Amavasya 2025 हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो हर महीने एक बार आती है। इस दिन चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है, जिसके कारण पृथ्वी से चंद्रमा दिखाई नहीं देता। अमावस्या को अंधेरी रात भी कहा जाता है।
Adhik Maas Amavasya 2023: तिथि, समय, अनुष्ठान और महत्व
Amavasya का महत्व
- पितृ पूजा: अमावस्या को पितरों का दिन माना जाता है। इस दिन लोग अपने पितरों का श्राद्ध करते हैं और उन्हें पिंडदान देते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पितर लोक से आकर अपने वंशजों से मिलते हैं।
- नए काम की शुरुआत: अमावस्या को नए काम की शुरुआत करने के लिए शुभ माना जाता है।
- देवी-देवताओं की पूजा: अमावस्या के दिन देवी-देवताओं की पूजा करने का भी विधान है।
- व्रत और उपवास: कई लोग अमावस्या के दिन व्रत और उपवास रखते हैं।
- ज्योतिषीय महत्व: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या का दिन ग्रहों की स्थिति को प्रभावित करता है।
विभिन्न प्रकार की Amavasya
- सर्वपितृ अमावस्या: यह साल की सबसे महत्वपूर्ण अमावस्या मानी जाती है। इस दिन सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है।
- सोमवती अमावस्या: जब अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है, तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस दिन माता पार्वती की पूजा की जाती है।
- भौमवती अमावस्या: जब अमावस्या मंगलवार के दिन पड़ती है, तो उसे भौमवती अमावस्या कहा जाता है। इस दिन भगवान हनुमान की पूजा की जाती है।
Amavasya 2025 तिथियां और समय
अमावस्या | दिनांक | दिन |
माघ अमावस्या | 29 जनवरी 2025 | बुधवार |
फाल्गुन अमावस्या | 27 फरवरी 2025 | गुरुवार |
चैत्र अमावस्या | 29 मार्च 2025 | शनिवार |
वैशाख अमावस्या | 27 अप्रैल 2025 | रविवार |
ज्येष्ठ अमावस्या | 26 मई 2025 | सोमवार |
आषाढ़ अमावस्या | 25 जून 2025 | शनिवार |
श्रावण अमावस्या | 24 जुलाई 2025 | गुरुवार |
श्रावण अधिक अमावस्या | 23 अगस्त 2025 | शनिवार |
भाद्रपद अमावस्या | 21 सितंबर 2025 | रविवार |
अश्विनी अमावस्या | 21 अक्टूबर 2025 | बुधवार |
कार्तिका अमावस्या | 20 नवंबर 2025 | गुरुवार |
मार्गशीर्ष अमावस्या | 19 दिसंबर 2025 | शुक्रवार |
Amavasya के दिन क्या करें?
- दान-पुण्य: अमावस्या के दिन दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है।
- पूजा-पाठ: देवी-देवताओं की पूजा करें और मंत्रों का जाप करें।
- व्रत रखें: यदि संभव हो तो अमावस्या का व्रत रखें।
- पितरों का श्राद्ध करें: यदि आपके पितरों का श्राद्ध अमावस्या पर पड़ता है तो उसे करें।
- धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें: धार्मिक ग्रंथों का पाठ करने से मन शांत होता है।
अमावस्या के दिन क्या न करें?
- विवाद: अमावस्या के दिन किसी से विवाद न करें।
- नकारात्मक विचार: नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
- अशुभ कार्य: कोई भी अशुभ कार्य न करें।
अमावस्या एक पवित्र तिथि है, जिसका धार्मिक और ज्योतिषीय दोनों ही महत्व है। इस दिन धार्मिक अनुष्ठान करने से मन शांत होता है और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
Amavasya 2023 तिथियां, समय, अनुष्ठान और महत्व
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विशेष नोट: अमावस्या की तिथि और शुभ मुहूर्त हर साल बदलते रहते हैं। सटीक जानकारी के लिए किसी पंचांग या ज्योतिषी से संपर्क करें।