नई दिल्ली: शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेता Rahul Gandhi और सोनिया गांधी को औपचारिक नोटिस जारी किया। यह घटनाक्रम प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर एक आरोपपत्र के बाद हुआ है, जिसमें कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने ईडी के आरोपपत्र का संज्ञान लिया और उचित प्रक्रिया के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “किसी भी स्तर पर सुनवाई का अधिकार निष्पक्ष सुनवाई में जान फूंकता है।” अदालत ने अगली सुनवाई 8 मई के लिए निर्धारित की, जहां वह आरोपी के कानूनी प्रतिनिधियों की दलीलें सुनने के बाद औपचारिक समन जारी करने पर फैसला करेगी।
यह मामला भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा 2014 में दायर की गई शिकायत से उत्पन्न हुआ है, जिसके कारण 2021 में ईडी द्वारा जांच शुरू हुई। मुख्य मुद्दा अब बंद हो चुके नेशनल हेराल्ड अखबार और इसकी मूल कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के इर्द-गिर्द घूमता है।
Rahul Gandhi और सोनिया गांधी पर गंभीर आरोप
ईडी के अनुसार, एजेएल की परिसंपत्तियों को प्रभावी रूप से नवगठित गैर-लाभकारी कंपनी यंग इंडियन को हस्तांतरित कर दिया गया, जिसमें सोनिया और Rahul Gandhi दोनों की पर्याप्त हिस्सेदारी है।
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एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने एजेएल को लगभग 90 करोड़ रुपये का असुरक्षित ऋण दिया, जिसे बाद में 50 लाख रुपये की मामूली राशि पर यंग इंडियन को सौंप दिया गया। ईडी का कहना है कि इससे यंग इंडियन को दिल्ली, मुंबई और लखनऊ सहित कई प्रमुख शहरों में एजेएल की रियल एस्टेट संपत्तियों पर नियंत्रण करने में मदद मिली, जिनकी अनुमानित कीमत 2,000 करोड़ रुपये से अधिक है।
ईडी ने दावा किया है कि इस वित्तीय व्यवस्था में लगभग 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग शामिल है और इसने अपने आरोपपत्र में कई कांग्रेसी हस्तियों के नाम लिए हैं। अदालती घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है और उस पर राजनीतिक प्रतिशोध के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
खड़गे ने ईडी की जांच पर उठाए सवाल
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में नई दिल्ली में नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह मामला पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों को बदनाम करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “संस्थाओं के दुरुपयोग के माध्यम से सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी और विपक्ष के नेता Rahul Gandhi सहित हमारे नेताओं को निशाना बनाने का स्पष्ट प्रयास है।”
कांग्रेस ने लगातार कहा है कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में काम करती है, तथा एजेएल या इसकी संपत्तियों के अधिग्रहण में किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है। चूंकि कानूनी लड़ाई जारी है, इसलिए 8 मई को होने वाली आगामी सुनवाई इस हाई-प्रोफाइल राजनीतिक मामले में अगली कार्रवाई तय करने में महत्वपूर्ण होगी।
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