Waqf Act पर सुनवाई जारी, सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने Waqf Act, 2025 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी। कार्यवाही के दौरान, अदालत ने केंद्र सरकार से प्रश्न किया कि क्या मुसलमानों को हिंदू धार्मिक ट्रस्टों का हिस्सा बनने की अनुमति दी जा सकती है।

Waqf Act संसद से पारित होने के बाद कोलकाता और चेन्नई में भारी विरोध प्रदर्शन

72 याचिकाओं के घेरे में Waqf Act

Hearing on Waqf Act continues, Supreme Court refuses interim relief

अब तक इस अधिनियम के खिलाफ लगभग 72 याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। याचिकाकर्ताओं में AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB), जमीयत उलमा-ए-हिंद, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) तथा कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी और मोहम्मद जावेद शामिल हैं।

यह मामला भारत के धर्मनिरपेक्ष ढांचे और धार्मिक संस्थानों की स्वायत्तता से जुड़ा हुआ है, और इसलिए इसका संवैधानिक महत्व काफी गहरा है। Waqf Act, 2025 के खिलाफ दायर याचिकाओं में यह तर्क दिया गया है कि यह अधिनियम मौलिक अधिकारों, विशेष रूप से अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), अनुच्छेद 25 (धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार) और अनुच्छेद 26 (धार्मिक संस्थाओं को संचालित करने का अधिकार) का उल्लंघन करता है।

Hearing on Waqf Act continues, Supreme Court refuses interim relief

याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि यह अधिनियम वक्फ बोर्ड को अनुचित अधिकार और नियंत्रण देता है, जिससे सम्पत्ति अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता का हनन हो सकता है। इसके अतिरिक्त, कुछ याचिकाओं में यह भी दावा किया गया है कि यह कानून सिर्फ एक विशेष समुदाय के लिए विशेषाधिकार प्रदान करता है, जिससे अन्य धार्मिक समुदायों के साथ भेदभाव होता है।

मुख्य न्यायालय ने केंद्र सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि जब हिंदू ट्रस्टों और मंदिरों के मामलों में गैर-हिंदुओं की भागीदारी की अनुमति नहीं है, तो फिर वक्फ अधिनियम के तहत मुसलमानों को विशेष प्रावधान कैसे और क्यों दिए जा रहे हैं।

अन्य ख़बरों के लिए यहाँ क्लिक करें

आगे पढ़ें
trending duniya women fashion

संबंधित आलेख

Back to top button