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गर्मियों में Heat Stroke को कैसे ठीक करें

Heat Stroke  एक गंभीर स्थिति है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इसके लक्षणों को पहचानना, प्राथमिक उपचार देना और रोकथाम के उपाय अपनाना आवश्यक है।

Heat Stroke एक गंभीर गर्मी से संबंधित बीमारी है, जो समय पर इलाज न मिलने पर जानलेवा हो सकती है। यह तब होता है जब शरीर की तापमान नियंत्रक प्रणाली अत्यधिक गर्मी, अत्यधिक शारीरिक परिश्रम या पानी की कमी के कारण विफल हो जाती है। बढ़ते वैश्विक तापमान के कारण, Heat Stroke आम होता जा रहा है, इसलिए इसे रोकने और प्रभावी ढंग से इलाज करने की समझ होना आवश्यक है। यह गाइड आपको हीट स्ट्रोक के लक्षण, कारण, प्राथमिक उपचार और दीर्घकालिक रोकथाम रणनीतियों के बारे में विस्तार से बताएगा।

Heat Stroke

Heat Stroke एक मेडिकल इमरजेंसी है जिसमें शरीर का तापमान 104°F (40°C) से अधिक हो जाता है। हीट एक्सॉशन के विपरीत, जिसे आराम और हाइड्रेशन से प्रबंधित किया जा सकता है, हीट स्ट्रोक के लिए तत्काल चिकित्सा ध्यान आवश्यक होता है क्योंकि यह अंग विफलता या मृत्यु का कारण बन सकता है।

हीट स्ट्रोक के लक्षण

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Heat Stroke के लक्षणों को जल्दी पहचानना प्रभावी उपचार के लिए आवश्यक है। सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:

  • उच्च शरीर का तापमान (104°F/40°C से अधिक)
  • भ्रम, चक्कर आना या मानसिक अस्थिरता
  • तेज़ हृदय गति और सांस
  • गर्म, लाल और शुष्क त्वचा (पसीने का अभाव)
  • गंभीर सिरदर्द
  • मतली और उल्टी
  • बेहोशी या मूर्छा
  • मांसपेशियों में ऐंठन और कमजोरी

हीट स्ट्रोक के कारण

हीट स्ट्रोक कई कारणों से हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:

  1. लंबे समय तक उच्च तापमान में रहना: बिना सुरक्षा के लंबे समय तक धूप में रहने से शरीर ज़्यादा गर्म हो सकता है।
  2. पानी की कमी: पर्याप्त पानी न पीने से शरीर का ठंडा करने का तंत्र बाधित हो जाता है।
  3. अत्यधिक शारीरिक गतिविधि: अत्यधिक गर्मी में व्यायाम या परिश्रम करने से Heat Stroke का खतरा बढ़ जाता है।
  4. भारी कपड़े पहनना: मोटे, गहरे रंग के या हवा न निकलने वाले कपड़े गर्मी को फंसा सकते हैं।
  5. कुछ दवाइयों का सेवन: मूत्रवर्धक, एंटीहिस्टामाइन और एंटीडिप्रेसेंट जैसी दवाएं शरीर की गर्मी नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं।
  6. पूर्व स्वास्थ्य स्थितियाँ: हृदय रोग, मोटापा या श्वसन संबंधी विकार वाले लोग अधिक संवेदनशील होते हैं।

हीट स्ट्रोक के लिए प्राथमिक उपचार

यदि कोई व्यक्ति Heat Stroke के लक्षण दिखा रहा है, तो तुरंत ये कदम उठाएं:

व्यक्ति को ठंडी जगह पर ले जाएं

  • उसे छायादार या एयर-कंडीशन्ड जगह पर ले जाएं।
  • शरीर को ठंडा करने के लिए अतिरिक्त कपड़े हटा दें।

शरीर का तापमान कम करें

  • बगल, कमर और गर्दन पर ठंडी पट्टियां या बर्फ के पैक लगाएं।
  • पंखे का उपयोग करते हुए ठंडे पानी का छिड़काव करें।
  • यदि संभव हो, तो व्यक्ति को ठंडे पानी के स्नान में डालें।
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हाइड्रेशन

