न्यूज एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, जॉनसन (Boris johnson) अब भारत नहीं आएंगे। जॉनसन ने सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से फोन पर बात की। उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि वे इस महीने भारत नहीं आ पाएंगे।
उन्होंने कहा कि कोरोना (Corona) की वजह से अभी देश में दोबारा लॉकडाउन (Lockdown) लगाया गया है। जिस तरह ब्रिटेन (Britain) में कोरोना का नया स्ट्रेन (Corona Virus New Strain) फैल रहा है, उस हिसाब से मेरा देश में रहना जरूरी है। इससे वे यहां के हालात पर ध्यान दे पाएंगे।
कुछ समय बाद दौरे की उम्मीद
बोरिस जॉनसन (Boris johnson) ने कहा कि उम्मीद है कि वे इसी साल ब्रिटेन (Britain) में होने वाली जी-7 समिट से पहले भारत का दौरा करेंगे। इस समिट में ब्रिटेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खास तौर से बुलाया है। ब्रिटेन में इन दिनों हालात बहुत मुश्किल हैं। कोरोना का नया स्ट्रेन (Corona Virus New Strain) मिलने के बाद यूरोप समेत दुनिया के कई देशों ने ब्रिटेन (Britain) से आवाजाही पर रोक लगा दी है। भारत ने भी 31 दिसंबर को उड़ानों पर रोक लगा दी थी। इससे बावजूद यह स्ट्रेन कई देशों में फैल गया है।
इसी दौरान ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन के बीच ब्रेग्जिट ट्रेड डील पूरी हुई। इसे जॉनसन की बड़ी जीत माना गया लेकिन, यूरोप से सटी सीमा पर आवाजाही बंद होने से वहां से आयात होने वाली जरूरी चीजों पर असर पड़ा।
आंदोलन कर रहे किसानों ने सांसदों से की थी अपील
नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने ब्रिटेन के सांसदों से अपील की थी कि वे गणतंत्र दिवस पर बोरिस जॉनसन को भारत आने से रोकें। दिल्ली की सिंघु बॉर्डर पर डटे किसानों ने सांसदों को पत्र लिखा था। इसमें लिखा था कि ब्रिटेन (Britain) के प्रधानमंत्री 26 जनवरी को भारत आने वाले हैं। हमारी अपील है कि जब तक भारत सरकार किसानों की मांग नहीं मानती है, उन्हें भारत आने से रोका जाए।