रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने हाल ही में भारतीय प्रवासी समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि “अमेरिका के प्रति हमारी निष्ठा पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए।” इस बयान के माध्यम से उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच गहरे संबंधों पर जोर दिया, और यह भी बताया कि भारतीय प्रवासी इस साझेदारी को मजबूत करने में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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भारत-अमेरिका संबंधों का सुदृढ़ीकरण
भारत और अमेरिका के बीच संबंध पिछले कुछ दशकों में काफी बदल गए हैं। शीत युद्ध के दौरान अलग-अलग पक्षों में रहने से लेकर आज की तारीख में रणनीतिक साझेदार बनने तक का सफर अद्भुत रहा है। Rajnath Singh ने इस परिवर्तन पर प्रकाश डाला, यह बताते हुए कि यह साझेदारी केवल रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और तकनीकी क्षेत्रों तक फैली हुई है। रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि यह साझेदारी आपसी सम्मान, साझा मूल्यों और सामान्य रणनीतिक हितों पर आधारित है।
सिंह का यह बयान कि “अमेरिका के प्रति हमारी निष्ठा पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए,” इस साझेदारी के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि थी। उन्होंने बताया कि भारत अपने संबंधों को महत्व देता है और इसे वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण मानता है। अमेरिका में भारतीय प्रवासी, जो कि बड़ी संख्या में मौजूद हैं, इन दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक पुल के रूप में कार्य करते हैं।
भारतीय प्रवासी समुदाय की भूमिका
अमेरिका में भारतीय प्रवासी समुदाय सबसे सफल और प्रभावशाली प्रवासी समुदायों में से एक है। अमेरिका में 40 लाख से अधिक भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जिन्होंने तकनीक, चिकित्सा, शिक्षा और राजनीति जैसे विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। Rajnath Singh ने इस योगदान को स्वीकार किया और कहा कि प्रवासी समुदाय इन दोनों देशों के बीच मजबूत सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों का प्रमाण है।
Rajnath Singh ने जोर देकर कहा कि प्रवासी समुदाय की सफलता भारत के लिए गर्व की बात है और यह अमेरिकी समाज में अवसरों और समावेशिता का प्रतीक भी है। उन्होंने भारतीय समुदाय से अनुरोध किया कि वे इस द्विपक्षीय संबंध को मजबूत करने में सक्रिय भूमिका निभाते रहें। रक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय-अमेरिकियों के योगदान ने न केवल अमेरिका को मजबूत किया है बल्कि दोनों देशों को और करीब ला दिया है।
रक्षा और रणनीतिक साझेदारी
भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी द्विपक्षीय संबंधों के मुख्य स्तंभों में से एक रही है। Rajnath Singh ने इस क्षेत्र में सहयोग की महत्ता पर जोर दिया और इसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक बताया। रक्षा मंत्री ने बताया कि दोनों देशों का हिंद-प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र, खुला और समावेशी बनाए रखने में समान हित है, जो वैश्विक व्यापार और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
Rajnath Singh ने दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित विभिन्न रक्षा समझौतों जैसे लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA) और कम्युनिकेशंस कम्पैटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट (COMCASA) का उल्लेख किया, जिन्होंने सैन्य सहयोग और इंटरऑपरेबिलिटी को बढ़ाया है। उन्होंने मलाबार अभ्यास जैसे संयुक्त सैन्य अभ्यासों के महत्व को भी बताया, जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाएं शामिल होती हैं और यह क्षेत्रीय सुरक्षा के प्रति साझा प्रतिबद्धता का प्रदर्शन है।
आर्थिक सहयोग
भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक संबंध भी उल्लेखनीय रूप से बढ़े हैं। अमेरिका भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है, और हाल के वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार 160 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है। Rajnath Singh ने बताया कि आर्थिक साझेदारी केवल व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि निवेश, तकनीकी हस्तांतरण और नवाचार तक भी फैली हुई है। रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में सहयोग दोनों देशों के भविष्य को आकार देने की क्षमता रखता है।
