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Newsnowसंस्कृतिHalloween Day 2024: भूतिया त्यौहार की यात्रा

Halloween Day 2024: भूतिया त्यौहार की यात्रा

सेल्टिक मान्यताओं के अनुसार, 31 अक्टूबर की रात को जीवित और मृतकों की दुनिया के बीच की सीमा धुंधली हो जाती थी। इस दिन मृतकों की आत्माएँ धरती पर वापस आती थीं।

Halloween Day हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध त्योहार है, जिसे विशेष रूप से पश्चिमी देशों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इसका इतिहास सदियों पुराना है और यह कई परंपराओं, धार्मिक मान्यताओं और सांस्कृतिक प्रभावों का मेल है। आज हैलोवीन एक मजेदार, डरावना और रचनात्मक त्योहार बन गया है, जिसमें बच्चे और बड़े सभी मिलकर भूतिया पोशाक पहनते हैं, घरों को सजाते हैं, और “ट्रिक-ऑर-ट्रीट” के रूप में मिठाइयाँ इकट्ठा करते हैं। इस निबंध में हम हैलोवीन के इतिहास, इसके बदलते रूप और सांस्कृतिक महत्व पर चर्चा करेंगे, साथ ही इसके विभिन्न पहलुओं जैसे ट्रिक-ऑर-ट्रीटिंग, पोशाकें और भूतिया घरों की परंपरा का भी विवरण देंगे।

Halloween Day की उत्पत्ति: सेल्टिक त्योहार “समहैन” (Samhain)

Halloween Day 2024 Haunted Festival Trip

Halloween Day की जड़ें 2,000 साल से भी अधिक पुरानी हैं और इसका संबंध प्राचीन सेल्टिक त्योहार समहैन (Samhain) से है। सेल्टिक लोग, जो आज के आयरलैंड, यूनाइटेड किंगडम और उत्तरी फ्रांस में रहते थे, 1 नवंबर को अपना नया साल मनाते थे। यह दिन गर्मियों के अंत और ठंडे, अंधेरे सर्दियों की शुरुआत को दर्शाता था, जिसे अक्सर मृत्यु से जोड़ा जाता था।

सेल्टिक मान्यताओं के अनुसार, 31 अक्टूबर की रात को जीवित और मृतकों की दुनिया के बीच की सीमा धुंधली हो जाती थी। इस दिन मृतकों की आत्माएँ धरती पर वापस आती थीं। ये आत्माएँ फसलों को नुकसान पहुंचा सकती थीं, लेकिन उनके आगमन से भविष्यवाणियाँ करना भी आसान हो जाता था, जो कठिन सर्दियों के दौरान लोगों के लिए एक मार्गदर्शक का काम करती थीं।

इस त्योहार के दौरान, लोग विशाल अलाव जलाते थे और अपने देवताओं को जानवरों और फसलों की बलि चढ़ाते थे। इस रात लोग जानवरों की खाल और सिर पहनकर आत्माओं से खुद को बचाने का प्रयास करते थे।

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रोमन और ईसाई प्रभाव

Halloween Day 2024 Haunted Festival Trip

जब रोमन साम्राज्य ने सेल्टिक क्षेत्रों पर विजय प्राप्त की, तब दो रोमन त्योहारों को समहैन के साथ जोड़ा गया। पहला था फेरालिया (Feralia), जो मृतकों को याद करने का दिन था, और दूसरा था पोमोना (Pomona) का त्योहार, जो फलों और वृक्षों की देवी थी। पोमोना का प्रतीक “सेब” था, और यही कारण है कि आज भी हैलोवीन के दौरान “सेब को काटने” का खेल खेला जाता है।

9वीं शताब्दी तक, ईसाई धर्म के प्रसार के साथ, समहैन का स्वरूप बदलने लगा। 1000 ईस्वी में, चर्च ने 2 नवंबर को ऑल सोल्स डे (All Souls’ Day) के रूप में मृतकों को सम्मानित करने का दिन घोषित किया। ऑल सोल्स डे का जश्न समहैन के समान ही मनाया जाता था, जिसमें अलाव जलाए जाते थे, परेड निकाली जाती थी, और लोग संतों, स्वर्गदूतों और शैतानों के रूप में वेशभूषा पहनते थे। 31 अक्टूबर की रात को ऑल हैलोज़ ईव (All Hallows’ Eve) कहा जाने लगा, जो बाद में हैलोवीन बन गया।

