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Ground Zero Box Office Collection Day 2: इमरान हाशमी की फिल्म में 1.9 करोड़ रुपये की मामूली बढ़त

नई दिल्ली: एक मामूली शुरुआत के बाद, Ground Zero ने दूसरे दिन बॉक्स ऑफिस पर मामूली उछाल देखा। सैकनिल्क की एक रिपोर्ट के अनुसार, इमरान हाशमी द्वारा अभिनीत इस फिल्म ने अपने पहले शनिवार को टिकट खिड़कियों से ₹1.9 करोड़ की कमाई की। इसके साथ ही, फिल्म की दो दिन की कुल कमाई ₹3.05 करोड़ हो गई है।

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Ground Zero Box Office Collection Day 2: Emraan Hashmi's film sees marginal growth of Rs 1.9 crore

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि 26 अप्रैल को ग्राउंड जीरो की हिंदी में कुल 13.64% ऑक्यूपेंसी रही। इसे तोड़कर देखें तो – सुबह के शो में 5.60%, दोपहर के शो में 14.99%, शाम के शो में 13.62% और रात के शो में 20.34% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

Ground Zero भारत के सीमा सुरक्षा बल (BSF) द्वारा किए गए सबसे महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में से एक को जीवंत रूप से पेश करता है – वह साहसी मिशन जिसके कारण जैश-ए-मोहम्मद के कुख्यात कमांडर गाजी बाबा को मार गिराया गया, जिसने 2001 के संसद हमले की साजिश रची थी।

Ground Zero के बारे में

Ground Zero Box Office Collection Day 2: Emraan Hashmi's film sees marginal growth of Rs 1.9 crore

फिल्म में इमरान हाशमी मुख्य भूमिका में हैं, जो बीएसएफ के सेकेंड-इन-कमांड नरेंद्र नाथ धर दुबे की भूमिका निभा रहे हैं। फिल्म में साईं तम्हाणकर, जोया हुसैन, मुकेश तिवारी, दीपक परमेश, ललित प्रभाकर और रॉकी रैना भी अहम भूमिका में हैं।

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फिल्म ग्राउंड जीरो को तेजस प्रभा और विजय देओस्कर ने मिलकर निर्देशित किया है, और इसे प्रोड्यूस किया है एक्सेल एंटरटेनमेंट द्वारा। यह फिल्म एक ऐतिहासिक और दिलचस्प कहानी के साथ दर्शकों को एक नई फिल्म अनुभव देने की कोशिश कर रही है। एक्सेल एंटरटेनमेंट की तरफ से इस फिल्म में गहरी और प्रभावशाली प्रोडक्शन वैल्यूज देखने को मिलेंगी।

Kesari Chapter 2 Box Office Collection Day 9: अक्षय कुमार की फिल्म 9वें दिन 60 करोड़ के करीब

अक्षय कुमार की Kesari Chapter 2 घरेलू बॉक्स ऑफ़िस पर 60 करोड़ रुपये के आंकड़े के करीब पहुंच गई है। सैकनिल्क की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट रूम ड्रामा ने 9वें दिन 7 करोड़ रुपये कमाए। इससे फिल्म का कुल कलेक्शन 57.15 करोड़ रुपये हो गया है। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि केसरी चैप्टर 2 ने अपने दूसरे शनिवार को कुल 25.22% हिंदी ऑक्यूपेंसी दर्ज की।

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Kesari Chapter 2 Box Office Collection Day 9: Akshay Kumar's film close to 60 crores on the 9th day

सुबह के शो में 11.24% दर्शकों ने हिस्सा लिया, जबकि दोपहर और शाम के शो में क्रमशः 24.10% और 28.38% दर्शकों ने हिस्सा लिया। रात के शो ने 37.17% की ऑक्यूपेंसी दर्ज करके थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया।

Kesari Chapter 2 के बारे में

रघु पलात और पुष्पा पलात की किताब, द केस दैट शुक द एम्पायर पर आधारित, केसरी चैप्टर 2 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड की त्रासदी और ब्रिटिश शासन के तहत न्याय के लिए भारत की लड़ाई के इर्द-गिर्द घूमती है। अक्षय कुमार जस्टिस सी. शंकरन नायर की भूमिका में हैं। अनन्या पांडे दिलरीत गिल की भूमिका में हैं और आर. माधवन नेविल मैककिनले की भूमिका में हैं।

Kesari Chapter 2 Box Office Collection Day 9: Akshay Kumar's film close to 60 crores on the 9th day

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कलाकारों में रेजिना कैसंड्रा, साइमन पैस्ले डे और एलेक्स ओ’नेल भी शामिल हैं। केसरी चैप्टर 2 अक्षय कुमार की 2019 की फिल्म केसरी का आध्यात्मिक सीक्वल है। दूसरी किस्त का निर्माण धर्मा प्रोडक्शंस, लियो मीडिया कलेक्टिव और केप ऑफ गुड फिल्म्स ने मिलकर किया है।

पहलगाम हत्याकांड पर Karnataka के मंत्री ने कहा, “आतंकवादियों ने धर्म नहीं पूछा”

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Karnataka के गृह मंत्री डॉ. जी परमेश्वर ने पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आतंकवादियों ने धर्म या जाति नहीं पूछा, बल्कि निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया। उन्होंने इस हमले को कायरतापूर्ण और निंदनीय बताया और कहा कि इस तरह की घटनाओं से आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकजुटता और मजबूत होगी।​

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यह हमला जम्मू और कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुआ था, जिसमें आतंकवादियों ने एक नागरिकों से भरी बस पर हमला किया था, जिससे कई निर्दोष लोग मारे गए थे। कर्नाटक सरकार ने इस हमले की कड़ी निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की।​

Karnataka सरकार ने हमले की कड़ी निंदा की

Karnataka-CKarnataka Minister: 'Terrorists Did Not Ask About Religionhief-Minister-Siddaramaiah

डॉ. परमेश्वर ने कहा कि इस तरह की घटनाएं हमारे समाज की एकता और अखंडता को कमजोर नहीं कर सकतीं। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से जम्मू और कश्मीर सरकार से संपर्क किया है ताकि पीड़ितों के परिवारों को सहायता प्रदान की जा सके।​

इस हमले ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया है, और विभिन्न राजनीतिक दलों और नेताओं ने एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है।​ इस संदर्भ में, Karnataka के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी हमले की कड़ी निंदा की और राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।​ इस हमले के बाद, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है।​

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Karnataka Minister: 'Terrorists Did Not Ask About Religion

Karnataka सरकार ने इस हमले को लेकर जम्मू और कश्मीर सरकार से संपर्क किया है ताकि पीड़ितों के परिवारों को सहायता प्रदान की जा सके।​ इस घटना ने आतंकवाद के खिलाफ देश की एकजुटता को और मजबूत किया है और यह संदेश दिया है कि भारत किसी भी आतंकवादी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा।

Ladakh में ‘3 Idiots’ फेम स्कूल को दो दशक बाद CBSE से मान्यता मिली

Ladakh का प्रसिद्ध ‘3 Idiots’ फिल्म में दिखाया गया स्कूल, ड्रुक पद्मा कारपो स्कूल, जिसे ‘रैंचो का स्कूल’ भी कहा जाता है, ने दो दशकों के प्रयासों के बाद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से मान्यता प्राप्त की है।​

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Ladakh स्कूल का परिचय

यह स्कूल 2001 में स्थापित हुआ था और लद्दाख के शैक्षिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। स्कूल का नाम मिपम पेमा कारपो के नाम पर रखा गया है, जो एक प्रतिष्ठित बौद्ध विद्वान थे। यह संस्थान न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है, बल्कि स्थानीय संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण में भी सक्रिय है।​

फिल्म में प्रसिद्धि

Ladakh's '3 Idiots' school gets CBSE recognition

स्कूल को ‘3 Idiots’ फिल्म में दिखाए गए ‘इडियटिक वॉल’ के लिए जाना जाता है, जिसमें एक दृश्य में पात्र चतुर्वेदी (चतुर) को विद्युत झटका लगता है। यह दृश्य फिल्म के समापन में है और स्कूल के भवन की दीवार पर चित्रित है।​

CBSE मान्यता की प्रक्रिया

Ladakh's '3 Idiots' school gets CBSE recognition

स्कूल ने CBSE से मान्यता प्राप्त करने के लिए कई वर्षों तक प्रयास किए। हालांकि, जम्मू और कश्मीर राज्य बोर्ड से ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ (NOC) प्राप्त करने में देरी हो रही थी। हाल ही में, स्कूल को यह आवश्यक NOC प्राप्त हुआ है, जिससे CBSE से मान्यता की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है।​

