उत्तराखंड में 2 मई 2025 को Kedarnath Dham के कपाट खुलने से पहले, मंदिर को फूलों से सजाया जा रहा है। यह एक पारंपरिक प्रक्रिया है, जो हर साल केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने से पहले की जाती है। फूलों की सजावट से मंदिर परिसर की भव्यता बढ़ जाती है और भक्तों के लिए एक दिव्य माहौल तैयार होता है। इस समय, केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों द्वारा इस पवित्र अवसर की तैयारी जोरों पर है। यह समय भक्तों के लिए एक खास अवसर होता है, जब वे भगवान शिव के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं।
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2 मई को Kedarnath Dham के कपाट खोलने की विशेष तैयारियाँ

Kedarnath Dham में कपाट खुलने का दिन हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और यह उत्तराखंड के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक होता है। हर साल, 2 मई को कपाट खोलने से पहले, मंदिर को फूलों, खासकर स्थानीय फूलों से सजाया जाता है, जैसे कि बंसवारी, सूरजमुखी, और गुलाब, जो न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा भी हैं।
इस दिन, मंदिर के मुख्य कपाट के साथ-साथ मंदिर परिसर की अन्य महत्वपूर्ण स्थानों की भी पूजा की जाती है। साथ ही, यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न धार्मिक आयोजन और अनुष्ठान किए जाते हैं। केदारनाथ मंदिर के कपाट खोलने के समय, भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और मंदिर में पवित्र दीप जलाए जाते हैं।
इस विशेष दिन को लेकर स्थानीय प्रशासन भी विशेष तैयारियों में जुटा है। केदारनाथ यात्रा के शुरू होने से पहले, यात्रा मार्ग की सफाई, सुरक्षा व्यवस्था और स्वास्थ्य सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है ताकि श्रद्धालु आराम से और सुरक्षित तरीके से दर्शन कर सकें।
केदारनाथ धाम की यात्रा के दौरान, भक्तों को केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य का भी आभास होता है, क्योंकि यह स्थान हिमालय के अद्भुत दृश्य के बीच स्थित है। इस अवसर पर पर्यटकों और तीर्थयात्रियों का भारी जमावड़ा होता है, और यह क्षेत्र पूरी तरह से आस्था, श्रद्धा और भव्यता में डूबा होता है।
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