Birsa Munda, भारत के आदिवासी आंदोलन के एक प्रमुख नेता थे। उनके विचारों और कार्यों ने लाखों लोगों को प्रेरित किया। आइये जानते हैं उनके कुछ प्रेरणादायक उद्धरण:
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Birsa Munda के प्रेरणादायक उद्धरण
“धर्म, कुल, जाति सब छोड़कर, मनुष्य मात्र को अपना भाई समझो।” यह उद्धरण सामाजिक समानता और भाईचारे का संदेश देता है। बिरसा मुंडा का मानना था कि सभी मनुष्य समान हैं और जाति-पाति के भेदभाव को खत्म किया जाना चाहिए।
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“जंगल और जमीन हमारी है, इसे किसी को नहीं देने देंगे।” यह उद्धरण आदिवासियों के अधिकारों और उनके प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए उनके संघर्ष को दर्शाता है।
“सत्य की राह पर चलो, झूठ बोलना छोड़ दो।” यह उद्धरण सत्य और ईमानदारी के महत्व पर जोर देता है। बिरसा मुंडा का मानना था कि सत्य ही हमें मुक्ति दिला सकता है।
“अपनी संस्कृति को भूलना नहीं चाहिए।” यह उद्धरण अपनी संस्कृति और परंपराओं के प्रति सम्मान और गर्व का भाव जगाता है।
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“मिलकर काम करो, तभी हम सफल हो सकते हैं।” यह उद्धरण एकता और संगठन की शक्ति को दर्शाता है। बिरसा मुंडा का मानना था कि मिलकर काम करने से ही हम बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान कर सकते हैं।
“शिक्षा ही हमारा सबसे बड़ा हथियार है।” यह उद्धरण शिक्षा के महत्व पर जोर देता है। बिरसा मुंडा का मानना था कि शिक्षा ही हमें स्वतंत्र और सशक्त बना सकती है।
“हमारे पूर्वजों ने हमें एक महान विरासत दी है, हमें इसे संभालना होगा।” यह उद्धरण अपनी विरासत के प्रति सम्मान और इसे आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी को दर्शाता है।
बिरसा मुंडा के ये उद्धरण आज भी प्रासंगिक हैं और हमें कई महत्वपूर्ण सबक देते हैं। यदि आप बिरसा मुंडा के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं, तो आप लिंक पर जा सकते हैं:
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