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Doctor कैसे बने सकते है? और इसके लिए हमे क्या करना पड़ता है?

डॉक्टर बनना न केवल एक पेशा है, बल्कि एक जिम्मेदारी भी है। यह पेशा समाज के प्रति आपकी सेवा भावना और लोगों की जान बचाने की क्षमता को दर्शाता है।

Doctor बनने के लिए काफी मेहनत, समर्पण और धैर्य की आवश्यकता होती है। यह एक लंबी और कठिन प्रक्रिया है जिसमें कई वर्षों की पढ़ाई, प्रशिक्षण और अभ्यास शामिल होता है। इस प्रक्रिया में शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक मेहनत शामिल होती है। Doctor बनने के लिए आवश्यक कदमों के बारे में जानकारी देना एक विस्तृत विषय है, जिसमें प्रवेश परीक्षाओं से लेकर मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई, इंटर्नशिप, विशेषज्ञता और लाइसेंसिंग शामिल है। आइए इसे क्रमवार समझते हैं।

Doctor कैसे बने?

How can we become a doctor?

माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा (10वीं और 12वीं की पढ़ाई)

Doctor बनने की राह स्कूल से ही शुरू हो जाती है। 10वीं के बाद, आपको विज्ञान (Science) संकाय को चुनना होगा जिसमें भौतिकी (Physics), रसायन (Chemistry), और जीवविज्ञान (Biology) मुख्य विषय होते हैं। 12वीं कक्षा में अच्छे अंकों के साथ ये विषय पास करने होंगे, क्योंकि मेडिकल एंट्रेंस परीक्षाओं में प्रवेश के लिए यह अनिवार्य है। आपको इस स्तर पर अपनी समझ को मजबूत करना होगा, खासकर जीवविज्ञान और रसायन विज्ञान के विषयों में, क्योंकि यही विषय मेडिकल परीक्षाओं में प्रमुख होते हैं

मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET)

12वीं के बाद आपको नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं को उत्तीर्ण करना होता है। NEET भारत में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए सबसे प्रमुख परीक्षा है। यह एक बहुत प्रतिस्पर्धी परीक्षा है जिसमें लाखों विद्यार्थी हिस्सा लेते हैं, लेकिन सीटें सीमित होती हैं। इस परीक्षा में भौतिकी, रसायन, और जीवविज्ञान के प्रश्न होते हैं और इसमें आपकी सटीकता और गति दोनों की परख की जाती है। इसलिए आपको इन विषयों की गहरी समझ होनी चाहिए और साथ ही प्रश्नों को हल करने की रणनीतियाँ भी विकसित करनी चाहिए।

MBBS की पढ़ाई (स्नातक स्तर की पढ़ाई)

NEET परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, आपको MBBS (Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery) कोर्स में प्रवेश मिलेगा। यह एक 5.5 साल का कोर्स होता है, जिसमें 4.5 साल की कक्षाएं और 1 साल की इंटर्नशिप शामिल होती है। MBBS की पढ़ाई में आपको मानव शरीर के विभिन्न अंगों, उनकी कार्यप्रणाली, बीमारियों, और उनके उपचार के बारे में विस्तार से पढ़ाया जाता है। इसके साथ ही विभिन्न मेडिकल प्रक्रियाओं और सर्जरी की शिक्षा दी जाती है।

इस दौरान थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल नॉलेज भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। आपको मानव शरीर की एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, पैथोलॉजी, फार्माकोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, और फोरेंसिक मेडिसिन जैसे विषयों का अध्ययन करना होता है। इन सभी विषयों को समझना और उनमें कुशल होना आवश्यक है, क्योंकि इन पर आधारित आपकी भविष्य की चिकित्सा प्रैक्टिस होगी।

इंटर्नशिप

MBBS के अंतिम वर्ष में, आपको एक साल की अनिवार्य इंटर्नशिप करनी होती है। इस दौरान आप अस्पतालों में विभिन्न विभागों में काम करते हैं जैसे सर्जरी, मेडिसिन, प्रसूति और स्त्री रोग, बाल रोग, त्वचाविज्ञान आदि। यह आपके लिए एक सुनहरा अवसर होता है जब आप वास्तविक मरीजों के साथ काम करते हैं और जो कुछ आपने पढ़ा है उसे प्रैक्टिकल जीवन में लागू करते हैं।

इंटर्नशिप के दौरान, आपको वरिष्ठ Doctor के मार्गदर्शन में काम करने का मौका मिलता है, जो आपके कौशल को निखारने में मदद करता है। यह चरण आपको अनुभव प्रदान करता है जो आपकी आगे की प्रैक्टिस में बहुत काम आता है।

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पीजी प्रवेश परीक्षा (NEET PG / AIIMS PG / JIPMER PG)

