Akshay Kumar भारतीय फिल्म उद्योग के एक प्रमुख और बेहद लोकप्रिय अभिनेता हैं। उनका असली नाम राजीव हरिओम भाटिया है, लेकिन फिल्म जगत में वे अक्षय कुमार के नाम से प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म 9 सितंबर 1967 को अमृतसर, पंजाब में हुआ था। उनकी मां अरुणा भाटिया और पिता हरिओम भाटिया थे। Akshay Kumar का बचपन दिल्ली में बीता, जिसके बाद उनका परिवार मुंबई में बस गया। Akshay Kumar ने अपने करियर में एक लंबा सफर तय किया है और वे अपने अनुशासन, फिटनेस, और विविध अभिनय शैली के लिए जाने जाते हैं।
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प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
Akshay Kumar का परिवार मूल रूप से पंजाबी है। बचपन से ही वे खेलकूद और फिटनेस में रुचि रखते थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के डॉन बॉस्को स्कूल से प्राप्त की और बाद में खालसा कॉलेज में दाखिला लिया। यद्यपि वे पढ़ाई में अच्छे थे, उनका झुकाव मार्शल आर्ट्स और फिटनेस की ओर अधिक था। उन्होंने मार्शल आर्ट्स की शिक्षा बैंकॉक से प्राप्त की, जहाँ वे ताइक्वांडो और मुआय थाई जैसी कलाओं में निपुण हो गए। बैंकॉक में रहने के दौरान अक्षय ने रसोइए के रूप में भी काम किया, जिससे उन्हें जीवन की कठिनाइयों और संघर्षों का अनुभव हुआ।
फिल्मी करियर की शुरुआत
Akshay Kumar ने मॉडलिंग के माध्यम से अपने करियर की शुरुआत की। एक मित्र के सुझाव पर उन्होंने मॉडलिंग का रास्ता अपनाया और कुछ समय बाद मुंबई वापस आ गए। मॉडलिंग करते हुए उन्होंने फिल्मी दुनिया में कदम रखा और उनकी पहली फिल्म “सौगंध” (1991) थी। इस फिल्म में उनके अभिनय को खास पहचान नहीं मिली, लेकिन उनके एक्शन सीक्वेंस ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
हालांकि “सौगंध” के बाद भी उनकी कई फिल्में असफल रहीं, लेकिन Akshay Kumar ने हार नहीं मानी। उनका असली ब्रेक 1992 में रिलीज हुई फिल्म “खिलाड़ी” से मिला। इस फिल्म के बाद उन्होंने “खिलाड़ी सीरीज” में कई फिल्में कीं, जिनमें “मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी” (1994), “सबसे बड़ा खिलाड़ी” (1995), “खिलाड़ियों का खिलाड़ी” (1996) जैसी फिल्में शामिल हैं। इन फिल्मों ने अक्षय को ‘एक्शन हीरो’ के रूप में स्थापित कर दिया।
एक्शन हीरो से लेकर कॉमेडी स्टार तक का सफर
1990 के दशक में Akshay Kumar को ‘खिलाड़ी कुमार’ के नाम से पहचाना जाने लगा था। वे अपने एक्शन स्टंट्स स्वयं करते थे, जिससे उनकी फिल्में दर्शकों को रोमांचित करती थीं। लेकिन 2000 के दशक में अक्षय ने अपनी छवि में बदलाव लाया और “हेरा फेरी” (2000) जैसी कॉमेडी फिल्मों में काम करना शुरू किया। यह फिल्म एक बड़ी हिट साबित हुई और अक्षय ने साबित किया कि वे न केवल एक्शन हीरो बल्कि एक बेहतरीन कॉमेडियन भी हैं।
इसके बाद Akshay Kumar ने “गरम मसाला” (2005), “भूल भुलैया” (2007), और “वेलकम” (2007) जैसी हिट कॉमेडी फिल्मों में काम किया। इन फिल्मों में उनका कॉमिक टाइमिंग और अभिनय शैली बेहद सराहनीय रही। उन्होंने न केवल एक्शन बल्कि कॉमेडी में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई, जो भारतीय सिनेमा में बहुत कम कलाकारों ने हासिल की है।
सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्में
Akshay Kumar ने 2010 के दशक में सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्मों में काम करना शुरू किया। उन्होंने “टॉयलेट: एक प्रेम कथा” (2017), “पैडमैन” (2018), और “मिशन मंगल” (2019) जैसी फिल्मों में काम किया, जो समाज में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से बनाई गई थीं। “टॉयलेट: एक प्रेम कथा” स्वच्छता अभियान पर आधारित थी, जबकि “पैडमैन” मासिक धर्म स्वच्छता पर केंद्रित थी। इन फिल्मों में अक्षय का अभिनय और उनका समाज के प्रति योगदान सराहनीय है।
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देशभक्ति और प्रेरणादायक फिल्में
