नई दिल्ली: पंजाब और Haryana उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद हरियाणा के नूंह में सांप्रदायिक झड़पों के मद्देनजर तोड़फोड़ की कार्रवाई आज रोक दी गई।
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हरियाणा में सांप्रदायिक झड़पों में छह लोगों की जान जाने, संपत्ति को भारी नुकसान होने और नूंह, गुरुग्राम में दहशत फैलने के एक हफ्ते बाद अदालत ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है।
Haryana में हाई कोर्ट के आदेश से ध्वस्तीकरण पर रोक
‘अवैध’ निर्माण को ध्वस्त करने के जिला प्रशासन के कदम के खिलाफ याचिका तीन अधिवक्ताओं द्वारा दायर की गई थी।
न्यायमूर्ति जीएस संधावालिया की पीठ ने नूंह में सांप्रदायिक झड़पों के बाद हुई तोड़फोड़ का स्वत: संज्ञान लिया और सरकार से अगले आदेश तक कोई भी तोड़फोड़ नहीं करने को कहा।
उच्च न्यायालय के आदेश के तुरंत बाद, नूंह के डिप्टी कमिश्नर धीरेंद्र खडगटा ने अपने अधिकारियों को विध्वंस अभियान रोकने का निर्देश दिया।
Haryana में 700 से अधिक संरचनाये ध्वस्त
रिपोर्टों के अनुसार, विध्वंस के पिछले चार दिनों में छोटे व्यवसाय की दुकानों और प्रवासी श्रमिकों की झोपड़ियों सहित 700 से अधिक संरचनाओं को ध्वस्त किया जा चुका है। इस ध्वस्तीकरण मे जहाँ मुसलमानों को अधिक नुकसान उठाना पड़ा है, वहीं कई छोटे पैमाने के हिंदू व्यवसायियों को भी इस नुकसान का सामना करना पड़ा है।
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Haryana के नूंह जिले में 31 जुलाई को दो समूहों के बीच हुई हिंसा में सोमवार को दो होम गार्ड समेत छह लोगों की जान चली गई। 1 अगस्त को हिंसा ने पड़ोसी जिलों, विशेषकर गुरुग्राम को भी अपनी चपेट में ले लिया। सांप्रदायिक झड़पों के सिलसिले में हरियाणा पुलिस ने अब तक 141 लोगों को गिरफ्तार किया है और 55 एफआईआर दर्ज की हैं।