृत पुत्र को पुनर्जीवित किया था।