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NewsnowसेहतIntestinal worms के बारे में विस्तृत जानकारी ?

Intestinal worms के बारे में विस्तृत जानकारी ?

आंतों के कीड़े विभिन्न प्रकार के होते हैं, और ये छोटे बच्चे, वयस्क और वृद्ध सभी को प्रभावित कर सकते हैं। इस लेख में, हम आंतों के कीड़ों के प्रकार, उनके लक्षण, कारण, रोकथाम और उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

आंतों के कीड़े (Intestinal Worms) या परजीवी कीड़े एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या हैं, जो खासतौर पर विकासशील देशों में देखी जाती हैं। ये कीड़े पेट और आंतों में रहते हैं और वहां से पोषण प्राप्त करते हैं, जिससे वे संक्रमित व्यक्ति के शरीर को कमजोर कर सकते हैं। Intestinal Worms विभिन्न प्रकार के होते हैं, और ये छोटे बच्चे, वयस्क और वृद्ध सभी को प्रभावित कर सकते हैं। इस लेख में, हम Intestinal Worms के प्रकार, उनके लक्षण, कारण, रोकथाम और उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

आंतों के कीड़ों के प्रकार (Types of Intestinal Worms)

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राउंडवॉर्म्स (Roundworms):


राउंडवॉर्म्स, जिन्हें वैज्ञानिक रूप से “एस्केरिस लुम्ब्रिकोइड्स” कहा जाता है, सबसे सामान्य आंतों के कीड़ों में से एक हैं। ये लंबे, पतले कीड़े होते हैं और अक्सर मल-मूत्र से फैलते हैं। ये बच्चों और वयस्कों दोनों में संक्रमण का कारण बन सकते हैं। राउंडवॉर्म्स का मुख्य कारण अस्वच्छ पानी या भोजन होता है।

टेपवॉर्म्स (Tapeworms):


टेपवॉर्म्स लंबी, फ्लैट कीड़े होते हैं जो शरीर के अंदर पनपते हैं। ये संक्रमित मांस (जैसे कि अधपके या कच्चे मांस) के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं। टेपवॉर्म्स कई मीटर तक बढ़ सकते हैं और आंतों की दीवारों से जुड़ जाते हैं।

हुकवॉर्म्स (Hookworms):


हुकवॉर्म्स का नाम उनके मुंह की हुक जैसी संरचना के कारण पड़ा है। ये त्वचा के संपर्क के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं, खासतौर पर तब जब व्यक्ति संक्रमित मिट्टी के संपर्क में आता है। एक बार शरीर में प्रवेश करने के बाद, हुकवॉर्म्स रक्त से पोषण लेते हैं, जिससे खून की कमी (एनीमिया) हो सकती है।

पिनवॉर्म्स (Pinworms):


पिनवॉर्म्स छोटे, सफेद कीड़े होते हैं, जो विशेषकर बच्चों में आम हैं। ये गुदा के आसपास अंडे देते हैं, जिससे खुजली होती है। पिनवॉर्म्स संपर्क के माध्यम से फैलते हैं, जैसे कि संक्रमित हाथ, कपड़े, या बिस्तर से।

  • व्हिपवॉर्म्स (Whipworms):

  • ये कीड़े छोटे, पतले होते हैं और इनके आगे का हिस्सा एक कोड़े (whip) की तरह होता है। ये मुख्य रूप से संक्रमित मिट्टी और दूषित खाद्य पदार्थों के माध्यम से फैलते हैं।

आंतों के कीड़ों के लक्षण (Symptoms of Intestinal Worms)

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Intestinal Worms का संक्रमण अलग-अलग लोगों में विभिन्न लक्षण पैदा कर सकता है, जो निम्नलिखित हैं:

पेट में दर्द:


Intestinal Worms की उपस्थिति से पेट में दर्द हो सकता है, खासकर अगर कीड़ों की संख्या अधिक हो।

मल में कीड़े का दिखना:


कई मामलों में, लोग अपने मल में कीड़े या कीड़ों के अंडे देख सकते हैं।

वजन में कमी:


आंतों के कीड़े शरीर के पोषक तत्वों को खींचते हैं, जिससे वजन में अचानक गिरावट हो सकती है।

भूख में कमी या अत्यधिक भूख लगना:


कुछ लोग भूख में कमी महसूस कर सकते हैं, जबकि कुछ को अत्यधिक भूख लग सकती है।

एनीमिया (रक्ताल्पता):


हुकवॉर्म्स और अन्य कीड़े रक्त से पोषण लेते हैं, जिससे शरीर में खून की कमी हो सकती है।

थकान और कमजोरी:


पोषक तत्वों की कमी के कारण संक्रमित व्यक्ति को कमजोरी और थकान महसूस हो सकती है।

मलद्वार के आसपास खुजली:


पिनवॉर्म्स के कारण मलद्वार के आसपास तेज खुजली हो सकती है, खासतौर पर रात के समय।

उल्टी और दस्त:


कभी-कभी आंतों के कीड़ों के कारण उल्टी या दस्त भी हो सकते हैं।

नींद में खलल:


