Budaun/उ.प्र: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक भले ही गरीबों को बेहतर चिकित्सा सुविधा दिलाने की लाख कोशिश कर रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग फिर भी सुधरने का नाम नहीं ले रहा है।
Budaun का जिला महिला चिकित्सालय बदहाल
सोमवार को हमारी टीम ने सुबह 8:00 बजे जिला महिला चिकित्सालय बदायूं में पहुंचकर पड़ताल शुरू की तो अस्पताल की ओपीडी में 11:00 बजे तक कोई डॉक्टर अपने चेंबर में बैठे दिखाई नहीं दिए सभी चेंबरो में कुर्सियां खाली दिखाई दी।
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मरीजों से जब हमारी टीम ने बात की तो उन्होंने बताया कि डॉक्टर 11:00 बजे के बाद ही आकर बैठते हैं और एक दो मरीज को देखकर चले जाते हैं।
अस्पताल में यहां रोज मरीजों की लंबी लंबी कतार लगती हैं, लेकिन मरीजों की सुनने वाला नहीं है।
खास बात तो यह है पैथोलॉजी लैब सुबह 8:00 बजे खुल जाती है। पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर जयादीप ग्रोवर ने बताया कि हमारी लैब आठ बजे खुल जाती है।
जब डॉक्टर मरीज को देखकर जांच के लिए लिखेंगे तभी तो हम जांच करेंगे, हमें अपनी लैब खोलने का समय मालूम है और डॉक्टरों के बारे में हम कुछ नहीं कह सकते।
हमारी टीम ने डॉ प्रियंका यादव से ओपीडी में बैठने का समय पूछा तो वह चुप हो गई कोई संतुष्ट जवाब नहीं दिया।
जिला महिला अस्पताल की सीएमएस पुष्पा पन्त त्रिपाठी ने अपने बयान में कहा की कई बार हम डॉक्टरों को समय पर बैठने का मौखिक व लिखित आदेश भी जारी कर चुके हैं लेकिन ज़्यादातर अपनी आदत से मजबूर हैं।
बदलते मौसम की बजह से लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है जिसकी वजह से ओपीडी में मरीजों की लंबी लाइन लग रही है।
ऐसे में रोगियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जिला महिला अस्पताल में मरीजों को इलाज के नाम पर सिर्फ इंतजार मिल रहा है।
सोमवार को महिला अस्पताल की ओपीडी में सुबह आठ बजे से ही लाइन लगाए मरीजाें को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। मरीजों का कहना है कि सुबह आठ बजे से ही पर्चा बनवाकर लाइन में लग रहे हैं, लेकिन ओपीडी में 10:00 बजे तक कोई डॉक्टर नहीं आया है।
10 बजकर 15 मिनट एक डॉक्टर आई उन्होंने मरीजों को देखा। बाकी सभी डॉक्टर गायब रहे।
बदायूं से कुलदीप सक्सेना की रिर्पोट