Liver — एक ऐसा अंग जिसे हम तब तक नज़रअंदाज़ करते हैं जब तक कि कोई गंभीर दिक्कत न हो जाए — दरअसल हमारे शरीर की सबसे ताक़तवर फैक्ट्री है। यह पोषक तत्वों को प्रोसेस करता है, विषैले तत्वों को छानता है, मेटाबोलिज़्म को नियंत्रित करता है और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। लेकिन जब यह खराब होने लगता है, तो यह धीरे-धीरे और चुपचाप होता है, बिना किसी स्पष्ट चेतावनी के — और जब तक इसका पता चलता है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है।
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तो आखिर शरीर में लिवर डैमेज की शुरुआत कैसे होती है? कौन से लक्षण शुरुआती चेतावनी के रूप में सामने आते हैं? अगर आप समय रहते इन संकेतों को पहचान लें, तो खुद को गंभीर बीमारी से बचा सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं।
Liver क्यों है इतना ज़रूरी?
लिवर यानी जिगर हमारे शरीर के दाहिने ऊपरी भाग में स्थित लगभग तीन पाउंड का एक ऐसा अंग है जो कई अहम काम करता है:
- खून से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है
- खाए गए भोजन और पेय पदार्थों को ऊर्जा और पोषक तत्वों में बदलता है
- पित्त (bile) का निर्माण करता है जो वसा को पचाने में मदद करता है
- विटामिन और मिनरल्स को संग्रहित करता है
- हार्मोन और ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है
- रक्त के थक्के जमाने में सहायक होता है
यानी लिवर हमारे शरीर का फिल्टर, स्टोरेज, कैमिकल फैक्ट्री और रोग प्रतिरोधक प्रणाली का साथी है।
Liver डैमेज की शुरुआत कैसे होती है?
लिवर को नुकसान तब शुरू होता है जब उस पर ज़रूरत से ज़्यादा दबाव डाला जाता है या वह ज़हरीले तत्वों के संपर्क में आता है जिन्हें वह ठीक से प्रोसेस नहीं कर पाता। आइए जानते हैं इसके सामान्य कारण:
1. अत्यधिक शराब का सेवन
शराब लिवर की सबसे बड़ी दुश्मन है। जब आप ज़्यादा शराब पीते हैं, तो लिवर को उसे प्रोसेस करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। यह धीरे-धीरे फैटी लिवर, सूजन और अंततः सिरोसिस का कारण बनता है।
2. खराब खान-पान और मोटापा
अगर आप शराब नहीं पीते फिर भी लिवर खराब हो सकता है। अत्यधिक वसा और चीनी वाला भोजन नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) का कारण बन सकता है।
3. वायरल संक्रमण
हेपेटाइटिस बी और सी जैसे वायरस लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और अगर समय पर इलाज न हो तो ये लिवर कैंसर या लिवर फेलियर तक पहुंच सकते हैं।
4. ज़हरीले रसायन और दवाएं
कुछ दवाएं जैसे पेरासिटामोल, स्टेरॉयड, या कुछ हर्बल सप्लीमेंट्स लंबे समय तक लेने से लिवर खराब हो सकता है।
5. ऑटोइम्यून बीमारियां
कभी-कभी शरीर खुद की लिवर कोशिकाओं पर हमला करने लगता है जिसे ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस कहते हैं, जो अगर समय पर न पकड़ा जाए तो लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
Liver डैमेज के शुरुआती लक्षण: शरीर की हल्की फुसफुसाहट को नज़रअंदाज़ न करें
लिवर धीरे-धीरे खराब होता है, इसकी शुरुआत बहुत ही हल्के लक्षणों से होती है। ये लक्षण इतने सामान्य हो सकते हैं कि लोग इन्हें अक्सर दूसरी आम समस्याओं के साथ जोड़ लेते हैं।
1. लगातार थकान महसूस होना
अगर आप पूरा आराम करने के बावजूद थका हुआ महसूस करते हैं, तो यह Liver की गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।
2. भूख न लगना और वजन अचानक कम होना
अगर बिना किसी कोशिश के वजन कम हो रहा है या भूख बिल्कुल नहीं लग रही, तो सतर्क हो जाइए।
3. मतली और उल्टी
Liver जब विषैले तत्वों को ठीक से बाहर नहीं निकाल पाता, तो शरीर में विष जमा हो जाता है, जिससे मिचली और उल्टी हो सकती है।
Liver Disease: कारण, लक्षण, इलाज और बचाव के उपाय
4. पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में दर्द या भारीपन
यह लिवर की सूजन या सूक्ष्म क्षति का संकेत हो सकता है।
5. गहरे रंग का पेशाब और हल्के रंग का मल
जब Liver बिलीरुबिन को प्रोसेस नहीं कर पाता, तो ये लक्षण उभरते हैं।
6. आंखों और त्वचा का पीला पड़ना (जॉन्डिस)
यह Liver की खराबी का एक प्रमुख और स्पष्ट लक्षण है, जिसे बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
7. त्वचा में खुजली
बिना किसी दाने या एलर्जी के अगर त्वचा में खुजली होती है, तो यह लिवर से जुड़ा संकेत हो सकता है।
8. पैरों और पेट में सूजन
Liver खराब होने पर शरीर में द्रव जमा होने लगता है, जिससे एडीमा और एसाइटिस हो सकता है।
लिवर डैमेज की जांच कैसे होती है?
