केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने Maha Kumbh पर लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का समर्थन किया है। पासवान ने कहा कि इतने बड़े और भव्य आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराना सभी के संयुक्त प्रयासों के बिना संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि इस आयोजन को सफल बनाने में योगदान देने वाले सभी श्रद्धालुओं और आयोजकों के प्रति सम्मान व्यक्त करना जरूरी है।
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आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पासवान ने कहा कि वह यह नहीं कह रहे कि आज अपराध की घटनाएं पूरी तरह खत्म हो गई हैं, लेकिन 90 के दशक के हालात से मौजूदा स्थिति की तुलना जरूर होनी चाहिए। पासवान ने कहा कि जिसने भी 90 का दशक देखा है, वह समझ सकता है कि तब की स्थिति और अब के हालात में काफी बदलाव आ चुका है।
Maha Kumbh पर पीएम मोदी का संबोधन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में लोकसभा में प्रयागराज Maha Kumbh 2025 की सफलता पर अपना संबोधन दिया। उन्होंने महाकुंभ को भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ करार देते हुए कहा कि इस आयोजन ने देश की एकता और सांस्कृतिक विरासत को विश्व के सामने प्रस्तुत किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि Maha Kumbh ने भारत की अपार शक्ति को प्रदर्शित किया, जहां छोटे और बड़े के बीच कोई भेदभाव नहीं था। उन्होंने इस आयोजन को ‘सबका प्रयास’ का साक्षात स्वरूप बताया, जिसमें देश के हर कोने से लोग एकत्रित हुए और ‘हम’ की सामूहिक भावना को अपनाया।
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महाकुंभ भारतीय इतिहास का महत्वपूर्ण पड़ाव है
प्रधानमंत्री मोदी ने Maha Kumbh को भारतीय इतिहास के अन्य महत्वपूर्ण पड़ावों, जैसे 1857 के स्वतंत्रता संग्राम, भगत सिंह की शहादत और गांधीजी के दांडी मार्च के समान महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ ने राष्ट्रीय चेतना के जागरण के विराट दर्शन कराए हैं, जो नए संकल्पों की सिद्धि के लिए प्रेरित करते हैं।
प्रधानमंत्री ने इस आयोजन को सफल बनाने वाले सभी कर्मयोगियों, श्रद्धालुओं और प्रयागराज के नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ ने भारत की एकता और विविधता में एकता की भावना को मजबूत किया है, जो विश्व में एक महत्वपूर्ण ताकत है
प्रधानमंत्री के इस संबोधन के बाद विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया, लेकिन स्पीकर ओम बिरला ने नियमों का हवाला देते हुए उन्हें शांत कराया।
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