होम मनोरंजन Allu Arjun द्वारा ठुकराई गई 6 सुपरहिट फिल्में

Allu Arjun द्वारा ठुकराई गई 6 सुपरहिट फिल्में

इन छह फिल्मों को छोड़ने का Allu Arjun का फैसला उनकी बड़ी सफलता को देखते हुए आश्चर्यजनक लग सकता है। हालांकि, प्रत्येक निर्णय कई कारकों पर आधारित था

Allu Arjun, तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े सितारों में से एक हैं। उन्होंने अपनी करियर को स्मार्ट भूमिकाओं के चुनाव, शानदार अभिनय और बेहतरीन करिश्मे के साथ बनाया है। हालांकि, कई शीर्ष अभिनेताओं की तरह, उन्होंने भी कई स्क्रिप्ट्स को ठुकराया है, जो बाद में बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुईं। ये अस्वीकृतियाँ जितनी आश्चर्यजनक लग सकती हैं, वे इस बात को दर्शाती हैं कि फिल्में और भूमिकाएं चुनने की प्रक्रिया कितनी जटिल हो सकती हैं। आइए, उन 6 सुपरहिट फिल्मों पर नज़र डालते हैं, जिन्हें अल्लू अर्जुन ने ठुकराया और वो बाद में बड़ी सफलता प्राप्त कीं, साथ ही उनके निर्णय के पीछे की संभावित वजहों और उनके करियर पर पड़े प्रभाव की चर्चा करते हैं।

1. आर्य 2 (2009)

फिल्म की पृष्ठभूमि: “आर्य 2” Allu Arjun की सुपरहिट फिल्म “आर्य” (2004) का सीक्वल थी, जिसने उन्हें तेलुगु सिनेमा का “स्टाइलिश स्टार” बना दिया। निर्देशक सुकुमार द्वारा बनाई गई इस फिल्म में जटिल रिश्तों, दोस्ती और एकतरफा प्रेम की कहानी को दर्शाया गया है। अल्लू अर्जुन से उम्मीद थी कि वे इस सीक्वल में भी अपनी भूमिका निभाएंगे।

अल्लू अर्जुन ने इसे क्यों ठुकराया: शुरुआत में, अल्लू अर्जुन इस प्रोजेक्ट को लेकर बात कर रहे थे, लेकिन उन्होंने फिल्म की दिशा और कहानी की टोन को लेकर रचनात्मक मतभेद जताए। सुकुमार फिल्म को एक गहरे और अधिक गंभीर दिशा में ले जाना चाहते थे, जिसे उस समय अल्लू अर्जुन अपने करियर में लेकर आश्वस्त नहीं थे।

किसने भूमिका निभाई: फिल्म में बाद में किसी अन्य अभिनेता ने आर्य की भूमिका निभाई। हालांकि, फिल्म को मिश्रित समीक्षाएं मिलीं, लेकिन अपने पहले भाग की लोकप्रियता के कारण इसे बॉक्स ऑफिस पर ठीक-ठाक सफलता मिली।

प्रभाव: Allu Arjun के इस फिल्म को ठुकराने से उनके करियर पर कोई असर नहीं पड़ा। उन्होंने “जुलाई” और “सारैनोडु” जैसी फिल्मों के साथ अपने करियर को और ऊंचाइयों पर ले जाने का रास्ता अपनाया। उनकी इस फिल्म को ठुकराने के बाद उन्हें अन्य प्रकार की भूमिकाएं निभाने का मौका मिला, जिससे उनका अभिनय दायरा बढ़ा।

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2. मगधीरा (2009)

फिल्म की पृष्ठभूमि: “मगधीरा” एक ऐतिहासिक फैंटेसी फिल्म है, जिसे एस. एस. राजामौली ने निर्देशित किया था। यह फिल्म तेलुगु सिनेमा की सबसे आइकॉनिक फिल्मों में से एक है। फिल्म में पुनर्जन्म की कहानी दिखाई गई, जिसमें शानदार एक्शन सीन, भव्य सेट्स और भावनात्मक गहराई थी। यह फिल्म राम चरण के करियर में मील का पत्थर साबित हुई।