अमेरिका में Halloween Day का प्रसार

उपनिवेश काल के न्यू इंग्लैंड में हैलोवीन का जश्न बहुत सीमित था, क्योंकि वहाँ के कठोर प्रोटेस्टेंट विश्वास इसे मान्यता नहीं देते थे। हालांकि, मैरीलैंड और दक्षिणी उपनिवेशों में यह अधिक लोकप्रिय था। जैसे-जैसे यूरोपीय आप्रवासी और मूल अमेरिकी परंपराएं मिलती गईं, एक अनूठी अमेरिकी हैलोवीन संस्कृति का विकास हुआ। शुरुआती जश्नों में “प्ले पार्टियाँ” शामिल थीं, जो फसल उत्सव के रूप में आयोजित की जाती थीं।

19वीं सदी के मध्य तक, हैलोवीन का जश्न आम हो गया, लेकिन यह अभी भी देश भर में व्यापक रूप से नहीं मनाया जाता था। हालाँकि, 1846 के आयरिश आलू अकाल के दौरान बड़ी संख्या में आयरिश आप्रवासियों ने अमेरिका आकर इस त्योहार को लोकप्रिय बनाया, साथ ही उन्होंने ट्रिक-ऑर-ट्रीटिंग की परंपरा को भी आगे बढ़ाया।

ट्रिक-ऑर-ट्रीटिंग की परंपरा

आज के ट्रिक-ऑर-ट्रीटिंग की परंपरा का संबंध “मम्मिंग” (mumming) या “गुइसिंग” (guising) से है, जिसमें लोग समहैन के दौरान डरावनी पोशाकें पहनकर घर-घर जाते थे और बदले में भोजन प्राप्त करते थे। मध्यकालीन यूरोप में, गरीब लोग ऑल सोल्स डे पर घर-घर जाकर रोटी के बदले मृतकों के लिए प्रार्थना करते थे, जिसे “सोलिंग” कहा जाता था।

संयुक्त राज्य अमेरिका में, ट्रिक-ऑर-ट्रीटिंग 1920 और 1930 के दशक में व्यापक रूप से लोकप्रिय हो गई। हालाँकि, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान चीनी की कमी के कारण यह परंपरा कुछ समय के लिए बंद हो गई थी। युद्ध के बाद, यह फिर से शुरू हुई और 1950 के दशक तक यह एक प्रचलित परंपरा बन गई। आज, लाखों बच्चे भूतिया पोशाक पहनकर अपने पड़ोसियों के घर जाते हैं और “ट्रिक-ऑर-ट्रीट” कहकर मिठाइयाँ इकट्ठा करते हैं।

Halloween की पोशाकें और पार्टियाँ

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पोशाकें Halloween Day का एक प्रमुख हिस्सा हैं। पहले की पोशाकें आमतौर पर डरावनी होती थीं, जैसे भूत, चुड़ैलें, पिशाच आदि। लेकिन समय के साथ, पोशाकों की विविधता बढ़ती गई, और आज लोग किसी भी तरह की पोशाक पहनते हैं, चाहे वह सुपरहीरो हो, जानवर हो या कोई प्रसिद्ध हस्ती।

पोशाकें पहनने की परंपरा सेल्टिक समहैन त्योहार से आती है, जब लोग जानवरों की खाल और सिर पहनते थे। मध्ययुगीन यूरोप में, लोग ऑल हैलोज़ ईव पर संतों या स्वर्गदूतों के रूप में वेशभूषा धारण करते थे। 20वीं सदी तक, हैलोवीन की पोशाकें व्यावसायिक रूप से उपलब्ध हो गईं, और बड़े पैमाने पर उनका उत्पादन होने लगा।

आजकल हैलोवीन पार्टियों का आयोजन भी व्यापक रूप से होता है, जहाँ लोग अपनी रचनात्मक पोशाकें दिखाते हैं। कुछ शहरों में बड़े परेड या सड़कों पर उत्सव भी आयोजित होते हैं, जैसे न्यूयॉर्क शहर का प्रसिद्ध ग्रीनविच विलेज हैलोवीन परेड, जिसमें हजारों लोग भाग लेते हैं।

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भूतिया घरों की परंपरा

हैलोवीन के भूतिया घर (Haunted Houses) भी इसका महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। यह अवधारणा साहित्य और लोककथाओं से आई है, लेकिन हैलोवीन के संदर्भ में, यह एक रोमांचक अनुभव है जहाँ लोग डरावने वातावरण में प्रवेश कर सकते हैं।

