प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को जिला सहकारी बैंक (District Cooperative Bank) घोटाले की जांच के तहत कर्नाटक के बेंगलुरु और शिवमोगा में 10 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी की यह कार्रवाई करोड़ों रुपये के फर्जी लोन और धन शोधन (Money Laundering) की आशंका के चलते की गई है।
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प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि बैंक के कुछ अधिकारियों और चुनिंदा खाताधारकों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन पास कराए, जिन्हें बाद में चुकाया नहीं गया। इन लोन को शेल कंपनियों और बेनामी खातों के माध्यम से घुमाकर व्यक्तिगत संपत्ति खरीदने, राजनीतिक फंडिंग और बाहरी निवेश में लगाया गया।
ED ने कागजात, डिजिटल साक्ष्य और पैसे भी जब्त किए
सूत्रों के मुताबिक, ED की छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने महत्वपूर्ण कागजात, डिजिटल साक्ष्य और नकदी जब्त की है। ED की टीम ने बैंक से जुड़े कई उच्च अधिकारियों और स्थानीय कारोबारियों से पूछताछ भी की। माना जा रहा है कि इस घोटाले की जड़ें राजनीतिक नेटवर्क से भी जुड़ी हो सकती हैं, और इस संबंध में कई बड़े नामों की भूमिका की जांच जारी है।

कर्नाटक के कुछ जिला सहकारी बैंकों पर पहले भी भ्रष्टाचार और फर्जी लोन स्कीम्स के आरोप लगते रहे हैं। यह मामला उन्हीं में से एक बड़े घोटाले से जुड़ा है, जिसकी जांच अब राष्ट्रीय स्तर पर तेज कर दी गई है।
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