आंतों के कीड़े रात में अधिक सक्रिय होते हैं, जिससे नींद में खलल हो सकता है।

आंतों के कीड़ों के संक्रमण के कारण (Causes of Intestinal Worms)

Intestinal Worms का संक्रमण मुख्यतः खराब स्वच्छता और दूषित भोजन या पानी से होता है। इनके संक्रमण के निम्नलिखित सामान्य कारण होते हैं:

अस्वच्छ पानी का सेवन:


अगर व्यक्ति दूषित पानी का सेवन करता है, तो उसमें उपस्थित कीड़े या उनके अंडे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।

संक्रमित भोजन का सेवन:


अधपका या कच्चा मांस, विशेष रूप से पोर्क या बीफ, टेपवॉर्म्स का एक प्रमुख स्रोत हो सकता है।

संक्रमित मिट्टी का संपर्क:


हुकवॉर्म्स और अन्य कीड़े संक्रमित मिट्टी में मौजूद हो सकते हैं, और जब व्यक्ति नंगे पैर मिट्टी में चलता है या उसके संपर्क में आता है, तो कीड़े त्वचा के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।

खराब स्वच्छता आदतें:


हाथ धोने की उचित आदतों की कमी, विशेष रूप से खाने से पहले या शौचालय के बाद, कीड़ों के संक्रमण को बढ़ावा देती है।

अस्वच्छ जीवन परिस्थितियां:


गंदे, भीड़भाड़ वाले इलाकों में रहने से आंतों के कीड़ों का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि यहां पर स्वच्छता का ध्यान रखना मुश्किल हो सकता है।

संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना:


आंतों के कीड़े आसानी से व्यक्ति से व्यक्ति में फैल सकते हैं, खासकर पिनवॉर्म्स के मामले में। संक्रमित व्यक्ति के साथ बिस्तर साझा करने या उनके कपड़े पहनने से संक्रमण का खतरा रहता है।

निदान (Diagnosis of Intestinal Worms)

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आंतों के कीड़ों का निदान करने के लिए निम्नलिखित तरीकों का उपयोग किया जा सकता है:

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मल परीक्षण (Stool Test):


डॉक्टर अक्सर मल का परीक्षण करते हैं ताकि उसमें कीड़े या उनके अंडों की उपस्थिति की पुष्टि की जा सके।

रक्त परीक्षण (Blood Test):


कुछ मामलों में, डॉक्टर खून की जांच भी कर सकते हैं, खासकर अगर हुकवॉर्म्स या राउंडवॉर्म्स जैसे कीड़े रक्त में मौजूद हों।

परजीवी एंटीजन परीक्षण:


इस परीक्षण में शरीर के अंदर कीड़ों के द्वारा उत्पादित एंटीजन की उपस्थिति का पता लगाया जाता है।

इमेजिंग (Imaging Tests):


गंभीर मामलों में, डॉक्टर आंतों के कीड़ों की पहचान के लिए अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे या अन्य इमेजिंग तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।

आंतों के कीड़ों का उपचार (Treatment of Intestinal Worms)

आंतों के कीड़ों का उपचार प्रभावी और आसान होता है, बशर्ते कि सही समय पर निदान और उपचार किया जाए। निम्नलिखित उपचार विधियों का उपयोग किया जा सकता है:

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एंटीहेल्मिंथिक दवाएं (Anthelmintic Medications):


डॉक्टर आमतौर पर एंटीहेल्मिंथिक दवाओं का सुझाव देते हैं, जो आंतों के कीड़ों को मारती हैं। इन दवाओं में अल्बेंडाजोल, मेबेंडाजोल और पिरेंटेल पैमोट शामिल होते हैं। ये दवाएं आमतौर पर एक या दो खुराक में ही कीड़ों को खत्म कर सकती हैं।

पोषक तत्वों की पूर्ति:


यदि आंतों के कीड़ों के कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो गई हो, तो डॉक्टर विटामिन और खनिजों की पूर्ति के लिए सप्लीमेंट्स का सुझाव दे सकते हैं।

एनीमिया का उपचार:


अगर हुकवॉर्म्स या अन्य कीड़ों के कारण एनीमिया हो गया हो, तो डॉक्टर आयरन सप्लीमेंट्स या खून की कमी को दूर करने के लिए अन्य उपचार विधियों का प्रयोग कर सकते हैं।

सहायक उपचार:


मरीज को दवाओं के साथ-साथ पर्याप्त आराम, संतुलित आहार और साफ-सफाई का भी ध्यान रखना चाहिए ताकि कीड़ों का पुनः संक्रमण न हो।

आंतों के कीड़ों की रोकथाम (Prevention of Intestinal Worms)

आंतों के कीड़ों से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

हाथों की स्वच्छता:


खाने से पहले और शौचालय जाने के बाद हमेशा हाथों को अच्छी तरह से साबुन और पानी से धोना चाहिए।

साफ-सफाई का ध्यान रखना:


घर और आस-पास के क्षेत्र

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