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Laziness दूर करने के लिए करें ये योगासन 

इन योगासनों को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करने से Laziness को कम करने, शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को बढ़ाने और समग्र कल्याण में सुधार करने में मदद मिल सकती है।

Laziness अक्सर ऊर्जा, प्रेरणा या शारीरिक गतिविधि की कमी से उत्पन्न होता है। योग, अपने समग्र दृष्टिकोण के साथ, इन समस्याओं को प्रभावी ढंग से संबोधित कर सकता है। यह ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है, मानसिक स्पष्टता को बढ़ाता है और समग्र कल्याण को बढ़ावा देता है। यहाँ कुछ शक्तिशाली योगासन दिए गए हैं जो आपको Laziness से लड़ने और अपने शरीर और मन को स्फूर्त करने में मदद करेंगे।

1. Laziness: सूर्य नमस्कार (Sun Salutation)

चरण

Do these yogasanas to remove Laziness
  1. प्रणामासन (Prayer Pose): मैट के किनारे पर खड़े हों, पैरों को साथ रखें और दोनों पैरों पर समान रूप से वजन डालें। छाती को फैलाएं और कंधों को आराम दें। सांस लेते हुए दोनों हाथों को साइड से ऊपर उठाएं और सांस छोड़ते हुए हथेलियों को सीने के सामने जोड़ें।
  2. हस्तउत्तानासन (Raised Arms Pose): सांस लेते हुए हाथों को ऊपर और पीछे की ओर उठाएं, बाइसेप्स को कान के पास रखें। पूरे शरीर को एड़ी से लेकर उंगलियों के सिरे तक खींचें।
  3. हस्त पादासन (Hand to Foot Pose): सांस छोड़ते हुए कमर से आगे की ओर झुकें, रीढ़ को सीधा रखते हुए। हाथों को पैरों के बगल में फर्श पर रखें।
  4. अश्व संचालानासन (Equestrian Pose): सांस लेते हुए दाहिने पैर को जितना हो सके पीछे की ओर ले जाएं। दाहिना घुटना फर्श पर रखें और ऊपर देखें।
  5. दंडासन (Stick Pose): सांस लेते हुए बाएं पैर को पीछे की ओर ले जाएं और पूरे शरीर को एक सीधी रेखा में लाएं।
  6. अष्टांग नमस्कार (Salute with Eight Parts or Points): धीरे-धीरे घुटनों को फर्श पर लाएं और सांस छोड़ें। कूल्हों को थोड़ा पीछे ले जाएं, आगे की ओर स्लाइड करें, छाती और ठुड्डी को फर्श पर टिकाएं और पीछे को थोड़ा ऊपर उठाएं। शरीर के आठ अंग (दो हाथ, दो पैर, दो घुटने, छाती और ठुड्डी) फर्श को छूते हैं।
  7. भुजंगासन (Cobra Pose): आगे स्लाइड करें और छाती को कोबरा मुद्रा में उठाएं। इस मुद्रा में कोहनियों को मोड़ें और कंधों को कानों से दूर रखें। ऊपर देखें।
  8. अधो मुख श्वानासन (Downward Facing Dog Pose): सांस छोड़ते हुए कूल्हों और पूंछ की हड्डी को ऊपर उठाएं, शरीर को उल्टे ‘V’ की मुद्रा में लाएं।
  9. अश्व संचालानासन (Equestrian Pose): सांस लेते हुए दाहिने पैर को दो हाथों के बीच में लाएं। बायां घुटना फर्श पर रखें। कूल्हों को दबाएं और ऊपर देखें।
  10. हस्त पादासन (Hand to Foot Pose): सांस छोड़ते हुए बाएं पैर को आगे लाएं। हथेलियों को फर्श पर रखें।
  11. हस्तउत्तानासन (Raised Arms Pose): सांस लेते हुए रीढ़ को ऊपर की ओर रोल करें। हाथों को उठाएं और थोड़ा पीछे की ओर झुकें, कूल्हों को थोड़ा बाहर की ओर धकेलें।
  12. ताड़ासन (Mountain Pose): सांस छोड़ते हुए शरीर को सीधा करें। हाथों को नीचे लाएं और आराम करें।