स्कूल की प्रधानाचार्या, मिंगुर अगमो, ने कहा कि अब सभी आवश्यक दस्तावेज़ उपलब्ध हैं और वे जल्द ही CBSE से मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी करेंगे।​ यह मान्यता स्कूल के छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर अधिक अवसर प्रदान करेगी और लद्दाख क्षेत्र में शिक्षा के स्तर को और ऊँचा करेगी।​

अधिक जानकारी के लिए, आप स्कूल की आधिकारिक वेबसाइट Druk Padma Karpo School पर जा सकते हैं।​

कनाडा के Vancouver में एक समारोह में कार द्वारा भीड़ को टक्कर मारे जाने से कई लोगों की मौत हो गई

Vancouver, कनाडा में 26 अप्रैल 2025 को एक दुखद घटना घटी, जब एक व्यक्ति ने लापू लापू डे उत्सव के दौरान भीड़ में अपनी कार घुसा दी, जिससे कई लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह घटना स्थानीय समयानुसार रात 8:14 बजे ईस्ट 41वीं एवेन्यू और फ्रेजर स्ट्रीट के चौराहे पर हुई, जहाँ हजारों लोग फिलिपिनो सांस्कृतिक उत्सव में भाग ले रहे थे। उत्सव में ब्लैक आइड पीज़ के सदस्य एपल.डी.एप ने प्रदर्शन किया था। ​

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Vancouver घटना का विवरण

Car hits crowd at Vancouver festival

Vancouver पुलिस के अनुसार, एक 30 वर्षीय स्थानीय व्यक्ति ने काले रंग की ऑडी एसयूवी में सवार होकर भीड़ में घुसने का प्रयास किया। पुलिस ने बताया कि संदिग्ध को घटनास्थल पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, पुलिस ने मृतकों और घायलों की संख्या की पुष्टि नहीं की है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई है, जिनमें एक बच्चा भी शामिल है, और छह अन्य गंभीर रूप से घायल हैं।

प्रतिक्रियाएँ और समर्थन

कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी, ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर डेविड एबी, वैंकूवर के मेयर केन सिम, और कनाडाई राजनीतिक नेताओं ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया है और पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति संवेदनाएँ प्रकट की हैं। फिलिपिनो-कनाडाई समुदाय के लिए यह एक गंभीर आघात है, और फिलिपिनो कांसुलेट जनरल ने भी अपनी गहरी चिंता और संवेदनाएँ व्यक्त की हैं।​

आगे की कार्रवाई

Car hits crowd at Vancouver festival

पुलिस ने इस घटना को “मास कैजुअल्टी इन्शिडेंट” के रूप में वर्गीकृत किया है और जांच जारी है। अधिकारियों ने गवाहों से घटना से संबंधित किसी भी जानकारी को साझा करने की अपील की है। ​यह घटना Vancouver के लिए एक गंभीर आघात है, और स्थानीय समुदाय एकजुट होकर पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़ा है।

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सऊदी अरब के ‘Sleeping Prince’ ने मनाया 36वां जन्मदिन, 20 साल से कोमा में हैं।​

सऊदी अरब के ‘Sleeping Prince’, प्रिंस अल-वालिद बिन खालिद बिन तलाल अल सऊद, ने 18 अप्रैल 2025 को अपना 36वां जन्मदिन मनाया, जबकि वे लगभग 20 वर्षों से कोमा में हैं।​

कौन हैं ‘Sleeping Prince’?

Saudi Arabia's 'Sleeping Prince' celebrates 36th birthday
Sleeping Prince

प्रिंस अल-वालिद सऊदी अरब के शाही परिवार के सदस्य हैं और आधुनिक सऊदी अरब के संस्थापक किंग अब्दुलअज़ीज़ के परपोते हैं । वर्ष 2005 में, जब वे लंदन में एक सैन्य कॉलेज में अध्ययनरत थे, तब एक गंभीर कार दुर्घटना में उन्हें मस्तिष्क में चोट लगी, जिसके परिणामस्वरूप वे कोमा में चले गए ।​

स्वास्थ्य स्थिति और परिवार का समर्थन

दुर्घटना के बाद से, प्रिंस अल-वालिद को वेंटिलेटर और फीडिंग ट्यूब के माध्यम से जीवन रक्षक समर्थन प्रदान किया जा रहा है । 2019 में, उन्होंने उंगली हिलाने या सिर घुमाने जैसे कुछ हल्के संकेत दिखाए, लेकिन वे पूरी तरह से होश में नहीं आए। डॉक्टरों द्वारा जीवन रक्षक उपकरणों को हटाने की सलाह देने के बावजूद, उनके पिता, प्रिंस खालिद बिन तलाल अल सऊद, ने इस सुझाव को अस्वीकार कर दिया और अपने बेटे के जागने की आशा बनाए रखी।

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हाल की घटनाएं

Saudi Arabia's 'Sleeping Prince' celebrates 36th birthday

प्रिंस अल-वालिद के 36वें जन्मदिन पर, सोशल मीडिया पर उनके परिवार के साथ तस्वीरें साझा की गईं, जिससे उनकी स्थिति पर फिर से सार्वजनिक ध्यान केंद्रित हुआ । वर्तमान में, वे रियाद के किंग अब्दुलअज़ीज़ मेडिकल सिटी में उपचाराधीन हैं ।​

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Shehzad Poonawalla ने आतंकवाद नीति को लेकर कांग्रेस की आलोचना की

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भा.ज.पा. नेता Shehzad Poonawalla ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आतंकवाद के प्रति कठोर नीति का समर्थन किया और कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत आतंकवाद के प्रति बर्दाश्त नहीं करेगा और पहलगाम हमले के आतंकवादियों और साजिशकर्ताओं को सजा देने के लिए पूरी दुनिया में कार्रवाई करेगा।

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कांग्रेस नेताओं के बीच पाकिस्तान का बचाव करने की होड़ मच जाती है_Shehzad Poonawalla

Poonawalla Criticizes Congress Over Terrorism Policy

Shehzad Poonawalla ने 26/11 के बाद भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति में बदलाव की बात की, जिसमें सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक जैसी कार्रवाइयाँ शामिल हैं। इसके विपरीत, उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पाकिस्तान के प्रति उसका प्यार और समर्थन हमेशा दिखता है। जब भी पाकिस्तान से कोई आतंकवादी हमला होता है, कांग्रेस नेताओं के बीच पाकिस्तान का बचाव करने की होड़ मच जाती है।

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Poonawalla Criticizes Congress Over Terrorism Policy

उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा, मणिशंकर अय्यर और अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री के बयान का हवाला देते हुए कहा कि ये लोग पाकिस्तान को क्लीन चिट देने की कोशिश करते हैं, जबकि पाकिस्तानी मीडिया में उनकी तारीफ हो रही है और वे पाकिस्तान के हीरो बनने की कोशिश कर रहे हैं। पूनावाला का यह बयान भारत-पाकिस्तान के संबंधों और कांग्रेस की नीति पर एक तीखा कटाक्ष था।

Pahalgam हमले के बाद: सुरक्षा बलों ने 10 आतंकवादियों के घर नष्ट किये

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22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के Pahalgam में हुए आतंकवादी हमले के बाद, भारतीय सुरक्षा बलों ने कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकांश भारतीय पर्यटक थे। हमले के बाद, सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के घरों को ध्वस्त करना शुरू किया है।​

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अब तक, जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने कुल 10 आतंकवादियों के घरों को ध्वस्त किया है। इनमें से कुछ घरों को बैंडिपोरा, पुलवामा और शोपियां जिलों में ध्वस्त किया गया है। इन कार्रवाइयों का उद्देश्य आतंकवादियों के नेटवर्क को कमजोर करना और कश्मीर घाटी में शांति स्थापित करना है।​

Pahalgam हमले के बाद सुरक्षा बलों ने 60 से आतंकवादियों के घर अधिक छापेमारी की

Pahalgam Attack: 10 Terrorists' Houses Destroyed

इसके अलावा, सुरक्षा बलों ने 60 से अधिक छापेमारी की हैं और कई पाकिस्तानी नागरिकों को देश से निष्कासित किया है। इससे यह संकेत मिलता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई को और तेज कर रहा है।​

इस हमले के बाद, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने पाकिस्तान पर इस हमले में शामिल आतंकवादियों को समर्थन देने का आरोप लगाया है, जबकि पाकिस्तान ने किसी भी संलिप्तता से इनकार किया है। दोनों देशों के बीच सीमा पर गोलीबारी की घटनाएं भी हुई हैं, हालांकि इनमें किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।​

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भारत ने इस हमले के जवाब में पाकिस्तान के साथ जल समझौते को निलंबित कर दिया है और सीमा पार व्यापार को रोक दिया है। इसके अलावा, पाकिस्तान के नागरिकों के लिए वीजा जारी करने की प्रक्रिया भी निलंबित कर दी गई है।​

Pahalgam Attack: 10 Terrorists' Houses Destroyed
Pahalgam हमले के बाद सुरक्षा बलों ने 60 से आतंकवादियों के घर अधिक छापेमारी की

