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Cough होने के कारण व उसके लक्षण

खांसी एक आम समस्या है, जो कई कारणों से हो सकती है। खांसी कई प्रकार की होती है।खांसी को नजरअंदाज करना कभी-कभी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।

Cough एक आम समस्या है, जो कई कारणों से हो सकती है। एक स्वस्थ और सफल जीवन जीने के लिए अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करना बहुत जरूरी है। अपने खाने की आदतों में बदलाव करें और स्वस्थ भोजन करें। नियमित व्यायाम करने से आपका शरीर स्वस्थ रहता है और आपको मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें ताकि आपका शरीर और दिमाग तरोताजा रहे। धूम्रपान और शराब से दूरी बनाए रखें क्योंकि ये आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।

अपने समय को सही से प्रबंधित करें और अपने काम को प्राथमिकता दें। स्व-देखभाल करें और नियमित जांच करवाएं। नए कौशल सीखें और अपने ज्ञान को बढ़ाएं। नए स्थानों की यात्रा करें और अपने अनुभव को बढ़ाएं। दान करें और समाज की मदद करें। अपने जीवन में संतुलन बनाए रखें और काम और आराम के बीच सामंजस्य बैठाएं।

खांसी के कारण

Cough के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ सामान्य और कुछ गंभीर होते हैं। यहां कुछ प्रमुख कारण दिए गए है

Causes of cough and its symptoms

संक्रमण (वायरल और बैक्टीरियल)सबसे आम कारणों में से एक संक्रमण होता है, जो वायरस या बैक्टीरिया के कारण होता है। यह संक्रमण सामान्यतः ठंड, फ्लू, या फेफड़ों के संक्रमण जैसे निमोनिया का कारण बनता है। खांसी के साथ बलगम भी बन सकता है जो संक्रमण के कारण होता है।

धूल और प्रदूषणधूल, प्रदूषण, और रसायनों के संपर्क में आने से भी Cough हो सकती है। यह समस्या उन लोगों में अधिक होती है, जो औद्योगिक क्षेत्रों में काम करते हैं या जहां वायु प्रदूषण अधिक होता है।धूम्रपानधूम्रपान फेफड़ों और गले को सीधे प्रभावित करता है, जिससे लगातार cough हो सकती है। धूम्रपान से क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर स्थितियां भी उत्पन्न हो सकती हैं, जिसमें cough लंबे समय तक बनी रहती है।

अस्थमाअस्थमा एक क्रॉनिक बीमारी है जिसमें सांस लेने में कठिनाई होती है, और इसके साथ सूखी cough भी होती है। अस्थमा के रोगियों में अक्सर रात को खांसी के दौरे आते हैं।

गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स (GERD)यह एक स्थिति होती है, जिसमें पेट की एसिड गले तक आ जाती है, जिससे खांसी हो सकती है। GERD के मरीजों में खांसी के साथ गले में जलन भी होती है।

एलर्जीकई लोगों को धूल, पराग, या जानवरों की त्वचा के प्रति एलर्जी होती है। जब शरीर इन तत्वों के संपर्क में आता है, तो वह प्रतिक्रिया करता है, और Cough, छींक या सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।

फेफड़ों की बीमारीकुछ गंभीर फेफड़ों की बीमारियां, जैसे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और फेफड़ों का कैंसर भी खांसी का कारण बन सकते हैं। इन बीमारियों में खांसी लगातार बनी रहती है और समय के साथ यह बढ़ सकती है।

खांसी के लक्षण

Cough के लक्षण उसके प्रकार और कारण पर निर्भर करते हैं। कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:- सूखी cough  , जिसमें बलगम नहीं आता- बलगम वाली cough, जिसमें गाढ़ा बलगम आता है- गले में खराश या जलन- सीने में दर्द या दबाव- सांस लेने में कठिनाई- गले में खुजली- आवाज का बैठना।

Cough को दूर करने के घरेलू उपायखांसी का इलाज करने के लिए कई घरेलू उपाय उपलब्ध हैं, जो सुरक्षित और प्रभावी होते हैं। यहां कुछ उपाय बताए गए हैं।

शहद और अदरकशहद एक प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल तत्व है। अदरक भी गले की सूजन को कम करने में मदद करता है और कफ को निकालने में सहायक होता है।

उपयोग विधि:एक चम्मच शहद में अदरक का रस मिलाएं और दिन में दो से तीन बार लें। यह cough को तुरंत राहत देता है।

