फटी Heels जिन्हें हील फिशर भी कहा जाता है, एक सामान्य समस्या है। यह कई कारणों से हो सकती है, जिनमें से एक प्रमुख कारण विटामिन की कमी है। त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए विटामिन C, विटामिन E, विटामिन B3 (नियासिन), और विटामिन A की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इन विटामिनों की कमी से फटी Heels की समस्या बढ़ सकती है। आइए विस्तार से जानते हैं कि यह कमी कैसे फटी एड़ियों का कारण बनती है
Table of Contents
1. विटामिन C की कमी
विटामिन C, जिसे एस्कॉर्बिक Heels भी कहा जाता है, कोलेजन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोलेजन त्वचा को मजबूत और लचीला बनाए रखता है। विटामिन C की कमी से:
1.कोलेजन का उत्पादन घटता है: इससे त्वचा कमजोर और आसानी से फटने योग्य हो जाती है।
2.घाव भरने में देरी होती है: फटी Heels ठीक होने में अधिक समय लेती हैं।
3.त्वचा शुष्क और परतदार हो जाती है: विटामिन C त्वचा में नमी बनाए रखने में मदद करता है। इसकी कमी से त्वचा रूखी हो जाती है।
विटामिन C के स्रोत:
खट्टे फल: संतरा, नींबू, और अंगूर
अन्य फल: स्ट्रॉबेरी, कीवी, और अमरूद
सब्जियां: शिमला मिर्च, ब्रोकोली, और पालक
2. विटामिन E की कमी
विटामिन E एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो त्वचा को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाता है और नमी बनाए रखने में मदद करता है। इसकी कमी से:
- त्वचा अधिक शुष्क हो जाती है: नमी की कमी फटी Heels का मुख्य कारण है।
- त्वचा की मरम्मत धीमी हो जाती है: विटामिन E त्वचा के पुनर्निर्माण में मदद करता है। इसकी कमी से यह प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
विटामिन E के स्रोत:
मेवे और बीज: बादाम, सूरजमुखी के बीज
हरी पत्तेदार सब्जियां: पालक, केल
तेल: गेहूं के अंकुर का तेल, सूरजमुखी का तेल
3. विटामिन B3 (नियासिन) की कमी
विटामिन B3 या नियासिन त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है। इसकी कमी, जिसे पेलाग्रा कहते हैं, निम्नलिखित समस्याएं पैदा कर सकती है:
- डर्मेटाइटिस: त्वचा सूजन, फटी हुई और परतदार हो जाती है, खासकर Heels जैसी दबाव वाली जगहों पर।
- त्वचा अधिक संवेदनशील हो जाती है: यह पर्यावरणीय कारकों से अधिक प्रभावित होती है।
विटामिन B3 के स्रोत:
मांस: चिकन, टर्की, पोर्क
मछली: टूना, सैल्मन
दालें: मसूर, राजमा
4. विटामिन A की कमी
विटामिन A त्वचा कोशिकाओं की वृद्धि और मरम्मत में मदद करता है। इसकी कमी से:
- हाइपरकेराटोसिस: त्वचा मोटी और खुरदरी हो जाती है, जिससे एड़ियां फटने की संभावना बढ़ जाती है।
- सूखी त्वचा: विटामिन A त्वचा में नमी बनाए रखने वाले सीबम का उत्पादन करता है। इसकी कमी से त्वचा रूखी हो जाती है।
विटामिन A के स्रोत:
पशु स्रोत: लीवर, अंडे, डेयरी उत्पाद
पौधों के स्रोत: गाजर, शकरकंद, पालक
अन्य पोषण संबंधी कारण
ऊपर बताए गए विटामिन के अलावा, अन्य पोषक तत्वों की कमी भी फटी Heels का कारण बन सकती है:
जिंक की कमी
जिंक त्वचा की मरम्मत और सूजन को नियंत्रित करने में सहायक है।
इसकी कमी से त्वचा रूखी और फटी हुई हो जाती है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी
ये स्वस्थ वसा त्वचा को नमी और लचीलेपन में मदद करते हैं।
इसकी कमी से त्वचा रूखी और चिड़चिड़ी हो जाती है।
आयरन की कमी
आयरन त्वचा को ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है।
इसकी कमी से त्वचा पीली, शुष्क और फटने लगती है।
फटी एड़ियों के अन्य कारण
विटामिन की कमी के अलावा, अन्य कारक भी जिम्मेदार हो सकते हैं:
1.पानी की कमी: शरीर में नमी की कमी से त्वचा रूखी हो जाती है।
2.अत्यधिक दबाव: लंबे समय तक खड़े रहने से Heels पर दबाव बढ़ता है।
3.मौसम: ठंडा और शुष्क मौसम त्वचा को अधिक रूखा बनाता है।
4.गलत जूते: खुली एड़ी वाले या खराब फिटिंग वाले जूते समस्या बढ़ा सकते हैं।
5.स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं: मधुमेह, थायरॉयड, या एक्जिमा जैसी बीमारियां जोखिम बढ़ा सकती हैं।
निदान और उपचार
निदान:
स्वास्थ्य विशेषज्ञ निम्नलिखित तरीके से विटामिन की कमी का पता लगा सकते हैं:
शारीरिक जांच: त्वचा की स्थिति को देखकर।
ब्लड टेस्ट: विशेष पोषक तत्वों के स्तर की जांच करके।
उपचार:
टॉपिकल देखभाल:
यूरिया, सैलिसिलिक एसिड, या लैक्टिक एसिड युक्त मॉइश्चराइजर लगाएं।
विटामिन से भरपूर क्रीम का उपयोग करें।
आहार में बदलाव:
भोजन में आवश्यक विटामिन और पोषक तत्व शामिल करें।
डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट लें।
हाइड्रेशन: पर्याप्त पानी पिएं।
जीवनशैली में बदलाव:
सही प्रकार के जूते पहनें।
कठोर सतहों पर लंबे समय तक खड़े होने से बचें।
रोकथाम
1.संतुलित आहार: सभी आवश्यक विटामिन और खनिजों को आहार में शामिल करें।
2.नियमित पैर देखभाल: त्वचा को मॉइश्चराइज करें और मृत त्वचा को हटाएं।
3.सुरक्षित जूते पहनें: बंद एड़ी और कुशन वाले जूते का इस्तेमाल करें।
4.पर्यावरण से सुरक्षा: अत्यधिक ठंड या गर्मी से बचाव करें।
किस विटामिन की कमी से फटती हैं Heels?
निष्कर्ष
फटी Heels अक्सर विटामिन C, E, B3, और A की कमी से होती हैं। इन कमियों को संतुलित आहार, सप्लीमेंट्स, और उचित त्वचा देखभाल के माध्यम से दूर किया जा सकता है। यदि समस्या बनी रहती है, तो किसी डॉक्टर से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है, ताकि किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या का पता लगाया जा सके।
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