इस स्थिति में, दोनों देशों के बीच बातचीत और कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता है ताकि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।

Sambhal में थाना समाधान दिवस पर DM-SP ने की जनसुनवाई

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जनपद Sambhal में “थाना समाधान दिवस” के अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. राजेन्द्र पैंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई की अध्यक्षता में थाना रजपुरा पर जनसुनवाई आयोजित की गई।

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Sambhal में थाना समाधान दिवस का उद्देश्य

"Sambhal: DM-SP Address Grievances on Samadhan Diwas"

इस दौरान थाने पहुंचे फरियादियों की समस्याओं को सुना गया और उनके शीघ्र निस्तारण के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए। जनसुनवाई में राजस्व विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य जनता की शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करना था।

थाना समाधान दिवस के बारे में

"Sambhal: DM-SP Address Grievances on Samadhan Diwas"

“थाना समाधान दिवस” एक महत्वपूर्ण पुलिस प्रशासनिक पहल है, जिसका उद्देश्य पुलिस थानों में जनता की समस्याओं का समाधान करना है। यह विशेष दिन पुलिस अधिकारियों और जनता के बीच सीधे संवाद को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया जाता है, ताकि शिकायतों का त्वरित निपटारा किया जा सके और न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

(Sambhal से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट)

Sambhal में महिला शक्ति संगठन ने 55 जरूरतमंद कन्याओं की शादी में सहयोग कर बनाया नया रिकॉर्ड

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UP: Sambhal में महिला सशक्तिकरण की दिशा में कार्य कर रहे महिला शक्ति संगठन ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। अब तक संगठन ने 55 जरूरतमंद कन्याओं की शादी में सहयोग प्रदान कर समाज में एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है।

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इस संगठन की स्थापना समाजसेवी दीपा वार्ष्णेय ने महिलाओं की आवाज़ बुलंद करने और उन्हें जागरूक करने के उद्देश्य से की थी। जैसा संगठन का नाम, वैसा ही उसका काम — संगठन निरंतर समाजसेवा और महिला सशक्तिकरण के कार्यों में लगा हुआ है।

Sambhal में महिला शक्ति संगठन ने बनाया नया रिकॉर्ड

Mahila Shakti Sangathan created a new record in Sambhal

इस विशेष अवसर पर संगठन की अध्यक्ष दीपा वार्ष्णेय ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा,
“हमारा संगठन नियमित रूप से जरूरतमंद कन्याओं की शादी में सहयोग करता है। आज हमने 55वीं शादी में मदद कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इस कन्या को हमने शादी के लिए जरूरी सभी सामान भेंट किया है।”
दीपा वार्ष्णेय ने आगे बताया कि संगठन की सभी सदस्यों ने मिलकर न केवल शादी का सामान प्रदान किया, बल्कि कन्या के परिवार को एक लिफाफा सौंपकर उनका आशीर्वाद भी लिया।

कार्यक्रम के दौरान संगठन की महिलाओं में उत्साह और संतोष का माहौल देखने को मिला। सभी ने संगठन की इस पहल को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।

Mahila Shakti Sangathan created a new record in Sambhal

(Sambhal से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट)

JK हमले के बाद Mohan Bhagwat: “हम अपने पड़ोसियों को कभी नुकसान नहीं पहुँचाते, लेकिन…”

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नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमलों के बाद एक परोक्ष संदेश में, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, आरएसएस प्रमुख Mohan Bhagwat ने कहा कि अहिंसा भारत का धर्म है और इसके मूल्यों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन “अत्याचारियों और गुंडों” को सबक सिखाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

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शनिवार को नई दिल्ली में ‘द हिंदू मेनिफेस्टो’ पुस्तक के विमोचन के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए, श्री भागवत ने रावण का उदाहरण दिया और कहा कि उसे नुकसान पहुँचाने के लिए नहीं बल्कि उसके अपने भले के लिए मारा गया था।

“राजा का कर्तव्य लोगों की रक्षा करना है और वह अपना कर्तव्य निभाएगा”: Mohan Bhagwat

JK attacks after Mohan Bhagwat

“हम अपने पड़ोसियों को कभी नुकसान नहीं पहुँचाते या उनका अनादर नहीं करते, लेकिन अगर कोई दुष्ट बनने पर आमादा है, तो इसका इलाज क्या है? राजा का कर्तव्य लोगों की रक्षा करना है और वह अपना कर्तव्य निभाएगा। गीता अहिंसा सिखाती है, लेकिन शिक्षा यह सुनिश्चित करने की है कि अर्जुन लड़े और मारे। क्योंकि उसका सामना ऐसे लोगों से हुआ था जिनका विकास केवल इसी तरह हो सकता था,” श्री Mohan Bhagwat ने हिंदी में कहा।

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“अहिंसा हमारा स्वभाव है, हमारा मूल्य है,” उन्होंने जोर देते हुए कहा, “हमारी अहिंसा लोगों को बदलना और उन्हें अहिंसक बनाना है। कुछ लोग हमारे उदाहरण को देखकर बदल जाएंगे, लेकिन अन्य नहीं बदलेंगे… चाहे आप कुछ भी करें और दुनिया में अव्यवस्था पैदा करें, वे नहीं बदलेंगे। तो आप क्या करेंगे?”

Piyush Goyal का जम्मू-कश्मीर हमले पर बयान- “जब तक 140 करोड़ भारतीय देशभक्ति नहीं समझेंगे…”

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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री Piyush Goyal ने जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “जब तक 140 करोड़ भारतीय देशभक्ति नहीं समझेंगे, तब तक देश की एकता और अखंडता पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।”

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गोयल ने आतंकवादियों को चुनौती देते हुए कहा कि ऐसे हमले देश की संकल्प शक्ति को कमजोर नहीं कर सकते। उन्होंने इस हमले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात भी की और यह भी स्पष्ट किया कि सरकार आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करती रहेगी।

Piyush Goyal ने देशवासियों से अपील की कि वे आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहें

piyush goyal on jk attack

उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहें और किसी भी प्रकार के संदेह से बचें। उनके अनुसार, “हमारे सुरक्षा बल हर हाल में हमारी सीमाओं और नागरिकों की रक्षा करेंगे।”

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इस बयान से मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में बढ़ते आतंकवादी हमलों के संदर्भ में सरकार के दृढ़ संकल्प को स्पष्ट किया।

Trump ने यूक्रेन को लेकर Putin को चेताया-“उनके साथ अलग तरीके से पेश आना होगा”

वाशिंगटन, 26 अप्रैल 2025: US President Donald Trump ने शनिवार को यूक्रेन के नागरिक क्षेत्रों पर हालिया रूसी हमलों की आलोचना करते हुए कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शायद युद्ध को समाप्त नहीं करना चाहते हैं। ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रुथ सोशल” पर पोस्ट करते हुए कहा कि “शायद पुतिन के साथ अब अलग तरीके से पेश आना होगा,” और उन्होंने यह सुझाव दिया कि मास्को पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए जाने की आवश्यकता हो सकती है।

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Trump ने यूक्रेन युद्ध पर कड़ी प्रतिक्रिया दी

Trump: Putin Needs to Be Dealt with Differently

Trump ने आगे कहा, “पुतिन द्वारा नागरिक क्षेत्रों, शहरों और कस्बों में मिसाइल दागने का कोई कारण नहीं था। इससे लगता है कि शायद वह युद्ध को रोकना नहीं चाहते हैं। वह बस मुझे बहका रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि पुतिन को “बैंकिंग या द्वितीयक प्रतिबंधों” के माध्यम से अलग तरीके से निपटा जाना चाहिए क्योंकि “बहुत से लोग मर रहे हैं”।

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इस बीच, क्रेमलिन ने बताया कि पुतिन ने शुक्रवार को मास्को में अमेरिकी राजदूत स्टीव विटकॉफ से मुलाकात में कहा कि वह “यूक्रेन के साथ बिना किसी पूर्व शर्त के बातचीत के लिए तैयार हैं।”

KKR द्वारा नजरअंदाज किए जाने के बाद Shreyas Iyer ने ईडन गार्डन्स में कहा, “यह मेरे लिए एक और अवसर है खुद को साबित करने का।”

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कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) द्वारा इस सीजन में नजरअंदाज किए जाने के बाद, श्रेयस अय्यर ने ईडन गार्डन्स में अपनी भावुक वापसी की। स्टेडियम में कदम रखते ही अय्यर ने अपनी भावनाओं को शब्दों में पिरोते हुए कहा, “यह मेरे लिए एक और अवसर है खुद को साबित करने का।”

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श्रेयस अय्यर इस बार KKR टीम का हिस्सा नहीं हैं

