होम देश CJI: गलत रिपोर्टिंग की गई, कभी नहीं दिया रेपिस्ट से शादी का...

CJI: गलत रिपोर्टिंग की गई, कभी नहीं दिया रेपिस्ट से शादी का प्रस्ताव

‘उससे शादी करोगे’ टिप्पणी पर हुए विवाद पर सोमवार को CJI एस ए बोबडे ने टिप्पणी देते हुए कहा कि एक अदालत और एक संस्था के तौर पर हमारा हमेशा महिलाओं के लिए सर्वोच्च सम्मान है.

CJI Said Never proposed marriage to rapist, its misreported, we Have the highest respect for women
CJI ने कहा कि एक संस्था के रूप में सर्वोच्च न्यायालय ने महिलाओं को सर्वोच्च सम्मान दिया है.

New Delhi: बलात्कार मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा की गई एक टिप्पणी ‘उससे शादी करोगे’ पर उपजे विवाद पर सोमवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे (CJI S.A Bobde) ने टिप्पणी देते हुए कहा कि एक अदालत और एक संस्था के तौर पर हमारा हमेशा महिलाओं के लिए सर्वोच्च सम्मान है. उन्होंने कहा कि खबरों और एक्टिविस्ट ने “क्या आप उससे शादी करेंगे की टिप्पणी को संदर्भ से बाहर देखा, जोकि विवाद पैदा करने और अदालत की छवि को धूमिल करने के लिए था. 

रेप के आरोपी से सप्रीम कोर्ट के सवाल पर Taapsee Pannu का ट्वीट, लिखा- ये निहायत ही..

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि उसने मामले के संदर्भ में याचिकाकर्ता व्यक्ति से पूछा था कि क्या वह शिकायतकर्ता से शादी करेगा. उसने उसे “जाओ और शादी करो” के लिए नहीं कहा था. CJI बोबडे की पीठ ने कहा, “उस मामले में अदालत के समक्ष कार्यवाही की पूरी तरह से गलत रिपोर्टिंग की गई. 

Supreme Court ने कहा कि पुरुष या महिला को शादी के लिए झूठे वादे नहीं करने चाहिए

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) ने कहा कि एक संस्था के रूप में सर्वोच्च न्यायालय ने महिलाओं को सर्वोच्च सम्मान दिया है. पीठ ने याचिकाकर्ता से कभी भी पीड़ित से शादी करने के लिए नहीं कहा. CJI ने कहा कि एक संस्था और अदालत के रूप में हमारा हमेशा महिलाओं के प्रति सर्वोच्च सम्मान रहा है. एक वकील ने कहा कि कुछ लोग न्यायपालिका की छवि को खराब करते हैं और इन लोगों से निपटने के लिए कुछ व्यवस्था बनाई जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि बार के हाथों में हमारी प्रतिष्ठा है, हमें इस तरह हमारी रक्षा करने की जरूरत नहीं है. 

Former CJI Ranjan Gogoi ने खुद पर उठे सभी सवालों का क्या दिया जवाब

सुनवाई के दौरान एसजी तुषार मेहता ने कहा मामले में अदालत के बयानों को पूरी तरह से तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया जैसे कि विवाह और समझौते के लिए कोई सुझाव दिया गया था. आपको बता दें कि हरियाणा में एक नाबालिग के 26 हफ्ते के गर्भ का गर्भपात कराने कि अनुमति वाली याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस (CJI) ने यह टिप्पणी की थी. सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह टिप्पणी एक मार्च को आरोपी की याचिका पर सुनवाई के दौरान की थी, जिसने बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच द्वारा अपनी अग्रिम जमानत को रद्द करने के फैसले को चुनौती दी थी. CJI की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली थी.

Exit mobile version