नई दिल्ली: AAP सांसद राघव चड्ढा को शुक्रवार को “नियमों के घोर उल्लंघन, कदाचार, अपमानजनक रवैये और अवमाननापूर्ण आचरण” के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। उनका निलंबन तब तक जारी रहेगा जब तक विशेषाधिकार समिति उनके खिलाफ दायर मामले में निर्णायक रिपोर्ट नहीं सौंप देती।
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चड्ढा पर दिल्ली सेवा विधेयक से संबंधित एक प्रस्ताव में पांच सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया गया है।
AAP सांसद राघव चड्ढा राज्यसभा से निलंबित
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को घोषणा की कि विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट लंबित होने तक चड्ढा को नियमों के घोर उल्लंघन और अवमाननापूर्ण आचरण के लिए निलंबित कर दिया जाता है।
राघव चड्ढा के निलंबन की घोषणा करते हुए धनखड़ ने कहा, “उनके कदाचार, नियमों के उल्लंघन, परिभाषित रवैये और अनुचित आचरण की गंभीरता को देखते हुए, मुझे लगता है कि नियम 256 के साथ पढ़े जाने वाले नियम 266 को लागू करने और राघव चड्ढा को सेवा से निलंबित करने में तेजी लाई जाए।”
सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में कहा की, “मैं राघव चड्ढा को परिषद की सेवा से तब तक निलंबित करता हूं जब तक परिषद को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट का लाभ नहीं मिल जाता।”
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AAP सांसद राघव चड्ढा का निलंबन सदन के नेता पीयूष गोयल द्वारा पेश किए गए एक प्रस्ताव के बाद हुआ, गोयल ने चड्ढा पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाते हुए कहा कि चड्ढा का आचरण अप्रत्याशित और एक संसद सदस्य के लिए अशोभनीय था।