Shreyas Iyer is not a part of the KKR

श्रेयस अय्यर, जो कभी केकेआर के अहम खिलाड़ी और कप्तान रहे हैं, इस बार टीम का हिस्सा नहीं हैं। इसके बावजूद, ईडन गार्डन्स पर दर्शकों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। अय्यर ने संकेत दिया कि वह अब नए जोश के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं और हर मौके को एक नए संकल्प के रूप में देख रहे हैं।

उनकी वापसी ने न केवल उनके फैंस को रोमांचित किया, बल्कि क्रिकेट जगत में भी एक नई उम्मीद जगा दी है कि अय्यर जल्द ही अपने पुराने फॉर्म में लौट सकते हैं।

टीमें:

Shreyas Iyer is not a part of the KKR

पंजाब किंग्स (प्लेइंग इलेवन): प्रियांश आर्य, प्रभसिमरन सिंह, श्रेयस अय्यर (कप्तान), जोश इंग्लिस (विकेटकीपर), नेहल वढेरा, शशांक सिंह, ग्लेन मैक्सवेल, अजमतुल्लाह उमरजई, मार्को जानसन, अर्शदीप सिंह, युजवेंद्र चहल।

पंजाब किंग्स इम्पैक्ट सब्सक्रिप्शन: हरप्रीत बराड़, मुशीर खान, विजयकुमार विशाक, सूर्यांश शेडगे, प्रवीण दुबे।

कोलकाता नाइट राइडर्स (प्लेइंग इलेवन): रहमानुल्लाह गुरबाज़ (विकेटकीपर), सुनील नरेन, अजिंक्य रहाणे (कप्तान), वेंकटेश अय्यर, रिंकू सिंह, आंद्रे रसेल, रोवमैन पॉवेल, वैभव अरोड़ा, चेतन सकारिया, हर्षित राणा, वरुण चक्रवर्ती।

कोलकाता नाइट राइडर्स इम्पैक्ट सब्सक्रिप्शन: अंगकृष रघुवंशी, मनीष पांडे, एनरिक नॉर्टजे, लवनिथ सिसौदिया, अनुकूल रॉय।

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एक्सपायर वीजा के साथ Odisha में रह रही पाकिस्तानी महिला को निकाला गया

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2008 से भारत के Odisha में रह रही एक पाकिस्तानी महिला को देश छोड़ने का नोटिस जारी किया गया है। यह कदम हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर उठाया गया है, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी।

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प्रमुख घटनाएँ:

Pakistani woman living in Odisha deported
  • महिला का वीजा पिछले वर्ष समाप्त हो चुका था, लेकिन वह भारत में रह रही थी।
  • उसने कमिश्नरेट पुलिस से “एग्जिट परमिट” के लिए आवेदन किया था, जो अस्वीकार कर दिया गया था।
  • हालिया जाँच में उसके भारत में रहने की जानकारी सामने आने पर उसे 27 अप्रैल 2025 तक भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।
Odisha पुलिस का बयान:
Pakistani woman living in Odisha deported

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  • पुलिस उपायुक्त जगमोहन मीना ने बताया कि भारत सरकार द्वारा सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए जाने के आदेश के बाद राज्य स्तर पर रिकॉर्ड सत्यापन हुआ।
  • सत्यापन में भुवनेश्वर में महिला की उपस्थिति पाई गई।
  • महिला को नोटिस देकर समय सीमा के भीतर देश छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।

Mallikarjun Kharge का हमला: “पहलगाम आतंकी हमले पर प्रधानमंत्री का रवैया गंभीर नहीं”

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष Mallikarjun Kharge ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। खड़गे ने कहा, कि प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष के नेता भी मौजूद थे, लेकिन स्वयं प्रधानमंत्री का बैठक में अनुपस्थित रहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था।

Mallikarjun Kharge targets Pahalgam terrorist attack
Mallikarjun Kharge का हमला: “पहलगाम आतंकी हमले पर प्रधानमंत्री का रवैया गंभीर नहीं”

उन्होंने कहा, कि जब सरकार खुद गंभीर मसलों पर सर्वदलीय बैठक बुलाती है, तो उसका नेतृत्व प्रधानमंत्री को करना चाहिए। इस हमले में करीब 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। ऐसे संवेदनशील समय में प्रधानमंत्री का चुनावी रैलियों के लिए बिहार जाना और दिल्ली में बैठक में शामिल न होना यह दर्शाता है कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

RJD ने PM Modi के Bihar दौरे की आलोचना की, जबकि “देश Pahalgam attack पर शोक मना रहा है

खड़गे ने सवाल उठाते हुए कहा, कि प्रधानमंत्री को देश को स्पष्ट करना चाहिए था कि हमला कैसे हुआ, किस स्तर पर चूक हुई — क्या यह सुरक्षा एजेंसियों की विफलता थी, खुफिया तंत्र की चूक थी, या पुलिस और आईबी की असफलता? देशवासियों को यह जानने का अधिकार है कि इस त्रासदी के लिए कौन जिम्मेदार है।

विपक्ष ने सरकार को दिया सहयोग का भरोसा: Mallikarjun Kharge

Mallikarjun Kharge targets Pahalgam terrorist attack
Mallikarjun Kharge का हमला: “पहलगाम आतंकी हमले पर प्रधानमंत्री का रवैया गंभीर नहीं”

बैठक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में आयोजित की गई, जहां गृहमंत्री अमित शाह ने स्वीकार किया कि सुरक्षा में चूक हुई थी। खड़गे ने बताया कि विपक्ष ने बैठक में सरकार को सुझाव दिए कि इस चुनौती का सामना पूरी गंभीरता से किया जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

सिंधु जल संधि निलंबन के बाद बौखलाया Pakistan, Bilawal Bhutto की खोखली बयानबाज़ी

Mallikarjun Kharge targets Pahalgam terrorist attack
Mallikarjun Kharge का हमला: “पहलगाम आतंकी हमले पर प्रधानमंत्री का रवैया गंभीर नहीं”

उन्होंने कहा, कि तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद आतंकियों द्वारा इतने बड़े हमले को अंजाम देना चिंता का विषय है। इसके बावजूद, राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए विपक्ष ने सरकार को भरोसा दिलाया कि वे देश की सुरक्षा के लिए एकजुट हैं और हर जरूरी सहयोग देंगे।

खड़गे ने अपने बयान के अंत में दोहराया कि सरकार को पारदर्शिता से जिम्मेदारी तय करनी चाहिए और देश को विश्वास में लेना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत किया जा सके।

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जयपुर का Hawa Mahal: राजपूत वास्तुकला का अद्वितीय उदाहरण

Hawa Mahal जयपुर, जिसे “पिंक सिटी” के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान का एक प्रमुख ऐतिहासिक और सांस्कृतिक केंद्र है। यहाँ स्थित हवा महल, भारतीय वास्तुकला का एक अद्वितीय उदाहरण है और यह महल जयपुर के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। यह महल अपने अद्वितीय डिजाइन, शानदार वास्तुकला, और ऐतिहासिक महत्व के कारण पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों के बीच अत्यधिक प्रसिद्ध है। Hawa Mahal का निर्माण 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा करवाया गया था। Hawa Mahal विशेष रूप से महिलाओं के लिए बनाया गया था ताकि वे बिना किसी परेशानी के सड़क पर हो रहे उत्सवों और गतिविधियों को देख सकें।

Hawa Mahal का डिज़ाइन एक अद्वितीय और खूबसूरत झरोखा शैली पर आधारित है, जो इसे अन्य महलों से अलग और विशेष बनाता है। इसका प्रमुख उद्देश्य राजमहल की महिलाओं को सार्वजनिक जीवन से छिपकर वातावरण का आनंद लेने की सुविधा प्रदान करना था। Hawa Mahal में कुल 953 छोटे-छोटे झरोखे हैं, जिन्हें “झूले” कहा जाता है। ये झरोखे हवा को महल के अंदर प्रवेश करने में मदद करते थे, जिससे गर्मी के मौसम में महल के अंदर ठंडक बनी रहती थी। हवा महल की पांच मंजिलें हैं, और इसके ऊपरी हिस्से से पूरे जयपुर शहर का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है।

जयपुर का हवा महल: एक ऐतिहासिक धरोहर

Hawa Mahal of Jaipur: A Marvel of Rajput

Hawa Mahal की संरचना पूरी तरह से लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से की गई है, जो जयपुर के पारंपरिक वास्तुकला का हिस्सा है। इसकी बाहरी दीवारें और झरोखे राजपूत शैली की सुंदरता और परिष्कृत डिजाइन को दर्शाते हैं। महल की छत और दीवारों पर कई शाही प्रतीक और चित्रकला की गई है, जो राजपूत कला और संस्कृति को प्रदर्शित करती है। इसकी वास्तुकला में हिंदू और इस्लामी शैलियों का मिश्रण देखा जा सकता है, जो जयपुर के समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। Hawa Mahal का डिज़ाइन कक्षों की सुव्यवस्था, झरोखों के स्थान, और अंदरूनी सौंदर्य के साथ विशेष रूप से आकर्षक है।