Laziness: लाभ

  • ऊर्जा बढ़ाता है: तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है, सतर्कता को बढ़ाता है।
  • पूरे शरीर की कसरत: सभी प्रमुख मांसपेशी समूहों को सक्रिय करता है, शक्ति और लचीलेपन में सुधार करता है।
  • रक्त परिसंचरण में सुधार: रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, कोशिकाओं में अधिक ऑक्सीजन पहुंचाता है।

2. भुजंगासन (Cobra Pose)

चरण

  1. पेट के बल लेटें, पैर के पंजे फर्श पर और माथा जमीन पर रखें।
  2. पैरों को एक साथ रखें, एड़ी और पंजों को हल्के से एक-दूसरे को छूने दें।
  3. हाथों को कंधों के नीचे रखें, कोहनियों को समानांतर और शरीर के पास रखें।
  4. सांस लेते हुए धीरे-धीरे सिर, छाती और पेट को उठाएं, नाभि को फर्श पर टिकाएं।
  5. हाथों के सहारे से शरीर को पीछे और ऊपर उठाएं।
  6. इस मुद्रा को 15-30 सेकंड तक बनाए रखें, सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  7. सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पेट, छाती और सिर को वापस फर्श पर लाएं।

Laziness: लाभ

  • रीढ़ को मजबूत करता है: रीढ़ की लचीलेपन और शक्ति को बढ़ाता है।
  • तनाव कम करता है: छाती को खोलता है, सांस लेने में सुधार करता है और थकान को कम करता है।
  • मूड बढ़ाता है: अवसाद और चिंता के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।

3. Laziness: अधो मुख श्वानासन (Downward Facing Dog Pose)

चरण

  1. Laziness: अपने हाथों और घुटनों पर शुरुआत करें, कलाई कंधों के साथ और घुटने कूल्हों के साथ संरेखित हों।
  2. अपनी उंगलियों को फैलाएं और हाथों पर जोर से दबाएं।
  3. पैर के पंजों को मोड़ें और घुटनों को फर्श से उठाएं।
  4. पैरों को जितना हो सके सीधा करें और कूल्हों को छत की ओर उठाएं।
  5. सिर को हाथों के बीच रखें, कान को ऊपरी बांहों के साथ संरेखित करें और नाभि की ओर देखें।
  6. इस मुद्रा को 30 सेकंड से एक मिनट तक बनाए रखें।

Laziness: लाभ

  • ऊर्जा बढ़ाता है: मस्तिष्क को रक्त प्रवाह बढ़ाता है, सतर्कता को बढ़ाता है और थकान को कम करता है।
  • मांसपेशियों को मजबूत करता है: हाथ, कंधे, पैर और कोर पर काम करता है।
  • मुद्रा में सुधार करता है: रीढ़ को लंबा करता है, तनाव को दूर करता है और बेहतर संरेखण को बढ़ावा देता है।

4. वृक्षासन (Tree Pose)

Laziness: चरण

  1. सीधे खड़े हों, बाजू को साइड में रखें।
  2. अपने वजन को बाएं पैर पर डालें और दाहिने घुटने को मोड़ें।
  3. दाहिने पैर के तलवे को बाईं जांघ के अंदर रखें।
  4. वजन को बाएं पैर पर संतुलित करें और हथेलियों को प्रार्थना मुद्रा में सीने के सामने जोड़ें।
  5. हाथों को सिर के ऊपर उठाएं, हथेलियों को साथ रखें।
  6. इस मुद्रा को 30 सेकंड से एक मिनट तक बनाए रखें।
  7. हाथों और दाहिने पैर को नीचे लाएं और दूसरी ओर दोहराएं।

Laziness: लाभ

  • संतुलन में सुधार करता है: स्थिरता और समन्वय को बढ़ाता है।
  • पैरों को मजबूत करता है: पैरों और कोर की मांसपेशियों को टोन करता है।
  • ध्यान केंद्रित करता है: एकाग्रता और मानसिक स्पष्टता को बढ़ाता है।

5. सेतु बंधासन (Bridge Pose)

