प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार, 6 अप्रैल 2025 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज, नए Pamban Bridge का उद्घाटन किया। यह अत्याधुनिक पुल रामेश्वरम द्वीप को मुख्य भूमि से जोड़ता है और पुराने ब्रिटिशकालीन पंबन ब्रिज का स्थान लेता है।
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नए Pamban Bridge की मुख्य विशेषताएं:
- यह Pamban Bridge 2.08 किलोमीटर लंबा है, जिसमें 99 स्पैन और एक 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन शामिल है। यह लिफ्ट स्पैन 17 मीटर तक उठ सकता है, जिससे बड़े जहाजों को पुल के नीचे से गुजरने की अनुमति मिलती है।
- इस पुल का निर्माण लगभग ₹550 करोड़ की लागत से किया गया है।
- पुल में 333 पाइल्स और 101 पियर्स हैं, और इसे दोहरी पटरियों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे भविष्य में विस्तार की संभावना बनी रहती है।
- ऊर्ध्वाधर समुद्री पुल का एक गहरा सांस्कृतिक महत्व भी है, क्योंकि रामायण के अनुसार, राम सेतु का निर्माण रामेश्वरम के पास धनुषकोडी से शुरू हुआ था।
- रामेश्वरम को मुख्य भूमि से जोड़ने वाला यह पुल वैश्विक मंच पर भारतीय इंजीनियरिंग की एक उल्लेखनीय उपलब्धि के रूप में खड़ा है। पंबन पुल में अधिक स्थायित्व और कम रखरखाव की आवश्यकता है।
- इसे भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए दोहरी रेल पटरियों के लिए डिज़ाइन किया गया है। एक विशेष पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग इसे जंग से बचाती है, जिससे कठोर समुद्री वातावरण में दीर्घायु सुनिश्चित होती है।
उद्घाटन समारोह के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने रामेश्वरम-तांबरम (चेन्नई) एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई, जो अब इस नए पुल के माध्यम से संचालित होगी। यह Pamban Bridge न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा, बल्कि पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा। इसके उद्घाटन से रामेश्वरम की यात्रा अधिक सुगम हो गई है, जो चार धाम तीर्थ स्थलों में से एक है।
नया पंबन ब्रिज अपनी उन्नत इंजीनियरिंग और सांस्कृतिक महत्व के साथ भारत की आधुनिक बुनियादी ढांचे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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