गर्म पानी और नमक से गरारेगरारे करने से गले की सूजन कम होती है और संक्रमण का प्रभाव कम होता है। यह विशेष रूप से गले की खांसी के लिए प्रभावी होता है।

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उपयोग विधि: एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर दिन में 2-3 बार गरारे करें।

भाप लेनाभाप लेना गले और फेफड़ों में जमा बलगम को ढीला करता है और उसे बाहर निकालने में मदद करता है। यह सूखी और बलगम वाली खांसी दोनों में सहायक होता है।

उपयोग विधि: गर्म पानी में कुछ बूंदें यूकेलिप्टस तेल डालें और 10-15 मिनट तक भाप लें।

हल्दी और दूधहल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं। दूध के साथ हल्दी लेने से गले की सूजन और खांसी में आराम मिलता है।

उपयोग विधि- रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं।

तुलसी और काली मिर्चतुलसी और काली मिर्च दोनों में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो खांसी को कम करने में मदद करते हैं।

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उपयोग विधि:तुलसी के कुछ पत्तों को पानी में उबालें और उसमें थोड़ी सी काली मिर्च और शहद मिलाएं। इसे दिन में 2-3 बार पिएं।

मुलेठी का सेवनमुलेठी गले की सूजन को कम करती है और खांसी में राहत देती है। यह cough को कम करने के साथ-साथ बलगम को निकालने में भी सहायक होती है।

उपयोग विधि: मुलेठी की जड़ को चबाएं या मुलेठी की चाय बनाकर पिएं।

नींबू और शहदनींबू में विटामिन C होता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, और शहद गले को शांत करता है।

उपयोग विधि

एक गिलास गर्म पानी में नींबू का रस और शहद मिलाएं और इसे धीरे-धीरे पिएं।

Cough के अन्य उपचारअगर घरेलू उपायों से आराम नहीं मिलता, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी होता है। यहां कुछ औषधीय और चिकित्सीय उपाय दिए गए हैं।

एंटीहिस्टामिन दवाएंअगर खांसी का कारण एलर्जी है, तो एंटीहिस्टामिन दवाएं जैसे सिट्रीज़ीन या लॉराटाडीन ली जा सकती हैं। ये दवाएं एलर्जी के लक्षणों को कम करती हैं और खांसी में राहत देती हैं।

बलगम निकालने वाली दवाएं (एक्सपेक्टोरेंट्स)अगर बलगम वाली खांसी हो रही है, तो एक्सपेक्टोरेंट्स जैसी दवाएं ली जा सकती हैं, जो बलगम को ढीला करके उसे निकालने में मदद करती हैं।

Cough को दबाने वाली दवाएं (कफ सप्रेसेंट्स)सूखी खांसी के लिए कफ सप्रेसेंट्स ली जा सकती हैं, जो खांसी को दबाने का काम करती हैं। ये दवाएं उन मामलों में दी जाती हैं जब खांसी बहुत अधिक हो और सामान्य गतिविधियों में बाधा डाल रही हो।

इनहेलरअगर खांसी का कारण अस्थमा है, तो डॉक्टर इनहेलर या ब्रोंकोडाइलेटर दवाएं दे सकते हैं, जो फेफड़ों को आराम देती हैं और सांस लेने में सहूलियत प्रदान करती हैं।

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कब डॉक्टर से संपर्क करें?अगर खांसी लंबे समय तक बनी रहती है या cough के साथ अन्य गंभीर लक्षण जैसे खून आना, सीने में अत्यधिक दर्द, या सांस लेने में कठिनाई होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। लंबे समय तक खांसी कई बार गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकती है, जैसे निमोनिया, टीबी, या फेफड़ों का कैंसर।

खांसी से बचने के उपाय

Cough से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी आवश्यक होती हैं। यहां कुछ प्रमुख उपाय दिए गए हैं।

धूम्रपान से बचें

धूम्रपान से फेफड़ों की क्षति होती है और यह खांसी का प्रमुख कारण है। धूम्रपान करने से बचें और धूम्रपान करने वालों के पास न जाएं।

हाथ धोएं

संक्रमण से बचने के लिए नियमित रूप से हाथ धोएं, खासकर खाने से पहले और जब आप बाहर से घर लौटें।

घर को स्वच्छ रखें

घर के अंदर धूल और गंदगी को कम करने के लिए नियमित रूप से सफाई करें। एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने से भी वायु की गुणवत्ता में सुधार होता है।

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