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Gastroesophageal Reflux Disease: कारण, लक्षण, उपचार और बचाव के सम्पूर्ण उपाय

गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग (Gastroesophageal Reflux Disease) आज के समय में एक आम लेकिन गंभीर समस्या बनती जा रही है।

Gastroesophageal Reflux Disease एक आम लेकिन गंभीर पाचन विकार है जिसमें पेट का अम्ल (एसिड) भोजन नली (ईसोफेगस) में वापस चला जाता है, जिससे जलन, सीने में दर्द और अन्य कष्टदायक लक्षण होते हैं। इस लेख में Gastroesophageal Reflux Disease के कारण, लक्षण, जटिलताएं, निदान की प्रक्रिया, घरेलू उपचार, दवाइयां, जीवनशैली में बदलाव और सर्जरी जैसे उपचार विकल्पों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।

इसके साथ ही हम यह भी बताएंगे कि इस रोग से बचाव कैसे किया जा सकता है और किन आदतों को अपनाकर जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है। अगर आप या आपके किसी अपने को लगातार पेट में जलन या खट्टी डकारों की समस्या हो रही है, तो यह लेख आपके लिए बेहद मददगार साबित होगा।

गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD): कारण, लक्षण, निदान, उपचार और बचाव

Gastroesophageal Reflux Disease (GERD): Causes, Symptoms

Gastroesophageal Reflux Disease एक सामान्य पाचन तंत्र विकार है जिसमें पेट का अम्ल या भोजन वापस इसोफेगस (भोजन नली) में चला जाता है। इस प्रक्रिया को रिफ्लक्स कहते हैं। यदि यह बार-बार हो, तो यह इसोफेगस को क्षति पहुंचा सकता है और कई जटिलताएँ पैदा कर सकता है। इस लेख में हम Gastroesophageal Reflux Disease के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।

गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग के कारण

Gastroesophageal Reflux Disease के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

  1. लोअर एसोफैजियल स्फिंकटेर (LES) की कमजोरी: LES वह मांसपेशी है जो पेट और इसोफेगस के बीच होती है। अगर यह सही से बंद नहीं होती, तो पेट का अम्ल ऊपर चढ़ जाता है।
  2. मोटापा: अतिरिक्त वजन पेट पर दबाव डालता है, जिससे रिफ्लक्स बढ़ सकता है।
  3. गर्भावस्था: हार्मोनल बदलाव और पेट पर बढ़ते दबाव के कारण रिफ्लक्स बढ़ता है।
  4. धूम्रपान और शराब सेवन: LES को कमजोर कर सकता है।
  5. खान-पान की गलत आदतें: तली-भुनी चीजें, चॉकलेट, कॉफी, सोडा, अधिक मसालेदार भोजन रिफ्लक्स बढ़ाते हैं।
  6. दवाइयों के दुष्प्रभाव: कुछ दवाइयाँ जैसे दर्द निवारक, एंटीहिस्टामिन, उच्च रक्तचाप की दवाएं LES को प्रभावित कर सकती हैं।

गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग के लक्षण

Gastroesophageal Reflux Disease के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • सीने में जलन (हार्टबर्न)
  • गले में खट्टा पानी आना
  • निगलने में कठिनाई (डिस्फेगिया)
  • खाँसी या खराश
  • आवाज में भारीपन
  • उल्टी जैसा महसूस होना
  • भोजन के बाद पेट फूलना
  • रात में खाँसी या साँस लेने में तकलीफ

अगर ये लक्षण सप्ताह में दो बार या अधिक हों तो डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।

निदान (Diagnosis)

Gastroesophageal Reflux Disease की पुष्टि के लिए कई तरह के परीक्षण किए जाते हैं:

  1. एंडोस्कोपी (Endoscopy)
    डॉक्टर एक पतली नली के जरिए आपके इसोफेगस को कैमरे से देखते हैं कि कहीं सूजन या अल्सर तो नहीं है।
  2. 24 घंटे pH मॉनिटरिंग
    यह परीक्षण यह जांचने के लिए किया जाता है कि पेट का अम्ल इसोफेगस में कितनी बार और कितनी देर के लिए आता है।
  3. एसोफैगियल मैनोमेट्री
    इससे इसोफेगस की मांसपेशियों की ताकत और कामकाज का आकलन किया जाता है।
  4. एक्स-रे बारीयम स्वैलो टेस्ट
    भोजन नली में असामान्यताओं का पता लगाने के लिए बारीयम नामक पदार्थ के साथ एक्स-रे लिया जाता है।

