Pradosh Vrat 2023: बुध प्रदोष का दिन हिंदुओं में बड़ा धार्मिक महत्व रखता है। यह दिन भगवान शिव की आराधना को समर्पित है। इस शुभ दिन पर भक्त भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती हैं। बुधवार के दिन पड़ने वाले इस प्रदोष को बुध प्रदोष कहा जाता है। प्रदोष व्रत एक महीने में दो बार शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आता है।
यह भी पढ़ें: Radha Ashtami 2023: तिथि, मुहूर्त, महत्व और उत्सव
इस साल भाद्रपद माह का दूसरा प्रदोष व्रत 27 सितंबर 2023, बुधवार को पड़ रहा है
Budha Pradosh Vrat 2023: तिथि और मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि आरंभ – 27 सितंबर 2023 – 01:45 पूर्वाह्न
त्रयोदशी तिथि समाप्त – 27 सितंबर, 2023 -10:18 अपराह्न
पूजा का समय – 27 सितंबर को शाम 06:12 बजे से रात 08:36 बजे तक
Budha Pradosh Vrat 2023: महत्व
Budha Pradosh Vrat का हिंदुओं में बड़ा धार्मिक महत्व है। इस शुभ दिन पर भक्त भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं। जो भक्त इस दिन सच्चे मन से व्रत रखते हैं और पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ भगवान शिव की पूजा करते हैं उन्हें मनचाही इच्छा पूरी होने का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही उन्हें सभी प्रकार की चिंता, अवसाद, नकारात्मकता और बुरे विचारों से छुटकारा मिल जाता है।
Budha Pradosh Vrat 2023: पूजा अनुष्ठान
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा कक्ष को साफ करें।
भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्ति स्थापित करें। और शुद्ध देसी घी का दीया जलाएं।
मूर्ति पर फूल, मिठाई, सूखे मेवे या घर का बना कोई भी भोग प्रसाद अर्पित करें।
यह भी पढ़ें: Ravi Pradosh Vrat 2023: प्रदोष व्रत की तिथि, समय, अनुष्ठान और महत्व
व्रत के दिन शाम को सूर्यास्त के समय भी शिव पूजा करे।
पूरा दिन ॐ नमः शिवाय और महा मृत्युंजय मंत्र जैसे शिव मंत्रो का जाप करें।