Allu Arjun ने इसे क्यों ठुकराया: अल्लू अर्जुन को शुरुआत में हर्षा की भूमिका की पेशकश की गई थी, जो बाद में राम चरण का करियर-निर्माण करने वाली भूमिका बनी। लेकिन अल्लू अर्जुन ने फिल्म की ऐतिहासिक और फैंटेसी तत्वों को लेकर संदेह व्यक्त किया। उस समय, इस शैली को एक जोखिम भरा कदम माना जाता था, और अल्लू अर्जुन को यकीन नहीं था कि यह दर्शकों को पसंद आएगी या नहीं।

किसने भूमिका निभाई: राम चरण ने यह भूमिका निभाई, और “मगधीरा” ने तेलुगु सिनेमा में नए रिकॉर्ड स्थापित किए, जिससे राम चरण एक प्रमुख सितारे बन गए।

प्रभाव: Allu Arjun के इस फिल्म को ठुकराने का फैसला उनके करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता था, लेकिन उन्होंने अपने ब्रांड पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखा। उन्होंने बाद में कई अलग-अलग शैलियों में जोखिम उठाया, जैसे कि 2020 की उनकी फिल्म “अला वैकुंठपुरमुलु,” जिसमें ड्रामा और एक्शन का अनोखा मिश्रण था।

3. बाहुबली: द बिगिनिंग (2015)

फिल्म की पृष्ठभूमि: एस. एस. राजामौली की महाकाव्य फिल्म “बाहुबली: द बिगिनिंग” ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए और भारतीय सिनेमा को एक नया आकार दिया। यह फिल्म दो भागों में रिलीज़ हुई और एक भव्य ऐतिहासिक ड्रामा है, जिसमें महाकाव्य युद्ध सीन, गहरी साजिशें और भावनात्मक कहानी दिखाई गई।

Allu Arjun ने इसे क्यों ठुकराया: अल्लू अर्जुन को फिल्म में भल्लालदेव की भूमिका की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। उस समय, वह एक नकारात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार नहीं थे क्योंकि उनकी छवि एक हीरो या एंटी-हीरो के रूप में थी। इसके अलावा, वह उस समय मुख्य भूमिकाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे थे।

किसने भूमिका निभाई: राणा दग्गुबाती ने भल्लालदेव की भूमिका निभाई और उनकी दमदार एक्टिंग के कारण यह भूमिका उन्हें भारी पहचान दिलाई। “बाहुबली” भारत में सबसे बड़ी सफलताओं में से एक बन गई।

प्रभाव: भले ही Allu Arjun ने भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक का हिस्सा बनने का मौका गंवाया, लेकिन उनकी करियर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा। उन्होंने “पुष्पा: द राइज” जैसी फिल्मों से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई।

4. श्रीमान्थुडु (2015)

फिल्म की पृष्ठभूमि: “श्रीमान्थुडु,” कोराटाला शिवा द्वारा निर्देशित, एक पारिवारिक ड्रामा है जिसमें एक गहरी सामाजिक संदेश दिया गया है। महेश बाबू ने इसमें एक अमीर आदमी की भूमिका निभाई, जो एक गाँव को गोद लेता है और उसकी स्थिति को बेहतर बनाता है। यह फिल्म आलोचकों और दर्शकों दोनों से सराहना प्राप्त कर बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट साबित हुई।

Allu Arjun ने इसे क्यों ठुकराया: अल्लू अर्जुन को इस फिल्म की मुख्य भूमिका के लिए पहले अप्रोच किया गया था, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। उन्होंने सोचा कि यह फिल्म उनके लक्षित दर्शकों को पसंद नहीं आएगी, क्योंकि फिल्म का संदेश-प्रधान कथानक उनकी सामान्य एक्शन भूमिकाओं से अलग था। इसके अलावा, उस समय वे अन्य प्रोजेक्ट्स में व्यस्त थे।

किसने भूमिका निभाई: महेश बाबू ने इस भूमिका को निभाया और उनकी सजीव प्रस्तुति ने दर्शकों के दिलों को छू लिया। “श्रीमान्थुडु” ने ₹200 करोड़ से अधिक की कमाई की और इसे अपने संतुलित मिश्रण के लिए सराहा गया।

प्रभाव: Allu Arjun की यह फिल्म ठुकराने का निर्णय उनके करियर के लिए एक रणनीतिक कदम हो सकता है। उन्होंने अपनी ब्रांडिंग को इस तरह से आगे बढ़ाया, जिससे वे अन्य तेलुगु सितारों से अलग दिखे और अपनी अलग पहचान बनाई।

5. टेम्पर (2015)