चरण

  1. अपनी पीठ के बल लेटें, घुटनों को मोड़ें और पैर को फर्श पर रखें, कूल्हों की चौड़ाई पर।
  2. हाथों को साइड में रखें, हथेलियों को नीचे की ओर रखें।
  3. पैरों को फर्श पर दबाएं और कूल्हों को छत की ओर उठाएं।
  4. इस मुद्रा को 30 सेकंड से एक मिनट तक बनाए रखें।
  5. कूल्हों को धीरे-धीरे फर्श पर लाएं और आराम करें।

Laziness: लाभ

  • ऊर्जा बढ़ाता है: छाती को खोलता है, सांस लेने में सुधार करता है और ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाता है।
  • रीढ़ को मजबूत करता है: रीढ़ और पीठ की मांसपेशियों की लचीलेपन और शक्ति को बढ़ाता है।
  • तनाव कम करता है: थकान को कम करता है और मन को शांत करता है।

6. उत्कटासन (Chair Pose)

Laziness: चरण

  1. सीधे खड़े हों, पैरों को साथ रखें।
  2. हाथों को सिर के ऊपर उठाएं, सीधा रखें।
  3. घुटनों को मोड़ें और कूल्हों को नीचे की ओर झुकाएं जैसे आप कुर्सी पर बैठ रहे हों।
  4. इस मुद्रा को 30 सेकंड से एक मिनट तक बनाए रखें।

लाभ

  • मांसपेशियों को मजबूत करता है: जांघ, पिंडली और पीठ की मांसपेशियों पर काम करता है।
  • ऊर्जा बढ़ाता है: दिल और डायाफ्राम को उत्तेजित करता है, सहनशक्ति बढ़ाता है।
  • ध्यान केंद्रित करता है: एकाग्रता और मानसिक लचीलापन को बढ़ाता है।

7. वीरभद्रासन I (Warrior Pose)

चरण

  1. सीधे खड़े हों, पैरों को साथ रखें।
  2. दाहिने पैर को लगभग 4 फीट आगे बढ़ाएं।
  3. दाहिने घुटने को मोड़ें, बाएं पैर को सीधा रखें और बाएं पैर को 45 डिग्री के कोण पर रखें।
  4. हाथों को सिर के ऊपर उठाएं, हथेलियों को साथ रखें।
  5. इस मुद्रा को 30 सेकंड से एक मिनट तक बनाए रखें।
  6. दूसरी ओर दोहराएं।

लाभ

  • शक्ति बढ़ाता है: मांसपेशियों की शक्ति और धीरज को बढ़ाता है।
  • लचीलापन बढ़ाता है: छाती, फेफड़े और कंधों को खींचता है।
  • आत्मविश्वास बढ़ाता है: शक्ति और स्थिरता की भावना को बढ़ावा देता है।

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8. अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Half Lord of the Fishes Pose)

चरण

  1. पैरों को सामने फैलाकर बैठें।
  2. दाहिने घुटने को मोड़ें और दाहिने पैर को बाईं जांघ के बाहर रखें।
  3. धड़ को दाईं ओर मोड़ें, बाएं कोहनी को दाहिने घुटने के बाहर रखें।
  4. इस मुद्रा को 30 सेकंड से एक मिनट तक बनाए रखें।
  5. दूसरी ओर दोहराएं।

लाभ

  • पाचन में सुधार करता है: पाचन अंगों को उत्तेजित करता है, चयापचय को बढ़ाता है।
  • ऊर्जा बढ़ाता है: विषहरण को बढ़ावा देता है और शरीर को स्फूर्त करता है।
  • लचीलापन बढ़ाता है: रीढ़ की हड्डी की गतिशीलता और लचीलेपन में सुधार करता है।

निष्कर्ष

इन योगासनों को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करने से Laziness को कम करने, शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को बढ़ाने और समग्र कल्याण में सुधार करने में मदद मिल सकती है। नियमित अभ्यास करें ताकि पूरा लाभ मिल सके, और अपने शरीर को सुनें, आवश्यकता के अनुसार मुद्राओं को संशोधित करें ताकि आपकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं और क्षमताओं के अनुरूप हो सके। लगातार अभ्यास से, आप अपने आप को अधिक ऊर्जावान, प्रेरित और उत्साह के साथ दिन को लेने के लिए तैयार पाएंगे।

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