Vastu Shastra के अनुसार, घर में पेंट का चुनाव करते समय रंगों के महत्व को समझना आवश्यक है। Vastu Shastra में रंगों को ऊर्जा और वातावरण पर प्रभाव डालने वाला माना जाता है। रंग न केवल मनोबल को प्रभावित करते हैं, बल्कि वे जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे कि स्वास्थ्य, सुख-शांति, समृद्धि, और संबंधों को भी प्रभावित करते हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि Vastu Shastra के अनुसार घर में कौन से रंगों का चुनाव करना चाहिए और क्यों।
Table of Contents
1. वास्तु शास्त्र में रंगों का महत्व
Vastu Shastra के अनुसार, रंगों का चयन घर के ऊर्जा प्रवाह को सकारात्मक या नकारात्मक तरीके से प्रभावित कर सकता है। प्रत्येक रंग की अपनी विशेषताएँ होती हैं और वे विभिन्न भावनाओं और विचारों को उत्पन्न करते हैं। कुछ रंग सुख, शांति और समृद्धि लाते हैं, जबकि कुछ रंग तनाव, निराशा और अशांति उत्पन्न कर सकते हैं।
2. वास्तु के अनुसार घर के विभिन्न हिस्सों में रंगों का चयन
(a) मुख्य द्वार (Main Door)
मुख्य द्वार घर का प्रवेश बिंदु होता है, जहां से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। Vastu Shastra में मुख्य द्वार के लिए शुभ रंगों का चुनाव करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- संगठित और शांतिपूर्ण रंग: मुख्य द्वार के लिए हलके रंग जैसे कि सफेद, क्रीम, हल्का पीला, और हल्का नीला शुभ माने जाते हैं। ये रंग घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाते हैं और समृद्धि को आकर्षित करते हैं।
- लाल रंग: लाल रंग का भी इस्तेमाल मुख्य द्वार के पास किया जा सकता है, क्योंकि यह ऊर्जा को आकर्षित करता है, लेकिन इसे सीमित मात्रा में ही प्रयोग करें, ताकि यह अति आक्रामक न लगे।
(b) बैठक कमरा (Living Room)
बैठक कमरा परिवार के साथ समय बिताने और मेहमानों को स्वागत करने का स्थान होता है। यहां के रंगों को आरामदायक, हल्का और सकारात्मक रखना चाहिए।
- पीला रंग: पीला रंग मानसिक शांति, खुशी और समृद्धि को आकर्षित करता है। यह रंग बैठक में एक हल्का और उत्साही वातावरण बनाने में मदद करता है।
- आसमानी नीला (Sky Blue): यह रंग मानसिक शांति को बढ़ाता है और रिश्तों को मजबूत करता है। इसे बैठक में प्रयोग करने से सदस्यों के बीच अच्छा संवाद और समझ बनी रहती है।
- सफेद या क्रीम: ये रंग शांति और साफ-सफाई का प्रतीक माने जाते हैं। सफेद रंग से घर में शांति और संतुलन आता है।
- हरे रंग के हल्के शेड्स: हरा रंग ताजगी और हरियाली का प्रतीक होता है, जो न केवल आंखों को सुकून देता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है। इसे भी बैठक में इस्तेमाल किया जा सकता है।
(c) बेडरूम (Bedroom)
बेडरूम घर का वह स्थान है, जहां हम आराम करते हैं और पुनः ऊर्जा प्राप्त करते हैं। इसके लिए रंगों का चयन बहुत ही सावधानी से किया जाना चाहिए।
- नीला और हरा: नीला रंग मानसिक शांति और विश्राम को बढ़ाता है। यह सोने के कमरे के लिए आदर्श है। हरा रंग भी स्वास्थ्य और ताजगी को बढ़ावा देता है, जिससे यह बेडरूम के लिए उपयुक्त होता है।
- सफेद या हल्का क्रीम: ये रंग भी बेडरूम में शांति और स्वच्छता का अनुभव दिलाते हैं।
- गुलाबी रंग: गुलाबी रंग को रोमांटिक और सौम्यता का प्रतीक माना जाता है। यह रंग बेडरूम में प्यार और संबंधों को बेहतर बनाने के लिए अच्छा होता है।
(d) रसोई (Kitchen)
रसोई वह स्थान है, जहां परिवार का खाना बनता है। यहां के रंगों का भी Vastu Shastra के अनुसार प्रभाव पड़ता है।
