इम्फाल: मंगलवार (12 सितंबर) सुबह हिंसा प्रभावित Manipur के कांगपोकपी जिले में प्रतिबंधित आतंकवादी समूहों के उग्रवादियों ने कुकी-ज़ो समुदाय के तीन आदिवासियों की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
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जानकारी के मुताबिक मृतकों की पहचान सातनेओ तुबोई, नगामिनलुन ल्हौवम और नगामिनलुन किपगेन के रूप में की गई है।
Manipur के कांगपोकपी जिले में सुबह करीब 8.20 बजे हुई घटना
एक अधिकारी ने बताया कि हमला इंफाल पश्चिम और कांगपोकपी जिलों के सीमावर्ती इलाकों में स्थित इरेंग और करम गांवों के बीच हुआ। अधिकारी ने आगे कहा की, “अभी हमारे पास ज्यादा विवरण नहीं है। हम केवल इतना जानते हैं कि घटना सुबह करीब 8.20 बजे हुई जब अज्ञात लोगों ने इरेंग और करम वैफेई के बीच एक इलाके में तीन नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी।”
नवीनतम हत्याओं के साथ, 3 मई से दोनों समुदायों के बीच जातीय हिंसा में मरने वालों की संख्या 200 से अधिक हो गई है।
यह घटना 8 सितंबर को टेंग्नौपाल जिले के पल्लेल में भड़की हिंसा के ठीक बाद सामने आई है, जिसमें तीन लोग मारे गए थे और 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान Manipur में भड़की हिंसा
इस साल 3 मई से Manipur में हुई छिटपुट जातीय हिंसा में अब तक 160 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं जबकि सैकड़ों अन्य घायल हो गए हैं। मणिपुर में हिंसा तब भड़की, जब बहुसंख्यक मेइतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया।
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मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि नागा और कुकी सहित आदिवासी 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।