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Hardoi में दलित बच्चों को स्कूल में नहीं मिला दाखिला

हरदोई में स्कूल के प्रधानाचार्य पर जातिसूचक शब्द से अपमानित कर भगाने के आरोप, बच्चों को लेकर 2 महीने से दर दर भटक रही माँ। बीएसए कार्यालय के बाहर चक्कर काट रही महिला।

बच्चों को लेकर 2 महीने से दर दर भटक रही माँ

हरदोई/उ.प्र: Hardoi में अपने बच्चों का सरकारी स्कूल में एडमिशन करवाने के लिए एक दलित परिवार दर-दर भटकने को मजबूर है। बच्चों के अभिवावकों ने स्कूल के प्रधानाध्यापक पर दलित समाज के होने की वजह से एडमिशन न करने का गंभीर आरोप लगाया है और बीएसए कार्यालय के चक्कर काट रहे है।

हरदोई के भरखनी विकास खण्ड के ग्राम चठिया की निवासी पिंकी पत्नी हीरालाल अपने बच्चों का कूड़ी पचदेवरा प्राथमिक विद्यालय में एडमिशन करवाने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है।

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Hardoi के प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य पर आरोप 

बीएसए के पास अपनी फरियाद लेकर पहुंची बच्चों की माँ ने विद्यालय के प्रधानाचार्य नरेंद्र पर दलित जाती के होने की वजह से एडमिशन न करने व जाती सूचक गालियां देकर स्कूल से भगाने के गंभीर आरोप लगाए है।

Dalit children did not get admission in Hardoi school
बीएसए कार्यालय के बाहर चक्कर काट रही महिला

बच्चों की माँ ने बताया कि वह एक गरीब परिवार से है उनका पति मज़दूरी कर के कमाता खाता है। कोरोना के समय में बच्चों का नाम कट गया था लेकिन अब स्कूल दोबारा खुलने के बाद अपनी बेटी व बेटे को अच्छी शिक्षा देकर कुछ बनाने के लिए सरकारी विद्यालय में पढ़ाना चाहती है, जिसको लेकर कूड़ी पचदेवरा प्राथमिक विद्यालय में एडमिशन को लेकर दो माह से दौड़ रही है लेकिन एडमिशन नहीं हो रहा है।

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आरोप है कि आज Hardoi के प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य से एडमिशन के सम्बंध में मिलने गए तो प्रधानाचार्य ने जाति सूचक शब्दों से उसको अपमानित करके भगा दिया।

बच्चों की माँ ने इसकी शिकायत बेसिक शिक्षा अधिकारी, पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी से की है। 

वहीं इस मामले को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि खण्ड शिक्षाधिकारी ने कल नाम लिखाने की बात कही है। इसके साथ ही इसमे जो भी दोषी होगा कार्यवाई की जाएगी।

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