Vasant Panchami दिवस ज्ञान, संगीत, कला, विज्ञान और प्रौद्योगिकी की देवी सरस्वती को समर्पित है। वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। Vasant Panchami को श्री पंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है।
मां सरस्वती वाणी, बुद्धि, ज्ञान, संगीत, कला और विज्ञान की देवी मानी जाती है। इनकी पूजा शुभ मुहूर्त में करने से जीवन में शुभता आने लगती है तथा मंत्र जाप से बुद्धि तीव्र होती है और वाणी में मधुरता आती है।
हंस की सवारी करने वाली सरस्वती देवी को हिन्दुओं की मुख्य देवी माना जाता हैं, इन्हें शारदा, शतरूपा, वीणावादिनी, वीणापाणि, वाग्देवी, वागेश्वरी, भारती आदि नामों से भी भक्त पुकारते हैं। विद्या की अधिष्ठात्री देवी की उपासना करने से ज्ञान तथा सद्बुद्धि की प्राप्ति होती हैं।
लोग ज्ञान प्राप्त करने के साथ-साथ सुस्ती, आलस्य और अज्ञानता से छुटकारा पाने के लिए देवी सरस्वती की पूजा करते हैं। बच्चों को शिक्षा देने के इस अनुष्ठान को अक्षर-अभ्यसम या विद्या-अरम्भम/प्रसाना के नाम से जाना जाता है जो Vasant Panchami के प्रसिद्ध अनुष्ठानों में से एक है। देवी का आशीर्वाद लेने के लिए स्कूल और कॉलेज सुबह पूजा की व्यवस्था करते हैं।
पूर्वाह्न काल, जो सूर्योदय और दोपहर के बीच का समय है, को वसंत पंचमी का दिन तय करने वाला माना जाता है। वसंत पंचमी उस दिन मनाई जाती है, जब पूर्वाह्न काल के दौरान पंचमी तिथि प्रबल होती है। जिससे चतुर्थी तिथि को वसंत पंचमी भी पड़ सकती है।
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कई ज्योतिषी Vasant Panchami को अबूझ दिवस मानते हैं जो सभी अच्छे कामों को शुरू करने के लिए शुभ है। इस मान्यता के अनुसार सरस्वती पूजा करने के लिए पूरे वसंत पंचमी का दिन शुभ होता है।
Vasant Panchami 2022 का शुभ मुहूर्त:
दिन शनिवार, 5 फरवरी 2022 ।
इस बार बसंत पंचमी तिथि का प्रारंभ- 05 फरवरी को सुबह 03.47 मिनट से शुरू होकर रविवार, 6 फरवरी 2022 को सुबह 03.46 मिनट पर पंचमी तिथि समाप्त होगी।
बसंत पंचमी पूजा का सबसे खास मुहूर्त- दोपहर 12.41 मिनट पर।
इस दिन देवी सरस्वती पूजा का मुहूर्त- 5 फरवरी को सुबह 07.05 मिनट से दोपहर 12.41 मिनट तक।
पूजन की कुल अवधि- 05 घंटे 36 मिनट रहेगी।
बसंत के आगमन के समय पेड़ पौधों में नई कोपलें जन्म लेती हैं । अगर बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती के इन शास्त्रोंक्त 12 नामों का श्रद्धा व विश्वास के साथ दोपहर के समय उच्चारण करता है उनकी प्रत्येक इच्छाएं पूरी हो जाती हैं ।
मां सरस्वती के 12 नाम
1- भारती
2- सरस्वती
3- शारदा
4- हंसवाहिनी
5- जगती
6- वागीश्वरी
7- कुमुदी
8- ब्रह्मचारिणी
9- बुद्धिदात्री
10- वरदायिनी
11- चंद्रकांति
12- भुवनेश्वरी