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दिल्ली में इस साल Dengue के 158 मामले; 32 सितंबर में

इस वर्ष 1 जनवरी से 11 सितंबर की अवधि के लिए Dengue के मामलों की संख्या भी 2019 के बाद से सबसे अधिक है, जब इसी अवधि में गिनती 171 थी।

158 dengue cases in Delhi this year; 32 in september
34 मामले तो सितंबर के पहले 11 दिनों में दर्ज किए गए हैं।

नई दिल्ली: सोमवार को जारी एक नागरिक रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में इस साल Dengue के कम से कम 158 मामले सामने आए हैं 

1 जनवरी से 11 सितंबर की अवधि के लिए डेंगू के मामलों की संख्या भी 2019 के बाद से इस साल सबसे अधिक है, जब इसी अवधि में गिनती 171 थी।

अगस्त के महीने में बहत्तर मामले दर्ज किए गए, जो रिपोर्ट के अनुसार कुल मामलों का लगभग 45 प्रतिशत है।

34 Dengue के मामले तो सितंबर के पहले 11 दिनों में दर्ज हुए।

Dengue के मच्छर साफ, खड़े पानी में पनपते हैं, जबकि मलेरिया के मच्छर गंदे पानी में भी पनपते हैं।

वेक्टर जनित रोगों के मामले आमतौर पर जुलाई और नवंबर के बीच रिपोर्ट किए जाते हैं, लेकिन यह अवधि दिसंबर के मध्य तक बढ़ सकती है।

पिछले सप्ताह नगर निगमों द्वारा जारी एक नागरिक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल 4 सितंबर तक डेंगू के 124 मामले दर्ज किए गए थे।

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11 सितंबर तक इस साल लगभग Dengue के 158 मामले सामने आए हैं। जनवरी में दो, फरवरी में पांच, मार्च में पांच, अप्रैल में 10, मई में 12, जून में सात और जुलाई में 16 मामले दर्ज नहीं किए गए।

पिछले वर्षों में, इसी अवधि में मामले थे – 2016 में 1,158, 2017 में 1,177, 2018 में 243, 2019 में 171 और 2020 में 131।

हालांकि अभी तक शहर में डेंगू से किसी की मौत की खबर नहीं है।

सोमवार को जारी सिविक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल 11 सितंबर तक मलेरिया के 68 और चिकनगुनिया के 40 मामले भी सामने आ चुके हैं।

मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया तीनों बीमारियों में तेज बुखार भी हो होता है और इसलिए लोगों को संदेह हो सकता है कि उन्हें COVID-19 हो गया है।

दिल्ली में नागरिक निकायों ने वेक्टर जनित बीमारियों के प्रकोप को रोकने के लिए अपने उपाय तेज कर दिए हैं।

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिति के अध्यक्ष जोगी राम जैन ने हाल ही में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की रोकथाम पर जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की।

जैन ने अधिकारियों को एनडीएमसी के तहत सभी क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया था ताकि अधिक से अधिक नागरिकों को जागरूक किया जा सके।

उन्होंने सरकारी भवनों, स्कूलों, कार्यालयों, सामुदायिक भवनों और औषधालयों के परिसरों में मच्छरों के लार्वा के प्रजनन की नियमित जांच करने के भी निर्देश दिए थे। पीटीआई केएनडी

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