- सुनहरा (Golden) और हल्का पीला: ये रंग रसोई में उत्साह और ऊर्जा का संचार करते हैं, साथ ही वे समृद्धि और समृद्ध आहार को आकर्षित करते हैं।
- ऑरेंज और लाल: ये रंग रसोई में ऊर्जा का संचार करते हैं और भूख को उत्तेजित करते हैं, जो कि रसोई के लिए उपयुक्त होता है। हालांकि, लाल और ऑरेंज का अधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि वे अत्यधिक उत्तेजक हो सकते हैं।
(e) बाथरूम (Bathroom)
बाथरूम में सफाई और ताजगी की आवश्यकता होती है, इसलिए यहां के रंगों का चयन भी Vastu Shastra के अनुसार किया जाना चाहिए।
- सफेद, क्रीम और हल्का नीला: ये रंग बाथरूम में ताजगी और शांति का प्रतीक होते हैं। वे आरामदायक वातावरण बनाने में मदद करते हैं।
- हल्का हरा: यह रंग प्राकृतिक तत्वों से जुड़ा हुआ है और बाथरूम में ताजगी और शांति लाता है।
(f) आध्यात्मिक स्थान (Pooja Room)
पूजा कक्ष को शुभ और शांतिपूर्ण वातावरण देने के लिए वास्तु के अनुसार रंगों का चयन बहुत महत्वपूर्ण है।
- सफेद और हल्का पीला: सफेद रंग शांति और संतुलन का प्रतीक है, जबकि हल्का पीला रंग सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
- सोने (Golden) और पीला: ये रंग आध्यात्मिकता को बढ़ावा देते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।
3. वास्तु के अनुसार रंगों से संबंधित कुछ सामान्य नियम
(a) रंगों का संतुलन
Vastu Shastra में यह कहा गया है कि घर में रंगों का संतुलन बनाए रखना चाहिए। इसका मतलब है कि यदि किसी कमरे में कोई गहरे रंग का उपयोग किया गया है, तो वहां हलके रंगों का भी समावेश होना चाहिए। यह संतुलन ऊर्जा के प्रवाह को सही दिशा में बनाए रखने में मदद करता है।
(b) कमरे के आकार के अनुसार रंगों का चयन
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कमरे का आकार भी रंग के चयन को प्रभावित करता है। छोटे कमरे के लिए हल्के रंग जैसे सफेद, हल्का नीला, या क्रीम रंग उपयुक्त होते हैं, क्योंकि ये कमरे को अधिक बड़ा और खुला महसूस कराते हैं। वहीं बड़े कमरे में गहरे रंगों का चयन किया जा सकता है, ताकि कमरे में एक गर्मजोशी और आरामदायक माहौल बना रहे।
(c) दिशा के अनुसार रंगों का चयन
Vastu Shastra में यह भी बताया गया है कि प्रत्येक दिशा के लिए कुछ विशेष रंग शुभ होते हैं:
- पूर्व दिशा: हल्का पीला, सफेद, हल्का हरा
- पश्चिम दिशा: हल्का नीला, सफेद
- उत्तर दिशा: हरा, नीला
- दक्षिण दिशा: लाल, नारंगी, भूरा
4. रंगों के मनोवैज्ञानिक प्रभाव
Vastu Shastra में रंगों के प्रभाव के बारे में बताया गया है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक रंग का हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए:
- लाल रंग उत्साह और ऊर्जा का प्रतीक है, लेकिन इसका अत्यधिक उपयोग चिड़चिड़ापन और तनाव पैदा कर सकता है।
- नीला रंग शांति और ठंडक का प्रतीक है, जो मानसिक शांति और विश्राम प्रदान करता है।
- पीला रंग खुशी और उन्नति को बढ़ावा देता है और मानसिक स्थिति को बेहतर बनाता है।
5. निष्कर्ष
Vastu Shastra के अनुसार घर में रंगों का चयन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। सही रंगों का चयन घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और परिवार के सदस्यों के जीवन को सुखमय और समृद्ध बना सकता है। इसके अलावा, रंगों का मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी होता है, जो हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसलिए, घर के हर हिस्से के लिए Vastu Shastra के अनुसार रंगों का चयन करें, ताकि आपके जीवन में शांति, समृद्धि और सुख-शांति का वातावरण बना रहे।
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