अगर ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण आपको नजर आ रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। लिवर की स्थिति जानने के लिए ये जांच की जाती हैं:
- ब्लड टेस्ट (LFT – लिवर फंक्शन टेस्ट)
- अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन
- फाइब्रोस्कैन जो लिवर की कठोरता जांचता है
- लिवर बायोप्सी अगर स्थिति गंभीर हो या अस्पष्ट हो
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लिवर डैमेज के चरण – जब समय रहते इलाज नहीं होता
Liver धीरे-धीरे खराब होता है और इसका एक क्रम होता है:
1. फैटी लिवर (Steatosis)
शुरुआती अवस्था जिसमें लिवर में वसा जमा होने लगती है। सही खानपान और व्यायाम से यह उलटा जा सकता है।
2. हेपेटाइटिस (सूजन)
वसा के कारण लिवर में सूजन आ जाती है।
3. फाइब्रोसिस
सूजन के कारण Liver में जख्म बनने लगते हैं।
4. सिरोसिस
ज्यादा जख्मों की वजह से लिवर की कार्यक्षमता कमजोर हो जाती है।
5. लिवर फेलियर या लिवर कैंसर
यह सबसे गंभीर स्थिति है जब लिवर पूरी तरह काम करना बंद कर देता है।
लिवर को स्वस्थ रखने के उपाय
सौभाग्य से Liver एक ऐसा अंग है जो खुद को दोबारा ठीक करने की ताकत रखता है — लेकिन शर्त है कि आप सही समय पर कदम उठाएं।
1. शराब का सीमित सेवन करें
कम मात्रा में और सीमित समय तक ही लें।
2. लिवर के लिए फायदेमंद आहार लें
हरी सब्जियां, लहसुन, चुकंदर, हल्दी, एवोकाडो और मेवे खाएं। जंक फूड और तैलीय चीजों से बचें।
3. नियमित व्यायाम करें
30 मिनट की रोजाना की वॉक या हल्का व्यायाम भी Liver की चर्बी को घटा सकता है।
4. हेपेटाइटिस के टीके लगवाएं
हेपेटाइटिस A और B से बचाव के लिए टीकाकरण ज़रूरी है।
5. दवाओं का बिना जरूरत सेवन न करें
खासतौर पर दर्द निवारक और हर्बल सप्लीमेंट्स को डॉक्टर की सलाह से ही लें।
6. वजन को नियंत्रित रखें
मोटापा Liver की सबसे बड़ी दुश्मनी है। 5-10% वजन कम करने से भी फर्क पड़ता है।
कब करानी चाहिए लिवर की जांच?
अगर आप नीचे दिए गए किसी भी श्रेणी में आते हैं, तो लिवर फंक्शन टेस्ट ज़रूर करवाएं:
- नियमित रूप से शराब का सेवन करते हैं
- डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल या मोटापा है
- लंबे समय से दवाएं या सप्लीमेंट ले रहे हैं
- असुरक्षित यौन संबंध या रक्त संक्रमण हुआ है
- परिवार में Liver रोग का इतिहास है
जब लिवर बोले, तो सुनिए — इससे पहले कि वो चुप हो जाए
लिवर एक ऐसा अंग है जो तब तक आवाज़ नहीं करता जब तक बहुत ज़्यादा क्षति न हो जाए। लेकिन शुरुआती संकेत ज़रूर देता है — थकान, भूख में बदलाव, त्वचा के लक्षण और पेट की समस्याएं। इन्हें हल्के में न लें।
थोड़ी सी जागरूकता और सही जीवनशैली अपनाकर आप अपने लिवर को जीवन भर स्वस्थ रख सकते हैं। इसलिए जब अगली बार शरीर कुछ “अजीब” महसूस कराए, तो अनदेखा न करें — शायद आपका लिवर कुछ कहना चाह रहा हो।
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