Hawa Mahal का प्रमुख उद्देश्य सिर्फ रॉयल परिवार की महिलाओं के लिए एक आरामदायक स्थान प्रदान करना था, लेकिन अब यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है। यहाँ पर आने वाले पर्यटक न केवल इसकी वास्तुकला का आनंद लेते हैं, बल्कि जयपुर के इतिहास और संस्कृति से भी परिचित होते हैं।

अंत में, हवा महल जयपुर का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रतीक बन चुका है, जो न केवल भारतीय वास्तुकला का अद्वितीय उदाहरण है, बल्कि राजस्थान के शाही जीवन की भी एक झलक प्रस्तुत करता है। Hawa Mahal की यात्रा करने से पर्यटकों को न केवल इसके भव्यता और सौंदर्य का अनुभव होता है, बल्कि यह भी समझने को मिलता है कि राजपूत शासकों ने अपने समय में कला और वास्तुकला के क्षेत्र में कितनी उन्नति की थी।

प्रस्तावना

जयपुर, जिसे ‘पिंक सिटी’ के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान राज्य का एक प्रमुख शहर है। यह शहर अपने ऐतिहासिक किलों, महलों, हवेलियों और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। इनमें से एक प्रमुख और अद्वितीय स्मारक है Hawa Mahal, जो जयपुर का एक अद्वितीय दर्शनीय स्थल है। हवा महल को “पैलेस ऑफ विंड्स” के नाम से भी जाना जाता है। यह महल अपनी विशेष वास्तुकला, इतिहास और सांस्कृतिक महत्व के कारण भारत के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है।

हवा महल का इतिहास

Hawa Mahal का निर्माण 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा कराया गया था। इसे विशेष रूप से महिलाओं के लिए बनाया गया था ताकि वे बिना देखे-समझे शहर की सुंदरता का आनंद ले सकें। हवा महल का डिज़ाइन प्रसिद्ध वास्तुकार लाल चंद्र उदय सिंह ने तैयार किया था। यह महल राजपूत शैली के वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है, जिसमें हिंदू और मुग़ल वास्तुकला के तत्वों का मिश्रण देखने को मिलता है। इस महल का उद्देश्य महिलाओं को बिना किसी परेशानी के बाहरी दुनिया को देखने का अवसर प्रदान करना था, ताकि वे पब्लिक के बीच बिना देखे अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का आनंद ले सकें।

Hawa Mahal को एक अजीब और अनोखे आकार में बनाया गया है, जो पूरी तरह से एक शानदार और भव्य संरचना है। इसे 5 मंज़िलों में विभाजित किया गया है और इस महल की कुल 953 छोटी-छोटी खिड़कियाँ (जिसे ‘झरोखा’ कहा जाता है) हैं, जिनके माध्यम से हवा का प्रवेश होता है। इसी कारण से इसे ‘हवा महल’ नाम दिया गया।

वास्तुकला और डिज़ाइन

Hawa Mahal की वास्तुकला को देखकर यह समझ में आता है कि इसका निर्माण शाही राजपूत कला और संस्कृति को ध्यान में रखते हुए किया गया था। महल को लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से बनाया गया है, जो इसे और भी आकर्षक और अद्भुत बनाता है। इसका डिज़ाइन बहुत ही जटिल और सूक्ष्म है, जिसमें हर एक खिड़की और झरोखा को ध्यान से तैयार किया गया है।

Hawa Mahal of Jaipur: A Marvel of Rajput

Hawa Mahal के अग्रभाग का आकार एक शानदार जालीदार आवरण जैसा है, जो एक वेदी के रूप में दिखाई देता है। महल के ऊपरी भाग में पांच मंज़िल हैं और इनमें से प्रत्येक मंज़िल के बीच एक खुला आंगन है, जिससे हवा का प्रवेश आसानी से हो सकता है। इस महल का मुख्य आकर्षण इसकी 953 छोटी-छोटी खिड़कियाँ हैं, जो महल की सुंदरता को और बढ़ाती हैं। इन खिड़कियों के माध्यम से ठंडी हवा आती है, जिससे गर्मियों में महल के अंदर का तापमान काफी ठंडा रहता था।

महल का उद्देश्य और उपयोग

Hawa Mahal का मुख्य उद्देश्य उस समय की शाही महिलाओं के लिए था, ताकि वे बिना देखे-समझे सार्वजनिक जीवन को देख सकें। महल में बनी इन खिड़कियों के माध्यम से महिलाएं शहर के बाहरी दृश्य को देख सकती थीं, लेकिन उनका चेहरा और रूप सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित नहीं होता था। यह राजमहल की महिलाओं के लिए एक प्रकार से पर्दे के पीछे से देखने का अनुभव था, जिससे उनकी गोपनीयता बनी रहती थी।

इसके अलावा, हवा महल का निर्माण इस उद्देश्य से भी किया गया था कि यह गर्मियों के मौसम में ठंडी हवा का प्रवेश कर सके और महल के अंदर का वातावरण सर्द बना रहे। राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में जहां अत्यधिक गर्मी पड़ती है, वहां इस तरह की वास्तुकला विशेष रूप से काम आती थी।

संरचना और विशेषताएँ

हवा महल की कुल 5 मंज़िलें हैं, और यह महल एक अजीब सी संरचना में बना हुआ है, जो आमतौर पर भारतीय महलों से काफी अलग है। इसके प्रत्येक मंज़िल में खुला आंगन है, जो प्राकृतिक हवा को महल के अंदर लाता है। इसके झरोखों से भीतर की हवा महल में ताजगी और ठंडक बनाए रखती है। महल की ऊपरी मंज़िलों को देखने पर ऐसा लगता है जैसे यह हवा में तैरते हुए हैं।

महल का अग्रभाग गुलाबी और सफेद रंग के बलुआ पत्थर से बना है, और इसकी डिज़ाइन में राजपूत वास्तुकला की विशेषताएँ देखने को मिलती हैं। इसकी छतें और दीवारें खूबसूरती से सजाई गई हैं, और यहां पर मुग़ल और राजपूत वास्तुकला का मिश्रण है। महल के मध्य में एक मंदिर भी स्थित है, जो भगवान कृष्ण को समर्पित है।

हवा महल का सांस्कृतिक महत्व

हवा महल केवल एक वास्तुकला का उदाहरण नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और शाही जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण प्रतीक भी है। यह महल भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति और उनकी गोपनीयता की आवश्यकता को दर्शाता है। उस समय शाही परिवारों की महिलाओं को सार्वजनिक जीवन से दूर रखा जाता था, और वे घरों के भीतर ही रहती थीं। हवा महल की वास्तुकला इस सामाजिक संरचना को ध्यान में रखते हुए बनाई गई थी।

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इसके अलावा, हवा महल जयपुर की सांस्कृतिक धरोहर का भी हिस्सा है, और यह दर्शाता है कि किस प्रकार भारतीय किलों और महलों में कला, वास्तुकला, और संस्कृति का मिश्रण होता है। जयपुर के पर्यटन में हवा महल एक प्रमुख स्थल है, और यह भारतीय कला और इतिहास के शौकिन पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण है।

पर्यटन स्थल और आकर्षण

Hawa Mahal of Jaipur: A Marvel of Rajput

हवा महल को देखने के लिए भारत और विदेशों से लाखों पर्यटक आते हैं। महल की खूबसूरत वास्तुकला, इसकी विशेष डिजाइन, और इसके ऐतिहासिक महत्व के कारण यह पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण है। महल के भीतर एक संग्रहालय भी है, जिसमें जयपुर की ऐतिहासिक वस्तुएं, चित्र, और शाही सामान रखे गए हैं।

इसके अलावा, हवा महल के पास स्थित जयपुर का शहर और अन्य प्रमुख स्थल जैसे सिटी पैलेस, जंतर मंतर, आमेर किला और हौजरी बाजार भी दर्शनीय स्थल हैं। इन स्थलों की यात्रा करने से पर्यटक जयपुर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को समझ सकते हैं।

निष्कर्ष

जयपुर का हवा महल न केवल एक ऐतिहासिक स्मारक है, बल्कि यह भारतीय कला, संस्कृति, और वास्तुकला का एक अद्वितीय उदाहरण भी है। यह महल भारतीय इतिहास, शाही जीवनशैली और महिलाओं की सामाजिक स्थिति को दर्शाता है। इसकी वास्तुकला और डिज़ाइन न केवल आज के समय में एक आकर्षण का केन्द्र हैं, बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा भी है।

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Hagia Sophia: इतिहास, वास्तुकला और सांस्कृतिक धरोहर का अद्वितीय प्रतीक