Akshay Kumar का झुकाव देशभक्ति की फिल्मों की ओर भी रहा है। “एयरलिफ्ट” (2016), “केसरी” (2019), और “सूर्यवंशी” (2021) जैसी फिल्मों में उन्होंने देशभक्ति और प्रेरणादायक भूमिकाएं निभाईं। “एयरलिफ्ट” में उन्होंने कुवैत में फंसे भारतीयों को बचाने का प्रयास करने वाले एक नायक की भूमिका निभाई। “केसरी” में उन्होंने सारागढ़ी के युद्ध की कहानी प्रस्तुत की, जो एक ऐतिहासिक घटना पर आधारित है। इन फिल्मों ने अक्षय को एक सशक्त और प्रेरणादायक अभिनेता के रूप में स्थापित किया।
व्यक्तिगत जीवन
Akshay Kumar का विवाह ट्विंकल खन्ना से हुआ है, जो कि अभिनेता राजेश खन्ना और डिंपल कपाड़िया की बेटी हैं। अक्षय और ट्विंकल के दो बच्चे हैं – एक बेटा, आरव, और एक बेटी, नितारा। अक्षय एक पारिवारिक व्यक्ति हैं और अपने परिवार के प्रति बहुत समर्पित हैं। वे अक्सर अपने बच्चों और पत्नी के साथ समय बिताते हुए देखे जाते हैं। अक्षय का मानना है कि उनके परिवार ने हमेशा उनका समर्थन किया है और उनकी सफलता के पीछे उनका महत्वपूर्ण योगदान है।
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फिटनेस और अनुशासन
Akshay Kumar अपने फिटनेस और अनुशासन के लिए भी प्रसिद्ध हैं। वे सुबह जल्दी उठते हैं और नियमित रूप से व्यायाम करते हैं। अक्षय का मानना है कि फिटनेस का मतलब केवल बॉडीबिल्डिंग नहीं है, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य का ध्यान रखना है। वे योग, मार्शल आर्ट्स, और जिम्नास्टिक्स करते हैं। इसके अलावा, वे स्वस्थ आहार का भी पालन करते हैं और अपने प्रशंसकों को भी फिट और स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित करते हैं।
समाज सेवा और परोपकार
Akshay Kumar समाज सेवा में भी अग्रणी भूमिका निभाते हैं। वे विभिन्न परोपकारी कार्यों में शामिल रहते हैं और अपने देश के प्रति उनका योगदान हमेशा सराहनीय रहा है। कोविड-19 महामारी के दौरान अक्षय ने प्रधानमंत्री केयर फंड में बड़ी राशि दान की थी। इसके अलावा, वे जवानों और शहीदों के परिवारों की सहायता के लिए भी सक्रिय रूप से कार्य करते हैं। उन्होंने “भारत के वीर” नामक एक फंड की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों के शहीद जवानों के परिवारों की सहायता करना है।
पुरस्कार और सम्मान
Akshay Kumar को उनके अभिनय के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं। उन्हें 2017 में “रुस्तम” फिल्म में उनकी भूमिका के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्हें कई बार फिल्मफेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। उनके नाम पर कई प्रतिष्ठित पुरस्कार हैं और वे आज भी अपने अभिनय के लिए कई पुरस्कारों के योग्य माने जाते हैं।
अक्षय कुमार का भारतीय सिनेमा में योगदान
अक्षय कुमार ने भारतीय सिनेमा को एक नई पहचान दी है। उनकी फिल्मों ने दर्शकों को न केवल मनोरंजन बल्कि प्रेरणा भी दी है। उनकी फिल्में एक्शन, कॉमेडी, रोमांस, ड्रामा, और सामाजिक मुद्दों को छूने वाली रही हैं। वे एक ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने कभी भी खुद को एक ही शैली में सीमित नहीं रखा और हमेशा कुछ नया करने की कोशिश की। उनके फिल्मों में उनकी मेहनत और समर्पण स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
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अक्षय कुमार के प्रसिद्ध डायलॉग्स
अक्षय कुमार के कुछ प्रसिद्ध डायलॉग्स जो दर्शकों को बेहद पसंद आए हैं, वे इस प्रकार हैं:
- “जो काम आता है वो करता हूँ, वरना छोड़ देता हूँ।”
- “डर के आगे जीत है।”
- “मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, जीवन में संघर्ष है लेकिन वही मजा भी है।”
निष्कर्ष
अक्षय कुमार भारतीय फिल्म उद्योग के उन चुनिंदा अभिनेताओं में से एक हैं जिन्होंने कड़ी मेहनत, अनुशासन, और समर्पण के बल पर अपने करियर में ऊंचाइयों को छुआ है। वे अपने करियर में लगभग तीन दशक से ज्यादा समय से सक्रिय हैं और अपनी मेहनत के दम पर हर साल हिट फिल्में देते आ रहे हैं। अक्षय कुमार केवल एक अभिनेता नहीं हैं, बल्कि एक आदर्श भी हैं जो समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य करते हैं। उनकी कहानी एक प्रेरणादायक कहानी है जो बताती है कि अगर इंसान में कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास है तो वह किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकता है।
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