Durva Ashtami हिंदू महीने भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाने वाला एक हिंदू त्यौहार है। दूर्वा अष्टमी बुधवार, 11 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी। यह दूर्वा घास की पूजा के लिए समर्पित है, जिसे भगवान गणेश के लिए पवित्र माना जाता है।
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गणेश जी बाधाओं को दूर करने वाले
गणेश जी, हिंदू धर्म में सबसे प्रिय और व्यापक रूप से पूजे जाने वाले देवताओं में से एक हैं, जिन्हें अक्सर एक हंसमुख हाथी के सिर वाले देवता के रूप में दर्शाया जाता है। उन्हें “बाधाओं को दूर करने वाले” के रूप में जाना जाता है और सफलता सुनिश्चित करने के लिए किसी भी नए उद्यम की शुरुआत में उनका आह्वान किया जाता है।
गणेश जी की मुख्य विशेषताएँ:
हाथी का सिर: ज्ञान, बुद्धि और जीवन की जटिलताओं को समझने की क्षमता का प्रतीक है।
चार भुजाएँ: मानव अस्तित्व के चार पहलुओं का प्रतिनिधित्व करती हैं: मन, बुद्धि, अहंकार और चेतना।
वाहन के रूप में चूहा: चूहा बाधाओं और चुनौतियों पर काबू पाने का प्रतीक है, चाहे वे कितनी भी छोटी या महत्वहीन क्यों न हों।
मोदक: उनकी पसंदीदा मिठाई, जीवन की मिठास और जीवन के सुखों का आनंद लेने के महत्व का प्रतीक है।
गणेश जी का महत्व:
कला और विज्ञान के संरक्षक: गणेश जी को शिक्षा, सीखने और कलाओं का संरक्षक माना जाता है।
बाधाओं को दूर करने वाले: किसी के मार्ग में आने वाली किसी भी बाधा या कठिनाई को दूर करने के लिए उनका आह्वान किया जाता है।
शुरुआत के देवता: गणेश जी की पूजा नए उपक्रमों, परियोजनाओं या प्रयासों की शुरुआत में की जाती है।
बुद्धि और बुद्धि के देवता: वे बुद्धि, बुद्धि और बुद्धि के साथ चुनौतियों पर विजय पाने की क्षमता से जुड़े हैं।
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Durva Ashtami पूजा विधि
इस दिन सूर्योदय मे उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद महिलाएं व्रत का संकल्प लें। भगवान गणेश, शिव जी के साथ अन्य देवी-देवता को फूल-माला, सिंदूर, कुमकुम, चंदन, अक्षत चढ़ाने के साथ भोग लगाएं। इसके साथ ही गणेश जी को 21 जोड़े दूर्वा अवश्य चढ़ाएं।
Durva Ashtami के बारे में मुख्य बातें
दूर्वा घास का महत्व: माना जाता है कि दूर्वा घास में औषधीय गुण होते हैं और इसे पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
भगवान गणेश की पूजा: भक्त अपनी भक्ति के प्रतीक के रूप में भगवान गणेश को दूर्वा घास चढ़ाते हैं और अच्छे स्वास्थ्य, धन और सफलता के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं।
अनुष्ठान: Durva Ashtami 2024: एक अनोखा हिंदू उत्सव पर, भक्त भगवान गणेश की पूजा (पूजा) करते हैं, दूर्वा घास, मोदक (मीठे पकौड़े) और अन्य प्रसाद चढ़ाते हैं।
लाभ: ऐसा माना जाता है कि Durva Ashtami का पालन करने से आशीर्वाद, समृद्धि और बुराई से सुरक्षा मिलती है।
Durva Ashtami का महत्व
Durva Ashtami एक ऐसा दिन है, जब भगवान गणेश की दूर्वा घास से पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गणेश जी को दूर्वा घास चढ़ाने से विशेष आशीर्वाद और लाभ मिलता है।
Durva Ashtami अनुष्ठान और परंपराएँ
दूर्वा घास: Durva Ashtami का सबसे महत्वपूर्ण पहलू दूर्वा घास की पूजा है। भक्तगण भगवान गणेश को दूर्वा घास चढ़ाते हैं, क्योंकि वे मानते हैं कि इसमें पवित्र करने वाले और शुभ गुण हैं।
गणेश पूजा: इस दिन, भक्तगण भगवान गणेश की विशेष पूजा (पूजा) करते हैं, उन्हें मोदक (मीठे पकौड़े), फल, फूल और अन्य प्रसाद चढ़ाते हैं।
उपवास: कुछ भक्त दूर्वा अष्टमी पर आंशिक या पूर्ण उपवास रखना चुन सकते हैं।
दान: इस दिन दान करने या ज़रूरतमंदों को भोजन कराने का रिवाज़ है।
मंत्र: भक्तगण भगवान गणेश और दूर्वा घास को समर्पित विशेष मंत्र और प्रार्थनाएँ करते हैं।
Durva Ashtami व्रत के लाभ:
भगवान गणेश का आशीर्वाद: Durva Ashtami व्रत करने से भगवान गणेश का आशीर्वाद मिलता है, जिसमें अच्छा स्वास्थ्य, धन, समृद्धि और सफलता शामिल है।
बाधाओं का निवारण: भगवान गणेश को “बाधाओं का निवारण करने वाला” माना जाता है, और इस दिन उनकी पूजा करने से चुनौतियों और कठिनाइयों को दूर करने में मदद मिलती है।
शुद्धिकरण: दूर्वा घास में शुद्धिकरण गुण होते हैं, और इसे भगवान गणेश को अर्पित करने से मन और आत्मा की शुद्धि होती है।
कथा:
एक बार की बात है, देव नाम का एक व्यक्ति था, जिसे अपने जीवन में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। वह आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहा था और उसे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं। एक दिन, एक बुद्धिमान ऋषि ने उसे Durva Ashtami पर भगवान गणेश की पूजा करने और उन्हें दूर्वा घास चढ़ाने की सलाह दी।
देव ने ऋषि की सलाह का पालन किया और बड़ी श्रद्धा के साथ पूजा की। उन्होंने भगवान गणेश को दूर्वा घास का एक बड़ा बंडल चढ़ाया और उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना की।
चमत्कारिक रूप से, देव का भाग्य बदलने लगा। उन्हें नई नौकरी मिल गई, उनका स्वास्थ्य बेहतर हो गया और उनके जीवन में खुशहाली लौट आई। उन्होंने अपने सौभाग्य का श्रेय भगवान गणेश के आशीर्वाद को दिया, जो उन्हें Durva Ashtami पर दूर्वा घास की पूजा के माध्यम से प्राप्त हुआ था।
यह कहानी काल्पनिक होते हुए भी Durva Ashtami के महत्व और इस विश्वास को उजागर करती है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से आशीर्वाद मिलता है और चुनौतियों पर विजय मिलती है।
निष्कर्ष:
Durva Ashtami एक हिंदू त्यौहार है जो भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह दूर्वा घास की पूजा के लिए समर्पित है, जिसे भगवान गणेश के लिए पवित्र माना जाता है।
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