Hagia Sophia, इस्तांबुल का ऐतिहासिक रत्न, दुनिया की सबसे महान वास्तुकला और सांस्कृतिक धरोहरों में से एक है। यह भव्य संरचना 1500 वर्षों से ईसाई और इस्लामिक इतिहास का जीवंत प्रतीक रही है। Hagia Sophia का निर्माण, इसकी अद्वितीय वास्तुकला, धार्मिक महत्व और समय के साथ हुए परिवर्तन इसे एक असाधारण धरोहर बनाते हैं। इस लेख में हम इसके इतिहास, निर्माण शैली, धार्मिक भूमिका, सांस्कृतिक प्रभाव और आज के समय में इसके महत्व पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

इस्तांबुल का हागिया सोफिया: इतिहास, वास्तुकला और सांस्कृतिक महत्व

Hagia Sophia: History, Architecture, and Cultural

विश्व के महानतम स्थापत्य चमत्कारों में से एक, Hagia Sophia, तुर्की के इस्तांबुल शहर में स्थित है। यह एक ऐसा स्मारक है जो इतिहास के कई महत्वपूर्ण कालखंडों का साक्षी रहा है। चर्च, मस्जिद और अब संग्रहालय के रूप में इसकी यात्रा मानव सभ्यता के धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परिवर्तनों का प्रतीक है। इस लेख में हम Hagia Sophia के इतिहास, वास्तुकला, धार्मिक महत्व, राजनीतिक भूमिका और इसके आधुनिक स्वरूप पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

हागिया सोफिया का संक्षिप्त इतिहास

  • Hagia Sophia का निर्माण ईसवी सन् 532 में रोमन सम्राट जस्टिनियन प्रथम (Justinian I) के आदेश पर शुरू हुआ था।
  • इसे 537 ईस्वी में पूरा किया गया और इसे एक गिरजाघर (चर्च) के रूप में समर्पित किया गया।
  • इसके निर्माण में उस समय के सबसे उन्नत वास्तुशिल्प तकनीकों का उपयोग किया गया।
  • जब 1453 में उस्मानी साम्राज्य ने कॉन्स्टेंटिनोपल (वर्तमान इस्तांबुल) पर अधिकार किया, तो सुल्तान महमूद द्वितीय ने हागिया सोफिया को मस्जिद में परिवर्तित कर दिया।
  • 1935 में तुर्की के संस्थापक मुस्तफा कमाल अतातुर्क ने इसे एक संग्रहालय घोषित किया।
  • 2020 में, तुर्की सरकार ने फिर से इसे मस्जिद में परिवर्तित कर दिया, हालांकि यह अब भी पर्यटकों के लिए खुला है।

स्थापत्य विशेषताएँ

1. भव्य गुम्बद (Dome)

  • Hagia Sophia का सबसे प्रसिद्ध तत्व इसका विशाल गुम्बद है, जिसकी ऊँचाई जमीन से लगभग 55.6 मीटर है और व्यास लगभग 31 मीटर।
  • यह गुम्बद बिना किसी मुख्य खंभे के हवा में तैरता प्रतीत होता है, जो उस समय के वास्तुकारों की कुशलता को दर्शाता है।

2. भीतरी सजावट

  • इमारत के अंदर भव्य मोज़ेक (mosaic) कला दिखाई देती है, जिनमें यीशु मसीह, वर्जिन मैरी, संत और सम्राटों के चित्रण हैं।
  • मुस्लिम शासकों ने बाद में इसमें इस्लामिक चित्रण और विशाल अरबी शिलालेख जोड़े।

3. स्तंभ और मेहराब

  • Hagia Sophia के अंदर सुंदर संगमरमर के स्तंभ हैं, जिन्हें पूरे भूमध्यसागरीय क्षेत्र से लाया गया था।
  • इसकी मेहराबें और दीवारों पर बारीक नक्काशी की गई है।

4. मिश्रित स्थापत्य शैलियाँ

  • इसमें बीजान्टिन (Byzantine) वास्तुकला के साथ-साथ इस्लामिक कला के अद्भुत मिश्रण को देखा जा सकता है।
Hagia Sophia: History, Architecture, and Cultural

धार्मिक महत्व

1. ईसाई धर्म के लिए

  • Hagia Sophia लगभग 900 वर्षों तक ईसाइयों का सबसे प्रमुख गिरजाघर रहा।
  • यह पूर्वी रूढ़िवादी चर्च (Eastern Orthodox Church) का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र था।

2. इस्लाम धर्म के लिए

  • उस्मानी विजय के बाद, इसे मस्जिद में बदल दिया गया। इसमें मीनारें जोड़ी गईं, मिहराब (prayer niche) और मिम्बर (pulpit) बनाए गए।
  • इस्लाम में इसे “आया सोफिया जामी” कहा गया।

हागिया सोफिया का राजनीतिक और सांस्कृतिक प्रभाव

  • Hagia Sophia हमेशा धार्मिक और राजनीतिक शक्ति का प्रतीक रहा है।
  • यह धार्मिक सहिष्णुता, संघर्ष और सत्ता के बदलावों का गवाह है।
  • इसका संग्रहालय में रूपांतरण तुर्की में धर्मनिरपेक्षता के प्रतीक के रूप में देखा गया, जबकि हालिया मस्जिद में पुनः परिवर्तन धार्मिक पहचान के पुनरुत्थान का प्रतिनिधित्व करता है।

हागिया सोफिया में प्रमुख परिवर्तन

कालखंडस्थितिपरिवर्तन
537 – 1453चर्चबीजान्टिन साम्राज्य के अंतर्गत।
1453 – 1935मस्जिदउस्मानी साम्राज्य के शासन में।
1935 – 2020संग्रहालयअतातुर्क द्वारा धर्मनिरपेक्ष तुर्की के तहत।
2020 से अब तकमस्जिदतुर्की सरकार द्वारा पुनः मस्जिद में परिवर्तन।

पर्यटन में भूमिका

  • Hagia Sophia आज भी विश्वभर से आने वाले लाखों पर्यटकों को आकर्षित करती है।
  • यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Site) का हिस्सा है।
  • धार्मिक कार्यक्रमों के बावजूद इसे आम जनता के लिए भी खोला गया है।

रोचक तथ्य

Hagia Sophia: History, Architecture, and Cultural

Louvre Museum: विश्व की कला और संस्कृति का भव्य संग्राहालय

  • Hagia Sophia का नाम ग्रीक भाषा से आया है, जिसका अर्थ है “पवित्र ज्ञान” (Holy Wisdom)।
  • निर्माण के समय यह दुनिया की सबसे बड़ी गिरजाघर थी।
  • इसके गुम्बद के निर्माण के लिए विशेष लाइटवेट ईंटों का उपयोग किया गया था।
  • कई बार भूकंपों से क्षतिग्रस्त होने के बाद भी इसे बार-बार पुनर्निर्मित किया गया।

निष्कर्ष

Hagia Sophia केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह मानव इतिहास, कला और संस्कृति का जीवंत प्रतीक है। चर्च से मस्जिद, फिर संग्रहालय और फिर से मस्जिद बनने तक, इसकी यात्रा हमें सहिष्णुता, संघर्ष और नवाचार की अद्भुत गाथा सुनाती है। चाहे किसी भी धर्म, जाति या संस्कृति से जुड़े हों, हागिया सोफिया हर व्यक्ति को एकता और भव्यता का अद्वितीय संदेश देता है।

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कोलकाता का Victoria Memorial: भारतीय इतिहास और ब्रिटिश साम्राज्य का अद्वितीय संगम

Victoria Memorial भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के कोलकाता शहर में स्थित एक प्रमुख ऐतिहासिक स्मारक है। यह स्मारक ब्रिटिश साम्राज्य के समय की महत्वपूर्ण धरोहर है और भारतीय इतिहास, कला, और वास्तुकला का एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है। Victoria Memorial की स्थापना महारानी विक्टोरिया की याद में की गई थी और यह एक महत्वपूर्ण संग्रहालय भी है, जो भारतीय इतिहास और ब्रिटिश साम्राज्य के प्रभावों को दर्शाता है। इस स्मारक का निर्माण 1906 में शुरू हुआ और यह 1921 में पूरा हुआ। इसका डिज़ाइन लंदन के प्रसिद्ध वास्तुकार सर विलियम इंम्सन ने किया था, और इसमें मुख्य रूप से मकराना संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है, जो इसकी भव्यता और सुंदरता को और भी बढ़ाता है।

Victoria Memorial के भीतर विभिन्न संग्रहणालयों में भारतीय कला, इतिहास, और संस्कृति से संबंधित अनमोल कृतियाँ और सामग्रियाँ रखी गई हैं। यहाँ पर भारतीय मुग़ल और ब्रिटिश काल की वस्तुएँ, चित्रकला, सिक्के, पुरानी शस्त्र सामग्री और अन्य ऐतिहासिक सामग्रियाँ देखने को मिलती हैं। यह संग्रहालय भारत के इतिहास के अध्यायों को जीवंत करने का काम करता है और पर्यटकों को भारतीय सभ्यता और संस्कृति से रूबरू कराता है। Victoria Memorial केवल एक ऐतिहासिक स्थल ही नहीं, बल्कि कोलकाता के पर्यटन स्थलों में से एक प्रमुख आकर्षण भी है, जो हर वर्ष हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है

