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Bijnor में रहस्यमय बुखार से 7 की मौत, 100 से अधिक बीमार

बिजनौर के नूरपुर क्षेत्र के गांव फीना में एक रहस्यमय बुखार ने अपना डेरा जमाया हुआ है। इस समय 100 से ज्यादा लोग बुखार की चपेट में हैं। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग पर कैम्प के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करने की बात कही।

बिजनौर/उ.प्र:  Bijnor के नूरपुर क्षेत्र के गांव फीना में एक सप्ताह पहले बुखार से जंहा दो बच्चों की मौत होने के बाद से बीमारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। वंही अब बुखार से सात लोगों की मौत होने से ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है।  

7 die of mysterious fever in Bijnor
Bijnor में रहस्यमय बुखार से 7 की मौत

हालात ये हैं कि गांव के हर घर में कोई न कोई सदस्य बुखार से पीड़ित है। गांव की ज्यादातर दुकानें भी बंद हैं। स्वास्थ्य विभाग शिविर लगाने का दावा तो कर रहा है, लेकिन ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं से संतुष्ट नहीं हैं। गांव फीना में रोजाना बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इस समय 100 से ज्यादा लोग बुखार की चपेट में हैं।

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Bijnor के नूरपुर क्षेत्र का मामला 

Bijnor में रहस्यमय बुखार से 7 की मौत

दरअसल नूरपुर क्षेत्र के गांव में बुखार की शुरुआत दो सप्ताह पहले हुई थी। शुरूआत में एक-दो ग्रामीण बुखार की चपेट में थे, लेकिन बाद में मरीजों की संख्या बढ़ती चली गई। बुखार से गांव में अबतक 7 लोगो की मौते हो चुकी हैं। 

बुखार के लक्षण कुछ ऐसे बताए जा रहे हैं कि पहले शरीर में थकान होती है जिसके बाद शरीर का तापमान बढ़ना शुरू हो जाता है, और इसके बाद में तेज बुखार के साथ शरीर और सिर में दर्द हो रहा है। जब जांच कराई तो खून में प्लेटलेट्स की कमी पाई जाती है। 

उधर ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग पर कैम्प के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करने की बात कही। स्वास्थ्य विभाग की टीम सिर्फ मरीजों की मलेरिया और डेंगू की जांच कर रही है इसके अलावा उनकी कोई दूसरी जांच नहीं हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि बुखार से ग्रसित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

गांव में चार दिन स्वास्थ्य विभाग ने शिविर लगाया। जिसमें सिर्फ मलेरिया और डेंगू की जांच की। जबकि सरकारी अस्पतालों में भी चिकित्सक बुखार आने पर कोरोना की जांच कराते हैं।

ग्रामीणों का आरोप है की स्वास्थ्य विभाग ने शिविर में बुखार के मरीजों की कोरोना जांच नहीं की। जिससे साफ पता चलता है कि स्वास्थ्य विभाग ने शिविर लगाकर सिर्फ खानापूर्ति की है।

जब हमने इस संबंध में सीएमओ विजय कुमार गोयल से बात करने का प्रयास किया तो उनका फोन नही उठ पाया।

आपको बता दे सीएमओ विजय कुमार गोयल इतने व्यस्त रहते है वे मीडिया कर्मियों के अधिकतर फोन उठाने से परहेज करते है। झोलाछापों के लगातार फैल रहे मकड़जाल को भी सीएमओ विजय कुमार गोयल बढ़ावा दे रहे है। अगर किसी अस्पताल में मरीज की मौत हो जाती है तब भी वे फोन नही उठाते, और ना ही अस्पतालों पर कोई कार्यवाही की जाती है।

बिजनौर से संवाददाता मोहम्मद रहमान की रिपोर्ट 

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