Rajnath Singh ने भारतीय प्रवासी समुदाय से भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया। उन्होंने भारतीय सरकार की पहल, जैसे “मेक इन इंडिया” और “डिजिटल इंडिया” कार्यक्रमों का उल्लेख किया, जो अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करते हैं। Rajnath Singh ने रक्षा निर्माण के क्षेत्र में सहयोग के महत्व पर भी जोर दिया, जहां भारत रक्षा उत्पादन के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने का लक्ष्य रखता है।
सांस्कृतिक और जन-जन के बीच संबंध
रक्षा और आर्थिक संबंधों से परे, भारत और अमेरिका के बीच संबंध सांस्कृतिक और जन-जन के बीच के संबंधों पर भी आधारित हैं। Rajnath Singh ने इन संबंधों को आपसी समझ और सम्मान को बढ़ाने में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने बताया कि अमेरिका में भारतीय प्रवासी समुदाय ने भारतीय संस्कृति और मूल्यों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे भारत की सॉफ्ट पावर को बल मिला है।
सिंह ने भारतीय समुदाय को अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और बढ़ावा देने के साथ-साथ अमेरिकी समाज में भी घुलने-मिलने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि भारतीय प्रवासी समुदाय की विविधता एक ताकत है, क्योंकि यह भारत और अमेरिका दोनों के बहुलवादी स्वभाव को दर्शाती है। रक्षा मंत्री ने यह भी माना कि भारतीय-अमेरिकियों ने दोनों देशों के बीच शैक्षिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसने द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा किया है।
चुनौतियों और गलतफहमियों का सामना करना
Rajnath Singh ने भारत-अमेरिका संबंधों में समय-समय पर आने वाली चुनौतियों और गलतफहमियों पर भी बात की। उन्होंने जोर देकर कहा कि भले ही कुछ मुद्दों पर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन संबंधों की समग्र दिशा सकारात्मक और आगे की ओर है। सिंह ने बताया कि दोनों देश परिपक्व लोकतंत्र हैं, जो किसी भी मतभेद को सुलझाने के लिए रचनात्मक संवाद कर सकते हैं।
रक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि कभी-कभी ऐसी गलत सूचनाएँ और प्रचार होते हैं, जो भारत-अमेरिका संबंधों को कमजोर करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने भारतीय प्रवासी समुदाय से आग्रह किया कि वे ऐसे नैरेटिव्स का मुकाबला करने में सतर्क और सक्रिय रहें। सिंह ने जोर देकर कहा कि भारत और अमेरिका के बीच की रणनीतिक साझेदारी साझा मूल्यों और हितों पर आधारित है, और दोनों देशों के लिए इस संबंध को मजबूत करना सर्वोत्तम है।
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भविष्य की ओर देखना
Rajnath Singh का भारतीय प्रवासी समुदाय के लिए यह संबोधन न केवल भारत की अमेरिका के साथ अपनी साझेदारी के प्रति प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि थी, बल्कि एक क्रियात्मक आह्वान भी था। उन्होंने अमेरिका में भारतीय समुदाय से आग्रह किया कि वे इस द्विपक्षीय संबंध को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहें। सिंह ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों का भविष्य उज्जवल है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।
रक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और महामारी जैसी वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के रूप में भारत और अमेरिका की यह जिम्मेदारी है कि वे शांति, स्थिरता और वैश्विक समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए साथ काम करें।
Rajnath Singh का संदेश भारतीय प्रवासी समुदाय के लिए स्पष्ट था: अमेरिका के साथ भारत की साझेदारी के प्रति हमारी निष्ठा अटूट है, और अमेरिका में भारतीय समुदाय इस संबंध को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में एक महत्वपूर्ण कड़ी बना रहेगा। रक्षा मंत्री का भाषण दोनों देशों के बीच मजबूत और स्थायी संबंधों का प्रमाण था, जो साझा मूल्यों, आपसी सम्मान और सामान्य हितों की नींव पर आधारित है। जैसे-जैसे भारत और अमेरिका अपनी साझेदारी को गहरा करते जा रहे हैं, भारतीय प्रवासी दोनों लोकतंत्रों को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी बनी रहेगी, और दोनों देशों की प्रगति और समृद्धि में योगदान करती रहेगी।
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