कोलकाता का विक्टोरिया मेमोरियल: इतिहास, वास्तुकला और सांस्कृतिक धरोहर

Victoria Memorial of Kolkata: A Symbol of Colonial

Victoria Memorial, भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के कोलकाता शहर में स्थित एक ऐतिहासिक स्मारक है। यह स्मारक ब्रिटिश साम्राज्य के शाही शासन और क्वीन विक्टोरिया के योगदान की याद में बनाया गया था। इसे भारत के सबसे प्रमुख ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्मारकों में से एक माना जाता है, जो अपने अद्वितीय वास्तुकला, इतिहास और सांस्कृतिक महत्व के कारण पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों का आकर्षण केन्द्र बन चुका है।

विक्टोरिया मेमोरियल का इतिहास

Victoria Memorial का निर्माण 1906 में शुरू हुआ था और यह 1921 में पूरा हुआ। इसे ब्रिटिश सम्राटों की उपस्थिति में भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की स्थिरता और शक्ति के प्रतीक के रूप में देखा जाता था। विक्टोरिया मेमोरियल को भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के अंतिम चरण की पहचान के रूप में निर्मित किया गया था, जब अंग्रेजों का शासन समाप्त होने में कुछ साल बाकी थे। इस मेमोरियल का उद्देश्य भारतीय उपमहाद्वीप में ब्रिटिश शासन की सफलता और उनके योगदान को सम्मानित करना था।

विक्टोरिया मेमोरियल की वास्तुकला

विक्टोरिया मेमोरियल की वास्तुकला ब्रिटिश साम्राज्य की शाही और औपनिवेशिक शैली का बेहतरीन उदाहरण है। इस स्मारक की वास्तुकला में एक अद्वितीय मिश्रण है, जिसमें ब्रिटिश और भारतीय वास्तुकला के तत्वों का संगम दिखाई देता है। यह सफेद संगमरमर से बना है और इसकी डिजाइन में यूरोपीय शैली के कई तत्वों के साथ भारतीय स्थापत्य की सूक्ष्मता को जोड़ा गया है।

Victoria Memorial का डिज़ाइन प्रसिद्ध ब्रिटिश वास्तुकार सर विलियम एच. नॉर्मन ने तैयार किया था। इसकी मुख्य संरचना एक गुंबद के आकार की है, जो ऊपर से देखने पर एक आकर्षक आर्किटेक्चरल दृश्य प्रस्तुत करता है। इसके चारों ओर विशाल बगीचे हैं, जो इस स्मारक के सौंदर्य को और भी बढ़ाते हैं।

विक्टोरिया मेमोरियल का महत्व

Victoria Memorial का भारतीय इतिहास और संस्कृति में गहरा महत्व है। यह ब्रिटिश साम्राज्य के अंतिम दिनों की याद दिलाता है और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक प्रतीक बनकर उभरा। इसके निर्माण के समय ब्रिटिश साम्राज्य का भारत में प्रभुत्व था, लेकिन यह स्मारक आज स्वतंत्र भारत की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा बन चुका है।

Victoria Memorial का महत्व केवल इसके ऐतिहासिक संदर्भ में ही नहीं है, बल्कि यह भारतीय कला, संस्कृति और स्थापत्य का अद्वितीय मिश्रण भी प्रस्तुत करता है। इसके भव्य भवन में भारतीय, यूरोपीय और मुग़ल स्थापत्य शैली के तत्वों को समाहित किया गया है, जो इसे एक वास्तुकला की कृति बनाता है।

विक्टोरिया मेमोरियल का संग्रहालय

Victoria Memorial के भीतर एक संग्रहालय स्थित है, जिसमें भारत के इतिहास, संस्कृति, और ब्रिटिश साम्राज्य से संबंधित अनमोल वस्तुएं और दस्तावेज़ संग्रहित हैं। यह संग्रहालय भारतीय और ब्रिटिश इतिहास के अद्भुत मिलाजुला इतिहास को दर्शाता है। यहां भारतीय कला, प्राचीन शिल्प, चित्रकला, शिल्पकला, और ऐतिहासिक चित्रों का संग्रह है।

संग्रहालय में विशेष रूप से ब्रिटिश काल से संबंधित कई महत्वपूर्ण चित्र, वस्त्र, मूर्तियां और अन्य ऐतिहासिक सामग्री रखी गई हैं। यहां के संग्रह में ब्रिटिश सम्राटों की पेंटिंग्स, भारतीय कला के उत्कृष्ट उदाहरण और उस समय के विभिन्न दस्तावेज़ शामिल हैं, जो ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में घटित घटनाओं को दर्शाते हैं।

विक्टोरिया मेमोरियल का वास्तुशिल्प

Victoria Memorial की वास्तुकला में यूरोपीय और भारतीय स्थापत्य शैली का अद्भुत संगम है। इसका मुख्य भवन सफेद संगमरमर से बना है, जो इसकी भव्यता को और बढ़ाता है। यह स्मारक 64 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है और इसके चारों ओर एक शानदार बगीचा है। स्मारक के आंतरिक भाग में एक केंद्रीय गुंबद है, जिसकी ऊंचाई 184 फीट है। गुंबद के ऊपर एक कांस्य की मूर्ति स्थित है, जो ब्रिटिश साम्राज्य की शक्ति और विक्टोरिया की आकृति का प्रतीक है।

इसकी वास्तुकला में यूरोपीय किलेबंदी की डिजाइन, भारतीय मंदिरों की शिखर शैली और मुग़ल वास्तुकला के प्रभाव स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं। विक्टोरिया मेमोरियल का बाहरी रूप अत्यंत भव्य और आकर्षक है, जो भारत के शाही इतिहास का प्रतिनिधित्व करता है।

विक्टोरिया मेमोरियल का ऐतिहासिक प्रभाव

Victoria Memorial of Kolkata: A Symbol of Colonial

Victoria Memorial का ऐतिहासिक प्रभाव भारतीय उपमहाद्वीप पर गहरा था। यह ब्रिटिश साम्राज्य के उस समय के शाही प्रभुत्व को दर्शाता है, जब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था। हालांकि आज यह स्वतंत्र भारत की सांस्कृतिक धरोहर के रूप में खड़ा है, लेकिन इसका इतिहास ब्रिटिश साम्राज्य के शाही प्रभुत्व और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा हुआ है।

आज Victoria Memorial का महत्व एक ऐतिहासिक स्थल के रूप में है, जो भारतीय और ब्रिटिश इतिहास के बारे में जानकारी प्रदान करता है। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौर की याद दिलाने वाला स्थल भी है, जो भारत के इतिहास में एक अहम मोड़ था।

विक्टोरिया मेमोरियल का पर्यटन

Colosseum of Rome: रोमन साम्राज्य की गौरवशाली विरासत और स्थापत्य का अद्भुत चमत्कार

विक्टोरिया मेमोरियल को कोलकाता का एक प्रमुख पर्यटन स्थल माना जाता है। यह पर्यटकों को आकर्षित करता है क्योंकि यहां न केवल ऐतिहासिक महत्व है, बल्कि इसकी वास्तुकला और संग्रहालय भी आकर्षण का केन्द्र हैं। हर साल लाखों पर्यटक यहां आते हैं और भारतीय इतिहास और ब्रिटिश साम्राज्य के बारे में अधिक जानने का मौका प्राप्त करते हैं। विक्टोरिया मेमोरियल के बगीचों में पर्यटकों के लिए शांतिपूर्ण वातावरण है, जहां वे विश्राम कर सकते हैं और इस स्मारक की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।

विक्टोरिया मेमोरियल का भविष्य

विक्टोरिया मेमोरियल का भविष्य एक स्थायी धरोहर के रूप में उज्जवल नजर आता है। इसका संरक्षण और पुनर्निर्माण कार्य निरंतर चल रहा है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ इसे देख सकें और इसका महत्व समझ सकें। यह स्मारक भारतीय संस्कृति, वास्तुकला और ब्रिटिश इतिहास के अद्भुत मिश्रण को दर्शाता है और भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बना रहेगा।

निष्कर्ष

विक्टोरिया मेमोरियल, कोलकाता का एक अद्वितीय स्मारक है, जो भारतीय और ब्रिटिश इतिहास के संगम को प्रदर्शित करता है। इसकी भव्यता, वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व ने इसे कोलकाता का एक प्रमुख पर्यटन स्थल बना दिया है। यह स्मारक ब्रिटिश साम्राज्य के शासन की याद दिलाता है, लेकिन आज यह भारतीय संस्कृति और इतिहास का एक महत्वपूर्ण प्रतीक बन चुका है। विक्टोरिया मेमोरियल न केवल एक ऐतिहासिक स्मारक है, बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा भी बन चुका है।

