नई दिल्ली: इस साल एक अनोखे Diwali 2022 समारोह में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी देश भर के 75,000 युवाओं को “नौकरी” देंगे। सूत्रों ने बताया कि दिवाली से दो दिन पहले शनिवार को पीएम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए युवाओं से बातचीत करेंगे।
यह भी पढ़ें: Diwali 2022: यूपी सरकार द्वारा आयोजित दीपोत्सव में शामिल होंगे पीएम मोदी
विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी विभागों में नौकरी के लिए 75,000 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे।
Diwali 2022 देश भर के 75,000 युवाओं को मिलेगी नौकरी
रक्षा मंत्रालय, रेल मंत्रालय, डाक विभाग, गृह मंत्रालय, श्रम और रोजगार मंत्रालय, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, केंद्रीय जांच ब्यूरो, सीमा शुल्क और बैंकिंग सहित अन्य में नौकरियों का आवंटन किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में देश भर के विभिन्न शहरों से केंद्रीय मंत्री भी शामिल होंगे।
ओडिशा से शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, गुजरात से स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, चंडीगढ़ से सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, महाराष्ट्र से वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, राजस्थान से रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, तमिलनाडु से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, भारी उद्योग मंत्री शामिल होंगे। उत्तर प्रदेश से महेंद्र पांडेय, झारखंड से आदिवासी मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा और बिहार से पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह।
यह भी पढ़ें: Diwali 2022: इस दिवाली घर वापस जाने की योजना? आप इस सामान को ट्रेन में नहीं ले जा सकते
विभिन्न शहरों से अन्य मंत्री भी शामिल होंगे और सभी भाजपा सांसद अपने संसदीय क्षेत्रों से कार्यक्रम में शामिल होंगे।
घटते रोजगार के आंकड़ों पर व्यापक आलोचना का सामना करते हुए, पीएम मोदी ने इस साल जून में घोषणा की थी कि अगले 18 महीनों में दस लाख नौकरियां दी जाएंगी।
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, कहा ‘महा जुमलों’ की सरकार
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तब केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा था कि यह “महा जुमलों” की सरकार है।
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव पूर्व वादे को याद करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा था कि 10 लाख सरकारी नौकरी देने की नई घोषणा 8 साल पहले किए गए 2 करोड़ रोजगार देने के वादे के समान है।
विपक्षी दलों ने लगातार भाजपा और पीएम मोदी पर हमला किया है, उन पर अर्थव्यवस्था को “नष्ट” करने, बेरोजगारी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। राज्य और लोकसभा चुनावों में रोजगार एक प्रमुख चुनावी मुद्दा रहा है।