हाल ही में, सरकारी SAHYOG पोर्टल पर Back Door censor से संबंधित चिंताएँ सामने आई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सेंसर संभावित रूप से डेटा सुरक्षा, साइबर हमलों और गोपनीयता के उल्लंघन का कारण बन सकता है।
यह भी पढ़ें: PM Modi 3 से 6 अप्रैल तक Thailand और Sri Lanka की यात्रा पर रहेंगे
मुख्य बिंदु:
Back door censor क्या है?
- यह एक ऐसा गुप्त सॉफ़्टवेयर या हार्डवेयर तत्व होता है, जिससे अनधिकृत एक्सेस संभव हो सकता है।
- इसका उपयोग साइबर हमलावरों या अंदरूनी लोगों द्वारा डेटा की निगरानी या हेरफेर के लिए किया जा सकता है।
सरकारी पोर्टल पर जोखिम:
- संवेदनशील सरकारी डेटा की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
- साइबर जासूसी और विदेशी हस्तक्षेप की संभावना बढ़ सकती है।
- नागरिकों की गोपनीय व्यक्तिगत जानकारी लीक हो सकती है।
सरकार का कदम:
- साइबर सुरक्षा एजेंसियों को जांच के निर्देश।
- डेटा सुरक्षा मानकों को और अधिक कड़ा करने की योजना।
- संभावित Back Door Censor को हटाने और सॉफ्टवेयर ऑडिट पर ज़ोर।
बैक डोर सेंसर एक गंभीर साइबर सुरक्षा जोखिम हो सकता है, जिससे सरकार और नागरिकों की गोपनीयता व डेटा की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है। इसे रोकने के लिए मजबूत सुरक्षा उपायों और साइबर निगरानी की आवश्यकता है।