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Palace of Fine Arts मेक्सिको सिटी: कला, संस्कृति और वास्तुकला का भव्य प्रतीक

Palace of Fine Arts मेक्सिको सिटी, कला और संस्कृति का एक भव्य प्रतीक है। यह अद्वितीय भवन अपनी शानदार वास्तुकला, रंगीन भित्तिचित्रों और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए प्रसिद्ध है। इस लेख में हम इसके इतिहास, निर्माण शैली, कलात्मक महत्व और वर्तमान में इसकी भूमिका के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं। Palace of Fine Arts न केवल मेक्सिको का गर्व है, बल्कि वैश्विक सांस्कृतिक धरोहरों में भी एक चमकता सितारा है।

पैलेस ऑफ फाइन आर्ट्स, मेक्सिको सिटी

Palace of Fine Arts, Mexico City

मेक्सिको सिटी का Palace of Fine Arts एक ऐसा भव्य सांस्कृतिक स्मारक है, जो कला, संगीत, नृत्य, रंगमंच और वास्तुकला का अद्वितीय संगम प्रस्तुत करता है। यह सिर्फ एक थिएटर या म्यूज़ियम नहीं, बल्कि मेक्सिकन पहचान और गर्व का प्रतीक भी है। इसे अक्सर ‘मेक्सिको का सांस्कृतिक हृदय’ कहा जाता है। इस लेख में हम Palace of Fine Arts के इतिहास, वास्तुकला, कलात्मक महत्व, आयोजनों, संग्रहालयों और इसके आधुनिक प्रभाव पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

पैलेस ऑफ फाइन आर्ट्स का इतिहास

निर्माण की शुरुआत

Palace of Fine Arts 1904 में, मेक्सिको के तत्कालीन राष्ट्रपति पोरफिरियो डिआज़ ने देश की स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक भव्य थिएटर बनाने का सपना देखा। इस निर्माण कार्य का ज़िम्मा इटली के प्रसिद्ध आर्किटेक्ट आदामो बोइरी (Adamo Boari) को सौंपा गया।

निर्माण में रुकावटें

Palace of Fine Arts हालांकि, परियोजना कई बार बाधित हुई। 1910 में मेक्सिकन क्रांति और फिर वित्तीय समस्याओं के चलते निर्माण कार्य थम गया। इसके बाद 1932 में मैक्सिमिलियानो मारिस्कल के निर्देशन में कार्य फिर से शुरू हुआ और आखिरकार 1934 में पैलेस ऑफ फाइन आर्ट्स का उद्घाटन हुआ।

उद्घाटन

Palace of Fine Arts बड़े धूमधाम के साथ इसे जनता के लिए खोला गया। तब से यह स्थल मेक्सिकन संस्कृति और कलात्मक अभिव्यक्ति का प्रमुख केंद्र बन गया।वास्तुकला और संरचना

बाहरी डिजाइन

Palace of Fine Arts की बाहरी संरचना आर्ट नोव्यू (Art Nouveau) शैली में बनी है। इसमें सफेद इटैलियन मार्बल का भव्य उपयोग हुआ है। इसका मुख्य गुंबद पीले और नारंगी रंग की सिरेमिक टाइलों से सजाया गया है, जो दूर से बेहद आकर्षक दिखता है।

भीतरी डिजाइन

अंदरूनी हिस्से में आर्ट डेको (Art Deco) शैली का प्रभाव दिखता है। विशाल भित्ति चित्र (Murals), स्टेन ग्लास खिड़कियाँ, चमचमाती पीतल की सजावट और आधुनिक ज्यामितीय डिजाइन इसे एक अद्वितीय रूप प्रदान करते हैं।

उल्लेखनीय भाग

  • गुंबद : विशाल और रंगीन गुंबद भवन की सबसे अलग पहचान है।
  • भित्ति चित्र : डिएगो रिवेरा (Diego Rivera), डेविड अल्फारो सिकीरोस (David Alfaro Siqueiros) जैसे महान कलाकारों द्वारा बनाई गईं भित्तियाँ।
  • ऑडिटोरियम : 2000 से अधिक दर्शकों की क्षमता वाला भव्य ऑडिटोरियम।

सांस्कृतिक महत्व

Palace of Fine Arts न केवल एक भवन है, बल्कि यह मेक्सिको की सांस्कृतिक आत्मा है। यहाँ नृत्य, ओपेरा, नाट्यकला, संगीत, पेंटिंग और मूर्तिकला के कई ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकारों का प्रमुख मंच रहा है।

प्रमुख आयोजन

बेलास आर्ट्स ओपेरा हाउस

यहाँ मेक्सिको की प्रमुख ओपेरा कंपनियाँ और अंतरराष्ट्रीय कलाकार नियमित प्रदर्शन करते हैं।

Palace of Fine Arts, Mexico City

बैले फोल्क्लोरिको डी मेक्सिको

Palace of Fine Arts के पारंपरिक नृत्य का सबसे बड़ा मंच भी यहीं है। ‘Ballet Folklórico de México’ के प्रदर्शन विश्व प्रसिद्ध हैं।

प्रदर्शनियाँ

Palace of Fine Arts में नियमित रूप से प्रसिद्ध चित्रकारों और मूर्तिकारों की कलाकृतियों की प्रदर्शनियाँ लगती हैं।

संग्रहालय

यह संग्रहालय भवन के भीतर स्थित है, जहाँ पर विभिन्न स्थायी और अस्थायी प्रदर्शनियाँ लगती रहती हैं। यहाँ आप प्रसिद्ध भित्ति चित्रों, आधुनिक कला और ऐतिहासिक दस्तावेजों को देख सकते हैं।

भित्ति चित्र और उनकी महत्ता

Palace of Fine Arts की दीवारों पर बनीं भित्तियाँ मेक्सिको की सामाजिक और राजनीतिक चेतना को दर्शाती हैं। इनमें डिएगो रिवेरा का “Man at the Crossroads” विशेष प्रसिद्ध है।

ये भित्तियाँ न केवल कलात्मक सौंदर्य हैं बल्कि मेक्सिकन समाज के संघर्षों और आकांक्षाओं का सजीव चित्रण भी करती हैं।

स्थापत्य चुनौतियाँ और संरक्षण

मेक्सिको सिटी के धरती में धंसने के कारण यह भवन भी धीरे-धीरे नीचे धंस रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए समय-समय पर मरम्मत और संरक्षण कार्य किए जाते हैं। इसके बावजूद, पैलेस की भव्यता और आकर्षण आज भी बरकरार है।

पैलेस ऑफ फाइन आर्ट्स का वैश्विक प्रभाव

पैलेस ऑफ फाइन आर्ट्स को यूनेस्को द्वारा ‘विश्व धरोहर स्थल’ के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह न केवल मेक्सिको बल्कि पूरी दुनिया के लिए कला और संस्कृति का एक प्रेरणास्रोत बन चुका है।

यह भवन दुनिया के शीर्ष सांस्कृतिक स्थलों में शामिल किया जाता है और हर साल लाखों पर्यटक इसकी भव्यता को निहारने आते हैं।

रोचक तथ्य

  • भवन का निर्माण कुल लगभग 30 वर्षों में पूरा हुआ।
  • गुंबद का वज़न 45 टन से भी अधिक है।
  • यह भवन दिन में सफेद और सूर्यास्त के समय सुनहरा नजर आता है।
  • इसका भव्य मंच पर्दा (Stage Curtain) टिफ़नी कंपनी द्वारा डिज़ाइन किया गया था, जो कांच से बना है और दुनिया में अनूठा है।

यात्रा गाइड

Louvre Museum: विश्व की कला और संस्कृति का भव्य संग्राहालय

Palace of Fine Arts, Mexico City
  • स्थान : Avenida Juárez, Centro Histórico, Mexico City
  • समय : मंगलवार से रविवार तक खुला रहता है।
  • प्रवेश शुल्क : सामान्यतः संग्रहालय में प्रवेश हेतु एक मामूली शुल्क लिया जाता है।
  • यात्रा सुझाव : शाम के समय भवन का प्रकाश और उसका सौंदर्य देखने लायक होता है।

निष्कर्ष

पैलेस ऑफ फाइन आर्ट्स सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि एक जीवंत गाथा है जो कला, संगीत, संस्कृति और इतिहास को समेटे हुए है। यह मेक्सिको की आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है और विश्व भर के कला प्रेमियों के लिए एक अनमोल धरोहर है। यदि आप कला, संगीत या इतिहास में रुचि रखते हैं, तो मेक्सिको सिटी की यात्रा में पैलेस ऑफ फाइन आर्ट्स को अवश्य शामिल करें।

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