उपचार (Treatment)

Gastroesophageal Reflux Disease का उपचार तीन चरणों में होता है: जीवनशैली में बदलाव, दवाइयाँ और आवश्यकता पड़ने पर सर्जरी।

1. जीवनशैली में बदलाव

  • वजन घटाना: मोटापे से GERD का खतरा बढ़ता है।
  • भोजन के बाद तुरंत न लेटना: भोजन के बाद 2-3 घंटे तक खड़े रहना चाहिए।
  • ऊंचे सिर के साथ सोना: बिस्तर के सिर वाले हिस्से को 6-8 इंच ऊँचा करने से रात में रिफ्लक्स कम होता है।
  • भोजन में सुधार: मसालेदार, तली-भुनी चीजें, कैफीन और शराब से बचें।
  • धूम्रपान बंद करें: यह LES को कमजोर करता है।

2. दवाइयाँ

  • एंटासिड्स (Antacids): अम्ल को तुरंत निष्क्रिय करते हैं।
  • एच2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स (H2 Blockers): अम्ल उत्पादन को कम करते हैं, जैसे कि रैनिटिडिन।
  • प्रोटॉन पंप इनहिबिटर्स (PPIs): अम्ल उत्पादन को बहुत प्रभावी ढंग से कम करते हैं, जैसे ओमेप्राज़ोल, एसोमेप्राज़ोल।
  • प्रोकाइनेटिक्स: पेट खाली करने की प्रक्रिया को तेज करते हैं।

3. सर्जरी

अगर जीवनशैली बदलाव और दवाइयाँ काम नहीं करतीं, तो सर्जरी की सलाह दी जाती है:

  • फंडोप्लिकेशन सर्जरी: LES को मजबूत बनाने के लिए पेट के ऊपरी भाग को इसोफेगस के चारों ओर लपेटा जाता है।
  • LINX डिवाइस: एक छोटी चुंबकीय रिंग को LES के चारों ओर लगाया जाता है जिससे अम्ल वापस नहीं आता।

संभावित जटिलताएं (Complications)

  • एसोफैगिटिस: इसोफेगस में सूजन और जलन।
  • एसोफैगस स्ट्रिक्चर: इसोफेगस में संकुचन जिससे निगलने में कठिनाई होती है।
  • बैरिट्स इसोफेगस: लंबे समय तक Gastroesophageal Reflux Disease से इसोफेगस की कोशिकाओं में बदलाव हो सकता है, जो आगे चलकर कैंसर का कारण बन सकता है।
  • एसोफैगल कैंसर: दुर्लभ लेकिन गंभीर जटिलता।

बचाव के उपाय (Prevention)

  • छोटे-छोटे अंतराल पर हल्का भोजन करें।
  • भारी और देर रात के खाने से बचें।
  • तनाव प्रबंधन करें: योग, ध्यान से लाभ मिलता है।
  • टाइट कपड़े न पहनें जो पेट पर दबाव डालते हों।
  • धूम्रपान और शराब से दूर रहें।
  • नियमित व्यायाम करें।

घरेलू उपचार (Home Remedies)

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  • अदरक की चाय पीना।
  • हल्दी दूध का सेवन।
  • एलोवेरा जूस का सेवन सीमित मात्रा में।
  • सेब साइडर विनेगर का पानी में मिलाकर सेवन (डॉक्टर की सलाह के बाद)।
  • बेकिंग सोडा का पानी में मिलाकर सेवन (अत्यधिक न करें)।

नोट: घरेलू उपचार केवल लक्षणों को अस्थायी राहत दे सकते हैं। गंभीर समस्या में डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।

निष्कर्ष

गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग (Gastroesophageal Reflux Disease) आज के समय में एक आम लेकिन गंभीर समस्या बनती जा रही है। यदि समय रहते इसका उपचार न किया जाए तो यह गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। सही जीवनशैली, संतुलित आहार, दवाओं का सही उपयोग और आवश्यक सर्जरी से इस रोग पर नियंत्रण पाया जा सकता है। अगर आपको इसके लक्षण बार-बार महसूस होते हैं, तो डॉक्टर से तुरंत परामर्श लें।

स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और GERD से बचाव करें!

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