GMCP-मालदीव का विकास और भारत का योगदान

Greater Male Connectivity Project (GMCP) मालदीव की एक महत्वाकांक्षी आधारभूत संरचना परियोजना है, जिसका उद्देश्य माले और आसपास के द्वीपों को आपस में जोड़कर आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। यह परियोजना मालदीव की राजधानी माले और विलिंगली, गुल्हिफाल्हू और थिलाफुशी द्वीपों को 6.74 किलोमीटर लंबे पुल और सेतु नेटवर्क से जोड़ती है।

GMCP: Maldives' Development and India's Contribution

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GMCP के मुख्य उद्देश्य:

आवागमन में सुधार: इस परियोजना से माले और आसपास के द्वीपों के बीच आवागमन आसान हो जाएगा, जिससे लोगों और वस्तुओं की आवाजाही में तेजी आएगी।

आर्थिक विकास: बेहतर कनेक्टिविटी से पर्यटन, व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे मालदीव की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

शहरी विकास: इस परियोजना से माले और आसपास के द्वीपों का एकीकृत विकास होगा, जिससे शहरी सुविधाओं और सेवाओं में सुधार होगा।

जीवन स्तर में सुधार: बेहतर कनेक्टिविटी से लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा, क्योंकि उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सुविधाओं तक आसानी से पहुंच प्राप्त होगी।

भारत का योगदान

GMCP: Maldives' Development and India's Contribution

GMCP परियोजना में भारत का महत्वपूर्ण योगदान है। भारत ने इस परियोजना के लिए 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुदान और 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण सहायता (लाइन ऑफ क्रेडिट) प्रदान की है। यह भारत और मालदीव के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का प्रमाण है।

परियोजना का महत्व

यह परियोजना न केवल मालदीव के लिए बल्कि भारत के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह परियोजना भारत-मालदीव संबंधों को और मजबूत करेगी और हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की उपस्थिति को बढ़ाएगी।

निष्कर्ष:

GMCP: Maldives' Development and India's Contribution

ग्रेटर माले कनेक्टिविटी परियोजना मालदीव के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगी। यह परियोजना न केवल मालदीव की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी बल्कि लोगों के जीवन को भी बेहतर बनाएगी। भारत का इस परियोजना में योगदान दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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