  • यदि व्यक्ति सचेत है, तो उसे ठंडा पानी या इलेक्ट्रोलाइट युक्त पेय धीरे-धीरे पिलाएं।
  • कैफीन और शराब से बचें क्योंकि ये निर्जलीकरण को बढ़ा सकते हैं।

आपातकालीन चिकित्सा सहायता लें

  • यदि लक्षण 15 मिनट से अधिक समय तक बने रहें या बिगड़ते जाएं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें।
  • चिकित्सा सहायता आने तक ठंडा करने की प्रक्रिया जारी रखें।

Heat stroke से बचने के लिए 5 आवश्यक सुझाव

हीट स्ट्रोक की रोकथाम

Heat Stroke को रोकना इसका इलाज करने से आसान है। गर्मी में सुरक्षित रहने के लिए इन सुझावों का पालन करें:

1. हाइड्रेटेड रहें

  • प्रतिदिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
  • नारियल पानी या स्पोर्ट्स ड्रिंक जैसे इलेक्ट्रोलाइट-युक्त पेय का सेवन करें।
  • तरबूज, खीरा, संतरा जैसे पानी से भरपूर फल खाएं।

2. उचित कपड़े पहनें

  • हल्के, ढीले और हल्के रंग के कपड़े पहनें।
  • सीधी धूप से बचने के लिए टोपी और धूप का चश्मा पहनें।

3. तेज धूप में जाने से बचें

  • 10 AM से 4 PM के बीच बाहर जाने से बचें, जब धूप सबसे तेज होती है।
  • व्यायाम या शारीरिक कार्य सुबह या शाम को करें।

4. सनस्क्रीन का उपयोग करें

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  • बाहर जाने से पहले SPF 30 या उससे अधिक का ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन लगाएं।
  • पसीना आने या तैराकी करने के बाद हर 2 घंटे में फिर से लगाएं।

5. ठंडी जगहों पर रहें

  • घर के अंदर कूलर, पंखे या एयर कंडीशनर का उपयोग करें।
  • यदि बाहर काम करना जरूरी हो, तो छायादार जगहों पर ब्रेक लें।

6. संवेदनशील व्यक्तियों का ध्यान रखें

  • बुजुर्गों, बच्चों और स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त लोगों पर विशेष ध्यान दें।
  • सुनिश्चित करें कि वे हाइड्रेटेड रहें और गर्मी से बचें।

7. गर्मी के अनुकूल बनें

  • धीरे-धीरे गर्म मौसम के अनुकूल खुद को तैयार करें।
  • अधिक पानी पिएं और यदि आप गर्म जलवायु में नए हैं, तो काम के बीच में ब्रेक लें।

Heat stroke: कैसे पता चलेगा कि बच्चे को हीट स्ट्रोक है?

हीट स्ट्रोक से जुड़े मिथक और सच्चाई

केवल एथलीट्स को हीट स्ट्रोक होता है।

सच्चाई: कोई भी व्यक्ति Heat Stroke का शिकार हो सकता है, चाहे वह बच्चा हो, बुजुर्ग हो, या ऑफिस में काम करने वाला व्यक्ति।

बहुत ठंडा पानी तुरंत हीट स्ट्रोक को ठीक कर सकता है।

सच्चाई: ठंडा पानी मदद करता है, लेकिन शरीर को धीरे-धीरे ठंडा करना आवश्यक है ताकि शॉक न लगे।

अधिक पसीना आने का मतलब है कि हीट स्ट्रोक नहीं होगा।

सच्चाई: पसीना शरीर को ठंडा करता है, लेकिन अत्यधिक गर्मी में शरीर का कूलिंग सिस्टम असफल हो सकता है, जिससे Heat Stroke हो सकता है।

निष्कर्ष

Heat Stroke  एक गंभीर स्थिति है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इसके लक्षणों को पहचानना, प्राथमिक उपचार देना और रोकथाम के उपाय अपनाना आवश्यक है। हाइड्रेटेड रहें, उपयुक्त कपड़े पहनें और अत्यधिक गर्मी से बचें ताकि आप गर्मियों का आनंद सुरक्षित रूप से उठा सकें। संदेह की स्थिति में, तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

ठंडे रहें और सुरक्षित रहें!

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