कम वसा:   चने में वसा की मात्रा कम होती है, जो फैटी लिवर के लिए उपयुक्त होता है। उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि वे लिवर में वसा के संचय को बढ़ा सकते हैं।

उच्च फाइबर:   चने में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और वजन नियंत्रण में मदद करता है। फाइबर रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में भी सहायक होता है।

प्रोटीन स्रोत:    चना प्रोटीन का अच्छा स्रोत है, जो मांसपेशियों को मजबूत बनाने और शरीर की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है। प्रोटीन लिवर के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।

विटामिन और मिनरल्स:   चने में कई महत्वपूर्ण विटामिन और मिनरल्स होते हैं जैसे कि फोलेट, मैग्नीशियम, और विटामिन बी। ये तत्व लिवर की सामान्य कार्यप्रणाली को बनाए रखने में मदद करते हैं।

एंटीऑक्सीडेंट:   चने में एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में फ्री रैडिकल्स को कम करने में मदद करते हैं और लिवर को नुकसान से बचाते हैं।

लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स:   चने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका मतलब है कि यह धीरे-धीरे पचता है और रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ाता नहीं है। यह गुण डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए फायदेमंद होता है, जो अक्सर फैटी लिवर के साथ जुड़ा होता है।