इंटर्नशिप पूरी करने के बाद, अगर आप किसी विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता (MD/MS) प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको NEET PG जैसी परीक्षा देनी होती है। इसके अलावा, AIIMS PG, JIPMER PG जैसी परीक्षाएँ भी होती हैं जो प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थानों में प्रवेश के लिए होती हैं।PG प्रवेश परीक्षा में आपको अधिक उन्नत स्तर के सवालों का सामना करना पड़ता है, जिनमें आपको विषयों की गहरी जानकारी और समझ की आवश्यकता होती है। इस परीक्षा को पास करना भी कठिन होता है और इसमें काफी तैयारी की आवश्यकता होती है

MD/MS (विशेषज्ञता की पढ़ाई)

PG परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, आप किसी विशेष चिकित्सा क्षेत्र में MD (Doctor of Medicine) या MS (Master of Surgery) कर सकते हैं। यह पाठ्यक्रम 3 साल का होता है, और इसमें आपको उस विशेष क्षेत्र में गहन ज्ञान और प्रशिक्षण दिया जाता है।MD/MS की पढ़ाई के दौरान आपको अधिक विशेष और जटिल समस्याओं का समाधान करना सिखाया जाता है। यह आपके लिए विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञ बनने का पहला कदम होता है। कुछ लोकप्रिय विशेषज्ञता क्षेत्रों में मेडिसिन, सर्जरी, गायनेकोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, ऑर्थोपेडिक्स, आदि शामिल हैं।

सुपर-स्पेशियलाइजेशन (DM/MCh)

यदि आप किसी और भी उच्चतर स्तर पर जाना चाहते हैं, तो आप सुपर-स्पेशियलाइजेशन कर सकते हैं। इसके लिए आपको DM (Doctorate of Medicine) या MCh (Master of Chirurgical) की पढ़ाई करनी होती है। यह एक 3 साल का कोर्स होता है, और इसमें आप उस क्षेत्र में सर्वोच्च विशेषज्ञता प्राप्त करते हैं।सुपर-स्पेशियलाइजेशन के बाद, आप उस क्षेत्र के विशेषज्ञ Doctor के रूप में माने जाते हैं, और आपको जटिल सर्जरी, इलाज और उपचार के मामलों में माहिर माना जाता है।

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लाइसेंस और प्रैक्टिस

MBBS, MD/MS, या सुपर-स्पेशियलाइजेशन के बाद, आपको मेडिकल काउंसिल से लाइसेंस प्राप्त करना होता है ताकि आप कानूनी रूप से प्रैक्टिस कर सकें। इसके लिए आपको मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) या स्टेट मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। लाइसेंस प्राप्त करने के बाद, आप स्वतंत्र रूप से चिकित्सा प्रैक्टिस कर सकते हैं, अस्पताल में नौकरी कर सकते हैं, या अपना क्लिनिक खोल सकते हैं।

निरंतर शिक्षा और विकास

चिकित्सा एक ऐसा क्षेत्र है जो लगातार विकसित हो रहा है। नई-नई बीमारियों और उपचार पद्धतियों की खोज हो रही है। इसलिए, Doctor के लिए यह जरूरी होता है कि वे अपने ज्ञान को अपडेट करते रहें। इसके लिए विभिन्न सेमिनार, कार्यशालाओं और चिकित्सा सम्मेलनों में भाग लेना जरूरी होता है। इसके अलावा, आप नई शोध, चिकित्सा पत्रिकाओं और अन्य चिकित्सा स्रोतों के माध्यम से नवीनतम जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इससे आपकी चिकित्सा प्रैक्टिस को बेहतर बनाने में मदद मिलती है

मेडिकल प्रोफेशन की चुनौतियाँ

Doctor बनने के बाद, कई चुनौतियाँ सामने आती हैं। मरीजों की जान की जिम्मेदारी, समय की कमी, उच्च स्तर की नैतिकता का पालन करना, और निरंतर दबाव के बावजूद सही निर्णय लेने की क्षमता – ये सभी इस पेशे का हिस्सा हैं।कई बार काम के लंबे घंटे, आपातकालीन स्थितियों में तुरंत प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता, और मरीजों के साथ सहानुभूति रखते हुए भी तर्कसंगत निर्णय लेने की चुनौती होती है।

समर्पण और अनुशासन

Doctor बनने की राह केवल कठिन परिश्रम की ही नहीं, बल्कि अनुशासन, धैर्य और समर्पण की भी मांग करती है। इस क्षेत्र में सफलता पाने के लिए निरंतर मेहनत और शिक्षा की आवश्यकता होती है। चिकित्सा शिक्षा लंबी होती है और इसमें कई बार असफलता भी मिल सकती है, लेकिन निरंतर प्रयास और समर्पण के बिना यह संभव नहीं होता है।

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