फिल्म की पृष्ठभूमि: पुरी जगन्नाध द्वारा निर्देशित “टेम्पर” में जूनियर एनटीआर ने एक भ्रष्ट पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई जो एक नैतिक परिवर्तन से गुजरता है। फिल्म को इसकी रोमांचक कहानी और दमदार प्रदर्शन के लिए सराहा गया। “टेम्पर” बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट साबित हुई।

Allu Arjun ने इसे क्यों ठुकराया: अल्लू अर्जुन को पहले इस भूमिका के लिए अप्रोच किया गया था, लेकिन उन्होंने अपने व्यस्त कार्यक्रम और अन्य परियोजनाओं में व्यस्तता के कारण इसे ठुकरा दिया। ऐसी भी अफवाहें थीं कि उस समय वे एक नैतिक रूप से संदिग्ध चरित्र निभाने के लिए तैयार नहीं थे।

किसने भूमिका निभाई: जूनियर एनटीआर ने यह भूमिका निभाई और इसे अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक बना दिया। “टेम्पर” की सफलता ने उनके करियर को एक नई दिशा दी।

प्रभाव: “टेम्पर” को ठुकराने के बाद भी Allu Arjun के करियर में कोई गिरावट नहीं आई। उन्होंने “सारैनोडु” और “डिजे: दुर्वा जगन्नाधम” जैसी फिल्में की, जो वाणिज्यिक रूप से सफल रहीं।

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6. गीता गोविंदम (2018)

फिल्म की पृष्ठभूमि: परशुराम द्वारा निर्देशित, “गीता गोविंदम” एक रोमांटिक कॉमेडी है जो स्लीपर हिट बन गई, जिसमें विजय देवरकोंडा ने अभिनय किया। यह फिल्म एक युवा पुरुष और एक दृढ़ इच्छाशक्ति वाली महिला के बीच हास्य और भावनात्मक गतिशीलता पर केंद्रित है।

अल्लू अर्जुन ने इसे क्यों अस्वीकार किया: कथित तौर पर Allu Arjun को मुख्य भूमिका के लिए संपर्क किया गया था, लेकिन वह पहले से ही अन्य परियोजनाओं के लिए प्रतिबद्ध थे। इसके अलावा, उन्हें लगा होगा कि फिल्म का हल्का रोमांटिक टोन उनकी स्थापित छवि के साथ फिट नहीं बैठता, जो एक्शन से भरपूर ड्रामा और हाई-ऑक्टेन प्रदर्शनों की ओर अधिक झुकी हुई थी।

किसने निभाई भूमिका: विजय देवरकोंडा ने भूमिका निभाई, और “गीता गोविंदम” ने उन्हें पूरे भारत में दिलों की धड़कन बना दिया। फिल्म की बॉक्स-ऑफिस सफलता ने कई लोगों को चौंका दिया, खासकर इसके मामूली बजट और आम जनता को आकर्षित करने वाले तत्वों की कमी को देखते हुए।

प्रभाव: जहाँ “गीता गोविंदम” ने विजय देवरकोंडा के करियर को आसमान छूने में मदद की, वहीं Allu Arjun ने अपनी ताकत के हिसाब से फ़िल्मों के साथ आगे बढ़ना जारी रखा। सिनेमा का उनका ब्रांड- एक्शन से भरपूर, बड़े पैमाने पर मनोरंजन करने वाली फिल्में- अलग रही, जिससे उन्हें शीर्ष स्तर के तेलुगु स्टार के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने में मदद मिली।

निष्कर्ष

इन छह फिल्मों को छोड़ने का Allu Arjun का फैसला उनकी बड़ी सफलता को देखते हुए आश्चर्यजनक लग सकता है। हालांकि, प्रत्येक निर्णय कई कारकों पर आधारित था, जिसमें शेड्यूलिंग संघर्ष, उनके करियर प्रक्षेपवक्र में भूमिका के फिट होने की उनकी धारणा और रचनात्मक अंतर शामिल हैं। जबकि इन फिल्मों ने अन्य अभिनेताओं पर बहुत प्रभाव डाला, अल्लू अर्जुन के करियर विकल्पों ने उन्हें लगातार तेलुगु फिल्म उद्योग के शीर्ष पर रखा है। एक्शन, करिश्मा और बहुमुखी प्रतिभा के उनके अनूठे मिश्रण ने यह सुनिश्चित किया है कि वे एक भरोसेमंद और प्रिय स्टार बने रहें, भले ही उन्होंने कितनी भी फिल्में ठुकरा दी हों।

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