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Farmers Protest: हरियाणा के सीएम खट्टर अमित शाह से मिले- कहा नुकसान की भरपाई के लिए कानून लाएंगे

हरियाणा के CM Manohar Lal Khattar ने Amit Shah से मुलाकात कर कहा किसी को सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान करने का अधिकार नहीं

Haryana CM Khattar met Amit Shah, said will bring legislation to compensate for the loss in Farmers Protest
File Photo

New Delhi: किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से शनिवार को मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर भी चर्चा हई. उन्होंने कहा कि किसी को भी सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान करने का अधिकार नहीं है, हम इससे संबंधित क़ानून लेकर आ रहे हैं.

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इससे पहले 12 जनवरी को भी मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने दिल्ली में अमित शाह  (Amit Shah) से मुलाकात की थी. जब पिछली बार खट्टर गृहमंत्री से मिलने आए थे तब उनके साथ राज्य के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) भी मौजूद थे. तब दोनों नेताओं ने कहा था कि हरियाणा सरकार को कोई खतरा नहीं है. बता दें कि हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी (BJP & JJP) के गठबंधन की सरकार है.

इससे पहले आज शनिवार को किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) के पिता अजय चौटाला का बयान सामने आया. उन्होंने कहा कि अगर दुष्यंत चौटाला के इस्तीफे से कुछ हल निकलता है तो वह उनकी जेब में है. उन्होंने कहा, “अभय सिंह चौटाला के इस्तीफे से कुछ हल निकला है क्या, दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) का इस्तीफा मेरी जेब में है, अगर उससे हल निकलता है तो मैं अभी दे देता हूं. केंद्र का क़ानून बनाया हुआ है. केंद्र निर्णय करे या हरियाणा के 10 सांसद इस्तीफा दें, जिन्होंने इसमें सहमति दी थी.”

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गौरतलब है कि दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) 75 दिनों से अधिक समय से जारी है. किसानों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws) को सरकार रद्द करे और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाए. गतिरोध खत्म करने को लेकर सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बैठक भी हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है. किसानों संगठनों के साफ तौर पर कहना है कि जब तक सरकार कानूनों को रद्द नहीं करती है तब तक उनका आंदोलन (Farmers Protest) जारी रहेगा.

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