Pregnancy के दौरान कई तरह के मिथक और अंधविश्वास प्रचलित हैं। ये मिथक न केवल भ्रमित करते हैं बल्कि कई बार गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारों को चिंता भी देते हैं। आइए कुछ आम मिथकों का खंडन करते हैं:
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Pregnancy के बारे में आम मिथकों का खंडन
मिथक: गर्भावस्था में खट्टे फल खाने से बच्चे के बाल सफेद हो जाते हैं।
- सच्चाई: खट्टे फल खाने से बच्चे के बालों का रंग प्रभावित नहीं होता। बच्चे का बालों का रंग आनुवंशिक होता है और माता-पिता के जीन पर निर्भर करता है।
मिथक: गर्भावस्था में तिल का सेवन करने से बच्चे के दांत जल्दी निकलते हैं।
- सच्चाई: तिल का सेवन करने से बच्चे के दांत जल्दी निकलने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। बच्चे के दांत निकलने की उम्र आनुवंशिक होती है।
मिथक: गर्भावस्था में ज्यादा सोने से बच्चा कमजोर होता है।
- सच्चाई: गर्भावस्था के दौरान शरीर को पर्याप्त आराम की आवश्यकता होती है। ज्यादा सोने से बच्चे के कमजोर होने का कोई संबंध नहीं है। बल्कि पर्याप्त नींद से मां और बच्चे दोनों स्वस्थ रहते हैं।
मिथक: गर्भावस्था में उल्टी होना सामान्य है और इसे नजरअंदाज करना चाहिए।
- सच्चाई: गर्भावस्था में उल्टी होना आम है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। बार-बार उल्टी होने से शरीर में पानी और पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। अगर आपको लगातार उल्टी हो रही है तो डॉक्टर से संपर्क करें।
मिथक: गर्भावस्था में एक्स-रे करवाना बच्चे के लिए हानिकारक होता है।
- सच्चाई: अगर डॉक्टर आवश्यक समझे तो गर्भावस्था में एक्स-रे करवाया जा सकता है। आधुनिक एक्स-रे मशीनें कम विकिरण उत्पन्न करती हैं और बच्चे को नुकसान पहुंचाने की संभावना बहुत कम होती है। हालांकि, एक्स-रे करवाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
गर्भवस्था के दौरान किसी भी तरह के संदेह या समस्या के लिए डॉक्टर से संपर्क करना सबसे अच्छा होता है।
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अन्य महत्वपूर्ण बातें:
- गर्भावस्था के दौरान संतुलित आहार लें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें।
- तनाव से बचें।
- नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाएं।