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Karnataka विधानसभा ने सार्वजनिक ठेकों में मुसलमानों को 4 प्रतिशत आरक्षण देने वाला विधेयक पारित किया

भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया और इस विधेयक को अदालत में चुनौती देने की बात कही है।

Karnataka विधानसभा ने शुक्रवार, 21 मार्च 2025 को सरकारी ठेकों में मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला विधेयक पारित किया। ‘कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता’ (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन के तहत, अब मुसलमान ठेकेदार 2 करोड़ रुपये तक के सिविल कार्यों और 1 करोड़ रुपये तक के माल एवं सेवा अनुबंधों में इस आरक्षण का लाभ उठा सकेंगे। ​ ​

यह भी पढ़ें: BJP ने Karnataka में Congress की मुस्लिम तुष्टिकरण नीति का विरोध किया

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 7 मार्च को पेश किए गए अपने बजट में इस आरक्षण की घोषणा की थी। वर्तमान में, कर्नाटक में सिविल कार्य ठेकों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के लिए 24 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की श्रेणी-1 के लिए 4 प्रतिशत, और श्रेणी-2ए के लिए 15 प्रतिशत आरक्षण है। इस संशोधन के माध्यम से ओबीसी की श्रेणी-2बी के तहत मुसलमानों को 4 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया है। ​

Karnataka में 4% मुस्लिम आरक्षण पर हंगामा

Karnataka Assembly passed a bill giving 4 percent reservation to Muslims in public contracts

विधेयक पारित होने के दौरान विधानसभा में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसका कड़ा विरोध किया और इसे ‘असंवैधानिक’ करार दिया। भाजपा विधायकों ने सदन में हंगामा करते हुए विधेयक की प्रतियां फाड़ीं और स्पीकर की ओर फेंकीं। इसके परिणामस्वरूप, विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के मुख्य सचेतक डोडानगौड़ा एच पाटिल सहित 18 भाजपा विधायकों को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया।

भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया और इस विधेयक को अदालत में चुनौती देने की बात कही है। पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि यह कदम ओबीसी समुदाय के अधिकारों का हनन है और कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति के माध्यम से अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है। ​

Karnataka Assembly passed a bill giving 4 percent reservation to Muslims in public contracts

दूसरी ओर, कांग्रेस ने इस विधेयक को सामाजिक न्याय और अल्पसंख्यकों के आर्थिक उत्थान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। सरकार का मानना है कि इस आरक्षण से मुस्लिम ठेकेदारों को सरकारी ठेकों में अधिक अवसर मिलेंगे, जिससे उनके आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। ​

इस प्रकार, Karnataka में सरकारी ठेकों में मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण का यह विधेयक पारित हो गया है, लेकिन इसके विरोध और कानूनी चुनौतियों के चलते यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह निर्णय भविष्य में किस दिशा में आगे बढ़ता है।

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