अमेरिका में पहली बार भूतिया घरों का आयोजन महामंदी (Great Depression) के दौरान किया गया था, जब जूनियर चेंबर ऑफ कॉमर्स ने शरारत भरी गतिविधियों से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए इसका आयोजन शुरू किया। 1970 के दशक तक, यह व्यवसाय बन गया और आज बड़े पैमाने पर प्रोफेशनल डिज़ाइनर भूतिया घरों का निर्माण करते हैं, जिसमें विशेष प्रभाव और किराए पर लिए गए कलाकार शामिल होते हैं।

Halloween के प्रतीक: जैक-ओ’-लैम्पन, चुड़ैलें और चमगादड़

Halloween Day 2024 Haunted Festival Trip

जैक-ओ’-लैम्पन, जिसे कद्दू पर डरावना चेहरा बनाकर जलाया जाता है, हैलोवीन का सबसे लोकप्रिय प्रतीक है। यह परंपरा आयरलैंड की एक लोककथा से उत्पन्न हुई है, जिसमें एक व्यक्ति स्टिंजी जैक (Stingy Jack) ने शैतान को धोखा दिया और उसे सजा के रूप में केवल एक जलते हुए शलजम के साथ भटकने के लिए छोड़ दिया गया। जब आयरिश लोग अमेरिका आए, तो उन्होंने शलजम की जगह कद्दू का उपयोग करना शुरू किया, क्योंकि यह अधिक आसानी से उपलब्ध था।

चुड़ैलें भी हैलोवीन का प्रमुख प्रतीक हैं, जिन्हें अक्सर झाड़ू पर उड़ने वाली बूढ़ी महिलाओं के रूप में दर्शाया जाता है। मध्यकालीन मान्यताओं के अनुसार, चुड़ैलें 31 अक्टूबर को शैतान की पूजा करने के लिए इकट्ठा होती थीं। इसके अलावा, चमगादड़ भी हैलोवीन के प्रतीक बन गए हैं, क्योंकि वे रात में सक्रिय होते हैं और उन्हें पिशाचों से जोड़ा जाता है।

Halloween का व्यापारिकरण

20वीं सदी में, हैलोवीन एक बड़े पैमाने पर व्यावसायिक त्योहार बन गया। खुदरा विक्रेताओं ने देखा कि इस दिन के दौरान लोग बड़ी संख्या में पोशाकें, मिठाइयाँ, और सजावटी वस्तुएँ खरीदते हैं। आज, हैलोवीन एक बहु-अरब डॉलर का उद्योग है, जहाँ लोग भूतिया आकर्षण, पार्टियाँ, और यहाँ तक कि अपने पालतू जानवरों के लिए पोशाकों पर भी भारी खर्च करते हैं।

फिल्मों और टीवी कार्यक्रमों ने भी हैलोवीन के व्यापारिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। “हैलोवीन” (1978), “होकस पोकस” (1993), और “द नाइटमेयर बिफोर क्रिसमस” (1993) जैसी फिल्मों ने हैलोवीन को और अधिक लोकप्रिय बना दिया।

दुनिया भर में Halloween

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हालांकि हैलोवीन सबसे अधिक उत्तरी अमेरिका में लोकप्रिय है, इसे दुनिया भर में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। मेक्सिको और अन्य लैटिन अमेरिकी देशों में, “दिया डे लोस मुएर्तोस” (Día de los Muertos) या मृतकों का दिन 1 और 2 नवंबर को मनाया जाता है। यह त्योहार मृतकों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है, जिसमें रंग-बिरंगे अल्तार, भोजन और कंकाल-थीम वाली सजावट शामिल होती है।

यूरोप में, खासकर यूनाइटेड किंगडम और आयरलैंड में, हैलोवीन के ऐतिहासिक संबंध गहरे हैं। जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में, हैलोवीन पॉप संस्कृति की घटना के रूप में मनाया जाता है, जहाँ लोग बड़ी पार्टियों में भाग लेते हैं और रंग-बिरंगी पोशाकें पहनते हैं, भले ही वहाँ ट्रिक-ऑर-ट्रीटिंग जैसी पारंपरिक गतिविधियाँ नहीं होती हों।

निष्कर्ष

हैलोवीन एक ऐसा त्योहार है जो अपने प्राचीन सेल्टिक जड़ों से विकसित होकर आज एक मजेदार और डरावने उत्सव में बदल गया है। सदियों के दौरान, इसने मृतकों के लिए एक गंभीर त्योहार से लेकर मिठाइयों, पोशाकों और पार्टियों का एक रोमांचक दिन का रूप ले लिया है।

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