उत्तर प्रदेश के जनपद Sambhal में जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन के प्रोजेक्ट मैनेजर गौरीशंकर चौधरी लगातार बाल अपराधों को रोकने और इसके प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य कर रहे हैं। इस अभियान के तहत उन्होंने जिले के सभी उच्चाधिकारियों, प्रमुख धर्मगुरुओं और मौलानाओं से सहयोग प्राप्त कर लिया है। इन धर्मगुरुओं और मौलानाओं ने भी अपने सम्प्रदायों के लोगों से बाल विवाह न करने की अपील की है।
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अब, इस जागरूकता अभियान में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी भी बढ़ रही है। जनपद सम्भल के लोकसभा सांसद एवं संसद में शिक्षा, महिला, बाल एवं युवा स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य जियाउर्रहमान बर्क ने जनता से अपील की कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है, जो किसी धर्म या जाति विशेष के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए नुकसानदेह है।
Sambhal में सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने की बाल विवाह रोकने की अपील
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सांसद बर्क ने कहा:
“हम सबको आगे आकर बाल विवाह जैसी कुप्रथा के खात्मे के लिए कदम उठाने होंगे। बच्चों की सेहत और शिक्षा पर ध्यान देना आवश्यक है। जब बच्चे कानूनन बालिग हो जाएं और अपनी जिम्मेदारी समझने लगें, तभी उनकी शादी की जानी चाहिए।”
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि संसद में स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य के रूप में वे बच्चों के अधिकारों की रक्षा और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
इस अभियान का उद्देश्य बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करना और बच्चों को एक बेहतर भविष्य प्रदान करना है। इस प्रयास में प्रशासन, समाजसेवी संगठन, धर्मगुरु और जनप्रतिनिधि सभी मिलकर कार्य कर रहे हैं, जिससे सम्भल जिले में बाल अपराधों की रोकथाम संभव हो सके।
Samnhal से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट