Home/प्रमुख ख़बरें/Delhi Pollution-कब सुधरेगी दिल्ली की आबो हवा? Delhi Pollution-कब सुधरेगी दिल्ली की आबो हवा? Editorial30/10/2020 2 minutes read नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी में 1 नवंबर तक हवा की गति बढ़ने के कारण वायु प्रदूषण के स्तर में उल्लेखनीय सुधार होने की संभावना है। यह जानकारी पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तत्वावधान में आने वाले सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च ने शुक्रवार को दी। राजधानी शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक दोपहर 12:00 बजे 381 के साथ अत्यंत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया था। सफर ने आगे जानकारी दी कि, क्षेत्र में शांत सतही वायु चलती हैं और हवाओं की गति बढ़ने का पूवार्नुमान लगाया गया है, जिससे कि वायुमंडल के सकारात्मक रूप से प्रभावित होने की संभावना है। बढ़ी हुई सतही हवा की गति के कारण 1 नवंबर तक स्थिति में काफी सुधार होने की संभावना है। इसके अलावा स्टब फायर काउंट में काफी कमी आई है और गुरुवार को यह 1,143 पर रहा। यद्यपि क्षेत्र की ओर प्रदूषक परिवहन के लिए सीमा परतीय वायु की दिशा अनुकूल है, फिर भी वेंटिलेशन की स्थिति में सुधार होने से दिल्ली में प्रदूषक के स्तर को नीचे लाने की संभावना है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली के 35 प्रदूषण निगरानी केंद्रों में से 12 में वायु गुणवत्ता सूचकांक को ‘गंभीर‘ स्तर पर दर्ज किया गया है। दिल्ली के बवाना इलाके में सबसे खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक 447 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर‘ श्रेणी में रहा। फेफड़ों को भारी नुकसान पहुंचा रहा है वायु प्रदूषण , आप बन सकते हैं COPD के मरीज़ । इनके अलावा, 22 प्रदूषण निगरानी स्टेशन ने ‘बहुत खराब‘ रीडिंग और एक ने मध्यम एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज किया। समग्र प्रदूषण स्तर ‘बहुत खराब‘ श्रेणी में रहा। इस बीच दिल्ली के पड़ोसी क्षेत्रों, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी हवा की गुणवत्ता बहुत खराब रही। इन सभी में ग्रेटर नोएडा और नोएडा की हवा वर्तमान में सबसे प्रदूषित है। वायु प्रदूषण से निपटने के लिए राष्ट्रपति ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता के प्रबंधन के लिए केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश पर हस्ताक्षर किया है। द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टीईआरआई) के महानिदेशक अजय माथुर ने IANS को बताया, “मैं इस अध्यादेश, इसके उद्देश्यों और इसके लिए दी गई शक्तियों का समर्थन कर रहा हूं। आयोग की प्रभावशीलता का निर्धारण उसके स्थायी सदस्यों, विशेष रूप से उसके अध्यक्ष के चुनाव से होगा। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि ये सदस्य राज्यों को वायु गुणवत्ता समाधानों के लिए एक बंधन में बांधने की क्षमता रखते हैं, जो हमारी वायु गुणवत्ता की समस्याओं को हल कर सकते हैं और हल करेंगे।“ Tagsair pollution Delhi delhi news delhi pollution pollution Editorial30/10/2020 2 minutes read आगे पढ़ें Facebook X LinkedIn Pinterest Print