ब्रिटेन सरकार ने लोगों को नए वायरस (Corona virus New Strain) की चेतावनी पहले ही दी थी जो पुराने स्ट्रेन के मुकाबले 70% ज्यादा संक्रामक है। हालांकि, इसके अलावा हाल ही में छुट्टियों और त्योहारों का दौर चलना भी मामले बढ़ने का बड़ा कारण बताया जा रहा है। इस दौरान सफर करने के लिए दी गई छूट और सोशल डिस्टेंसिंग में ढील की भारी कीमत लोगों को चुकानी पड़ी है। ‘तीसरी वेव’ बताई जा रही आपदा से अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा गई है। यहां तक कि PM जॉनसन ने यह भी बताया है कि महामारी के शुरुआती दौर से ज्यादा दबाव अब अस्पतालों पर पड़ रहा है।
मामले बढ़ने के साथ मरने वालों की संख्या में भी दिसंबर के महीने में तेजी देखी गई है। 30 दिसंबर को देश में 982 मौतें हुईं जो अप्रैल के बाद सबसे ज्यादा थी। हालांकि, मृत्युदर पहली वेव की तुलना में कम रही। माना जा रहा है कि जल्दी डिटेक्ट होने की वजह से नतीजा रहा है। हालांकि, महामारी शुरू होने के बाद अब पहली बार खतरे के स्तर को बढ़ाकर लेवल 5 घोषित कर दिया गया है जो पिछले साल मई में लागू किए गए कोविड अलर्ट सिस्टम में सबसे ज्यादा है।
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ब्रिटेन में वैक्सिनेशन का काम शुरू हो चुका है। 1 जनवरी तक देश में Pfizer की कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक 10 लाख लोगों को दी जा चुकी थी। ज्यादा से ज्यादा लोगों को खुराक देने के लिए तीन महीने के अंतराल पर दूसरी खुराक देने का फैसला किया गया है। देश में Pfizer के अलावा ऑक्सफर्ड-AstraZeneca की कोरोना वायरस वैक्सीन देने का काम शुरू किया जा चुका है।
देश में गंभीर होते हालात को देखते हुए भारत दौरा रद्द करने वाले PM जॉनसन ने फरवरी के मध्य तक नया स्टे-ऑन-होम लॉकडाउन लगाया है और लोगों से घर में रहने की अपील की। मंगलवार से स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी, ऑनलाइन ही चलेंगे। लॉकडाउन की घोषणा के साथ अब लोगों का घर से बाहर निकलना लगभग बंद हो जाएगा। सिर्फ़ ज़रूरी काम से ही लोग बाहर निकल सकेंगे।